राज परिवार से नाता और जन्म के समय हुआ चमत्कार! जानें कौन हैं साध्वी आशुतोषांबरी जिन्होंने एक महीने से ली है समाधि
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साध्वी आशुतोषांबरी पिछले 34 दिनों से समाधि में लीन है और उनकी समाधि की चर्चा पूरे देशभर में है.
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साध्वी आशुतोषांबरी पिछले 34 दिनों से समाधि में लीन है और उनकी समाधि की चर्चा पूरे देशभर में है. बता दें कि साध्वी आशुतोषांबरी ने अपने गुरू आशुतोष महाराज को समाधि से वापस लाने के लिए समाधि ली है. समाधि से वापस आने का आशुतोषांबरी के महीनेभर का समय अब पूरा हो चुका है. अब इसी के साथ समाधि का सस्पेंस बढ़ चुका है. समाधि की इस रहस्यमयी कहानी को समझने के लिए बैकड्रॉप में झांकना जरूरी है.
राज परिवार से रखती हैं नाता
बता दें कि साध्वी आशुतोषांबरी बिहार के दरभंगा की रहे राज परिवार की रहने वाली हैं. जिनका नाता राजा परिवार से भी है लेकिन पिता दिल्ली में आ गए थे, जहां वह साधना और ध्यान में ही रहते थे. जानकारी के मुताबिक जब साध्वी का जन्म हुआ उस समय ऐसा प्रकाश हुआ कि लोगों को लगा की लाइट आ गई. इसके बाद से ही साध्वी साधना में बड़ी होती गई. इस दौरान दिव्या ज्योति संस्थान के महाराज आशुतोष के संपर्क में आई. उन्होंने मां आशुतोषांबरी के प्रचार प्रसार के लिए उनको आगे आने को कहा. इसके बाद वह पहले तिहाड़ जेल में कैदियों को जागरूक करती थीं और वहीं पर साधना, प्रचार- प्रसार करती थीं. जेल में सत्संग सुधारक के रूप में कार्य कर रही थी.
पांच वर्ष पहले शुरू किया था आश्राम
दिव्या ज्योति संस्थान के साधू महादेव महाराज के मुताबिक, 'साध्वी आशुतोषांबरी लखनऊ के आनंद आश्रम तकरीबन 5 वर्ष पूर्व यहां पर आई थी. उस दौरान कोविड के दौरान जिस बिल्डिंग में आश्रम चल रहा है उसमें एक स्कूल चल रहा था. कोविड की वजह से स्कूल बंद हो गया था जिसकी जमीन और मकान साध्वी को दान दे दी गई और वहीं पर उन्होंने आश्रम शुरू कर लिया. वह आश्रम में तकरीबन 40 से 50 अनुयाइयों के साथ रहा करती थी.'
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एक महीने पहले ली समाधि
गौरतलब है कि लखनऊ की जानकीपुरम सीतापुर रोड स्थित आनंद आश्रम जो किस 25 साल पुराना है. गुरु मां आशुतोष्मबरी ने 28 जनवरी को समाधि ली थी और उससे पहले एक वीडियो भी जारी किया था. मगर एक महीना बीत जाने के बाद भी ना आशुतोष महाराज समाधि से वापस लौटे हैं और न ही उन्हें बुलाने के लिए समाधि में गईं उनकी शिष्या आशुतोषांबरी के शरीर में कोई हलचल है. वहीं बीते एक महीने से उनका शरीर आश्रम में है. उनके शरीर में कई तरह के लेप लगे हैं. उनके शिष्या दिन रात खयाल रख रहे हैं. अब आनंद आश्रम में साध्वी आशुतोषांबरी के अनुयायियों ने उनके इर्द गिर्द समाधि से वापस लाने के लिए हवन शुरू कर दिया है.
गुरू को वापस लाने के लिए उठाया ये कदम
वहीं अनुयायियों के द्वारा मां आशुतोषांबरी ने यह कहा कि, 'वह आशुतोष महाराज जो कि पंजाब के जालंधर में 10 सालों से डीप फ्रीजर में है उनको जागृत करने के लिए अब उनको ही समाधि लेनी होगी. यही वजह है कि उन्होंने उनको जागृत करने के लिए समाधि ली. यह भी कहा कि वह समाधि लेने के बाद आशुतोष महाराज को जगाने के बाद में वापस आ जाएंगे लेकिन 34 दिन हो गए हैं साध्वी आशुतोषांबरी अभी तक वापस नहीं आई.'
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