लखनऊ में बड़े बैंक की महिला अधिकारी को ऑफिस में ही आया हार्ट अटैक! गिर पड़ीं और फिर उठी ही नहीं
Lucknow Heart attack news: लखनऊ में एक प्रतिष्ठित बैंक में काम करने वाली महिला अधिकारी की वर्क ऑवर के दौरान हुई तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई है.
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Lucknow Heart attack news: लखनऊ में एक प्रतिष्ठित बैंक में काम करने वाली महिला अधिकारी की वर्क ऑवर के दौरान हुई तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि महिला अधिकारी लंच कर रही थीं और वह गिर पड़ीं. जिस तरीके से मौत हुई उसको देखकर अंदेशा जताया जा रहा है कि महिला अधिकारी को हार्ट अटैक आया. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने महिला अधिकारी की मौत को काम के दबाव और तनाव जैसे संवेदनशील विषय से भी जोड़कर देखा है. अखिलेश ने एक बड़ी अपील भी की है.
महिला अधिकारी की कैसे हुई मौत, पूरा वाकया जानिए
यह मामला लखनऊ में एचडीएफ़सी बैंक से जुड़ा बताया जा रहा है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक महिला अधिकारी की अचानक मौत तब हुई जब वह लंच करने के लिए ऑफिस में बैठी ही थीं. इसी दौरान वह बेसुध होकर ज़मीन पर गिर गईं. महिला अधिकारी फिर उठ नहीं पाईं और उनकी मौत हो गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा है. वैसे तो हार्ट अटैक का अंदेशा जताया जा रहा है. बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की असल वजह पता चल सकेगी.
महिला अधिकारी का नाम सदब फातिमा
लखनऊ के विभूति खंड थाना क्षेत्र को एचडीएफ़सी बैंक में काम करने वाली इस महिला अधिकारी का नाम सदब फ़ातिमा था. ये लखनऊ के वजीर गंज की रहने वाली थीं. जब वह लंच के दौरान नीचे गिरीं, तो बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी.
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अखिलेश यादव क्या बोले?
अखिलेश यादव ने मंगलवार देर रात इस मामले को लेकर अपने आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट लिखी. इसमें उन्होंने एक न्यूज प्लेटफॉर्म की न्यूज शेयर करते हुए लिखा, 'लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है.'
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, 'ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं. इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा. ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है. ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं. किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है.'
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अखिलेश ने इस मामले को भाजपा सरकार की नाकामी से जोड़ा
अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा है. अखिलेश ने आगे लिखा, 'भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं. ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी. इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए.'
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