मिलिए उस शख्स से जिनकी वजह से मुख्तार को मिली 7 साल की सजा, जब सब डरे तब ये अड़े रहे

संतोष शर्मा

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने साल 2003 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 7 साल की कैद की सजा सुनाई है. मामला जेलर को पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी से जुड़ा था. सजा का ऐलान होने के बाद यूपी तक पहुंचा उस जेलर एसके अवस्थी के पास जो अकेले ही बाहुबली के खिलाफ लड़े और सजा दिलवाई. इस लड़ाई में पहले कई गवाह थे जो होस्टाइल हो गए.

साल 2003 में लखनऊ जेल में बंद रहे तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी से कुछ लोग जेल में मिलने के लिए पहुंचे थे. असलहों से लैस होकर मुलाकात करने पहुंचे लोगों की तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने जब तलाशी लेनी चाहिए तो जेल की कोरनटाइन जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने इस पर एतराज जताया. बात इतनी बढ़ गई कि मुख्तार अंसारी ने मुलाकाती की पिस्टल निकालकर धमकी दी. जेलर एसके अवस्थी की तरफ से लखनऊ के आलमबाग थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

जेलर एसके अवस्थी ने यूपी तक को बताया- मैंने मुलाकाती से बिना तलाशी मुलाकात का विरोध किया तो मुख्तार अंसारी ने मुलाकाती की ही पिस्टल निकालकर मेरे ऊपर तान दी. बाद में मेरे जेल कर्मियों ने बताया कि मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा था. मैंने आलमबाग थाने में एफआईआर करवाई. इस केस में कोर्ट में पहली बार गवाही, मेरे रिटायरमेंट के एक साल बाद 2014 में हुई.

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कोर्ट में इस केस में जब गवाही की बारी आई तो मेरी ही जेल के अन्य जेलकर्मी होस्टाइल हो गए. जिसकी वजह से केस लोअर कोर्ट से छूट गया था, लेकिन सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में पैरवी की और जिसका नतीजा है मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा हुई है.

जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, मिली 7 साल की सजा, लगा जुर्माना

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