NASA को हो जाता बहुत बड़ा नुकसान अगर कानपुर के 16 साल के युवराज ने करते ये काम, अब उन्हें मिला ये इनाम 

सिमर चावला

Kanpur News: कानपुर के कक्षा 11 में पढ़ने वाले छात्र युवराज गुप्ता (16) ने NASA की वेबसाइट में एक गंभीर सुरक्षा खामी खोजी है. अब NASA ने दिया उन्हें ये इनाम.

ADVERTISEMENT

Yuvraj Gupta
Yuvraj Gupta
social share
google news

Kanpur News: कानपुर के कक्षा 11 में पढ़ने वाले छात्र युवराज गुप्ता (16) ने NASA की वेबसाइट में एक गंभीर सुरक्षा खामी खोजी है. इस बग के जरिए कोई भी NASA की आधिकारिक ईमेल से नकली संदेश भेज सकता था. कई साइबर विशेषज्ञ इस खामी को नहीं पकड़ पाए, लेकिन युवराज ने इसे ढूंढ निकाला. इसके लिए NASA ने उन्हें प्रशंसा पत्र और ‘हॉल ऑफ फेम’ में स्थान देकर सम्मानित किया है.

कौन हैं युवराज गुप्ता?

युवराज सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉले (दामोदर नगर) में पढ़ते हैं और उन्होंने कक्षा 10 में 79.4% अंक प्राप्त किए. सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने यूट्यूब, ऑनलाइन कोर्स और किताबों के जरिए एथिकल हैकिंग सीखी. NASA के बग बाउंटी प्रोग्राम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने एक ऐसा बग खोजा, जिससे NASA के नाम से फर्जी ईमेल भेजे जा सकते थे.

लगभग दो हफ्ते तक लगातार कोशिशों के बाद जब वह हार मानने वाले थे, एक रात उन्हें NASA के एक उपडोमेन में यह खामी दिखी. उन्होंने पूरी रिपोर्ट बनाकर वीडियो सहित NASA को भेजी. यही नहीं उन्होंने फर्जी ईमेल और खुफिया जानकारी हासिल कर रहे बग की भी जानकारी प्राप्त की. युवराज गुप्ता की इस उपलब्धि के लिए नासा ने प्रशस्ति पत्र के साथ नासा के हॉल आफ फेम में शामिल किया है.

यह भी पढ़ें...


वाई-फाई हैकिंग से लेकर पुलिस को ट्रेनिंग देने तक

युवराज को साइबर सुरक्षा में रुचि कक्षा 6 से ही थी, जब उन्होंने पहली बार वाई-फाई पासवर्ड हैक करने की कोशिश की थी. समय के साथ उन्होंने खुद को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया. साल 2024 में वे एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी के संस्थापक से सोशल मीडिया पर जुड़े और उन्हें देशभर के पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध से निपटने की ट्रेनिंग देने का मौका मिला.

परिवार का सहयोग

आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद युवराज का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. उनकी बहन की छात्रवृत्ति और पिता की मदद से उन्हें एक लैपटॉप मिला, जिससे उन्होंने अपने हुनर को निखारा.

सरकारी सहायता की कमी

इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद युवराज को अभी तक किसी भी सरकारी संस्था से सहायता नहीं मिली है. वे चाहते हैं कि सरकार ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को प्रोत्साहन दे. उन्होंने उड़ीसा और महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइटों में भी बग खोजे, लेकिन अब तक कोई उन्हें कोई रिस्पांस नहीं मिला. युवराज अपने माता-पिता और दो बहनों के साथ नौबस्ता, कानपुर में रहते हैं और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखे हुए हैं.
 

    follow whatsapp