लखनऊ में हुई ऋत्विक पांडे की हत्या केस में अखिलेश-BJP MLA आमने-सामने, जानें क्या है पूरा मामला
UP News: लखनऊ के बंथरा गांव में बीते शनिवार के दिन गांव के एक हिस्से में बिजली नहीं आने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था. इसमें ऋत्विक पांडे नाम के युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में अखिलेश यादव और भाजपा विधायक आमने-सामने आ गए हैं. जानिए ये पूरा मामला
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UP News: लखनऊ के बंथरा गांव में बीते शनिवार के दिन गांव के एक हिस्से में बिजली नहीं आने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था. इसमें ऋत्विक पांडे नाम के युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. पीड़ित परिवार का आरोप है कि हत्या के एक सप्ताह बाद भी पुलिस ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है. इसी के साथ अब इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने इस मामले का जिक्र करते हुए भाजपा सरकार को घेरा है और भाजपा के विधायक को भी कटघरे में खड़ा किया है. अब ये पूरा विवाद ब्राह्मण बनाम ठाकुर होता जा रहा है.
पहले जानिए पूरा मामला
बीते शनिवार रात लखनऊ के बंथरा गांव में बिजली सप्लाई को लेकर दो पक्षों में बवाल हुआ. दरअसल रात करीब 10 बजे से बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी. मगर ऋत्विक पांडे के इलाक़े में बिजली की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी थी. इस दौरान ऋतिक एक-दो लोगों के साथ बिजली नहीं आने पर अपने घर से बाहर आ गया और मौके पर पहुंच गया.
दूसरी तरफ से गांव के ही रिशू सिंह व अन्य लोग मौके पर आ गए. बिजली सप्लाई शुरू करने को लेकर इन दोनों पक्षों के बीच विवाद और मारपीट शुरू हो गई. मिली जानकारी के मुताबिक, मामला शांत हो गया और ऋत्विक वापस अपने घर आ गया. आरोप है कि कुछ देर बाद रिशु और उसके परिवार वाले तमाम लोगों के साथ ऋत्विक के घर पहुंच गए और सभी ने मिलकर परिवार के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी. इस मारपीट के दौरान ऋत्विक की मौत हो गई तो उसके पिता और भाई घायल हो गए. पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की.
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परिवार का आरोप है कि आरोपी परिवार के सत्ता पक्ष से अच्छे संबंध हैं. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच डीसीपी साउथ जोन तेज रूप सिंह ने एसीपी को सौंप दी है. मामले में 2 दारोगा समेत 1 सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. मगर पीड़ित परिवार का कहना है कि हत्याकांड में नामजद किए गए हिमांशु सिंह, प्रियांशु सिंह, अवनीश सिंह, प्रत्युष सिंह, सनी सिंह में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. दूसरी तरफ पीड़ित परिवार अब दहशत में गांव छोड़ने की बात कर रहा है. आपको ये भी बता दें कि इन दोनों परिवार में पहले भी विवाद हो चुका है. मृतक के पिता का कहना है कि साल 1992 में इस परिवार के सदस्यों ने उनके चाचा की भी हत्या की थी. नीचे दिए गए वीडियो में देखिए आखिर अखिलेश और भाजपा विधायक ने इस घटना को लेकर क्या-क्या कहा?
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