यूपी में घर की छत पर लगवाएं मोबाइल टावर और कमाएं ₹1 लाख तक, बस करना होगा ये काम
Mobile Tower Income: जानिए घर की छत पर मोबाइल टावर लगाने की प्रक्रिया, आवश्यक नियम, संभावित आय और धोखाधड़ी से कैसे बचें.
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Mobile Tower Income: उत्तर प्रदेश में अगर आप अपने घर की छत पर मोबाइल टावर लगवाने की सोच रहे हैं, तो यह निर्णय आपके लिए आर्थिक रूप से लाभकारी हो सकता है. हालांकि, इसके लिए कुछ कानूनी प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करना अनिवार्य है.
क्या हैं मोबाइल टावर लगाने के लिए आवश्यक नियम
मंजूरी और अनुमति: टेलीकॉम कंपनियों को स्थानीय नगर निगम या प्राधिकरण से टावर लगाने की अनुमति लेनी होती है. इसके लिए भवन की संरचनात्मक स्थिरता का प्रमाणपत्र, नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) और अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता होती है.
स्थान की आवश्यकताएं: टावर लगाने के लिए छत पर कम से कम 1200 वर्ग फुट का स्थान होना चाहिए. साथ ही, भवन की ऊंचाई और संरचना टावर के वजन को सहन करने योग्य होनी चाहिए.
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स्वास्थ्य और सुरक्षा मानक: टावर से निकलने वाले विकिरण के लिए सरकार द्वारा निर्धारित सीमा का पालन करना आवश्यक है. उदाहरण के लिए, 900 MHz के लिए 0.45 वॉट/मी² की सीमा निर्धारित की गई है.
मोबाइल टावर से होने वाली आय
मोबाइल टावर लगाने से होने वाली मासिक आय स्थान और क्षेत्र के अनुसार भिन्न होती है:
- ग्रामीण क्षेत्र: ₹5,000 से ₹15,000 प्रति माह
- शहरी क्षेत्र: ₹30,000 से ₹1,00,000 प्रति माह
आय को 'हाउस प्रॉपर्टी' की आय माना जाता है, जिस पर आयकर अधिनियम की धारा 24(a) के तहत 30% की कटौती का लाभ मिलता है.
धोखाधड़ी से सावधान रहें
मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए हैं. कुछ फर्जी कंपनियां टावर लगाने के लिए अग्रिम राशि मांगती हैं और फिर गायब हो जाती हैं. इसलिए, किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले कंपनी की वैधता की जाँच करें और किसी भी प्रकार की अग्रिम राशि न दें.
घर की छत पर मोबाइल टावर लगवाना एक स्थायी आय का स्रोत बन सकता है, बशर्ते कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं और सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए. साथ ही, किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है.
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