‘पैसे लिया नहीं, मैं नहीं जाऊंगा’, रंगे हाथ घूस लेते हुए पकड़ा गया लेखपाल, टांग कर ले गई विजिलेंस की टीम
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सदर तहसील में उस समय हड़कंप गया जब विजिलेंस टीम ने दल बल के साथ एक लेखपाल को घूस…
ADVERTISEMENT

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सदर तहसील में उस समय हड़कंप गया जब विजिलेंस टीम ने दल बल के साथ एक लेखपाल को घूस लेने की एवज में रंगे हाथों पकड़ लिया. इस दौरान आरोपी लेखपाल ने कहा, “पैसे लिया नहीं, मैं नहीं जाऊंगा.”
अमन त्रिपाठी नामक व्यक्ति को हैसियत प्रमाण पत्र बनवाना था. जिसके चलते उसने सदर तहसील के लेखपाल अवनीश चंद्र ओझा से संपर्क किया और हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कहा.
आरोप है कि हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने की एवज में लेखपाल अवनीश चंद्र ओझा ने अमन त्रिपाठी से 15 हजार रुपए की मांग की. जिसके कारण अमन त्रिपाठी द्वारा शिकायतकर्ता बन इसकी शिकायत सतर्कता अनुष्ठान में की गई.
"पैसे लिया नहीं, मैं नहीं जाऊँगा"
लखनऊ तहसील सदर में रंगे हाथ घूस लेते हुए पकड़ा गया लेखपाल, साथ जाने से मना किया तो टांग कर ले गई एंटी करप्शन टीम।#Lucknow #Corruption #वायरल_यूपीतक pic.twitter.com/OpxER3GwBN
— UP Tak (@UPTakOfficial) September 18, 2023
यह भी पढ़ें...
ऐसे में मामले का संज्ञान लेते हुए विजिलेंस की टीम अवनीश चंद्र ओझा को रंगे हाथों पकड़ने के लिए तहसील सदर पहुंची और जहां विजिलेंस की टीम ने पाया कि लोकपाल ओझा अमन त्रिपाठी से हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 15 हजार रुपए की मांग की और अमन त्रिपाठी से 15 हजार रुपए ले लिए, लेकिन तभी विजिलेंस टीम ने लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
हालांकि, लेखपाल ने खुद को बचाने के लिए तुरंत रुपयों को अपने पास छुपा लिया, लेकिन जब उसकी तलाशी हुई तो इस दौरान लेखपाल कुछ न कर सका और उसके पास से रिश्वत वाले 15 हजार रुपए मिल गए.
वहीं, सतर्कता अधिष्ठान द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि रिश्वत लेने की एवज में लेखपाल के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान थाने में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.