मनीष गुप्ता केस: गिरफ्तार किए गए दोनों पुलिसकर्मी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए

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गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में मुख्य आरोपी थाना प्रभारी रहे जगत नारायण सिंह और चौकी इंचार्ज (फल मंडी) अक्षय मिश्रा को गोरखपुर पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. बांसगांव पुलिस ने दोनों आरोपियों को फिल्मी अंदाज में रामगढ़ताल क्षेत्र के देवरिया बाईपास तिराहा से रविवार शाम करीब 5 बजे घटना के 14वें दिन बाद गिरफ्तार किया.

शाम 5 बजे से लगातार 6 घंटे चली पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को देर रात 11.20 बजे थाने से ले जाकर 11.30 बजे करीब एसीजेएम फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें देर रात 1.10 बजे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

एक-एक लाख रुपये का इनाम हुआ था घोषित

एसआईटी कानपुर ने घटना के 13वें दिन यानी शनिवार को प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह, अक्षय कुमार मिश्रा, विजय कुमार यादव, राहुल दुबे, कमलेश यादव और प्रशांत कुमार पर एक-एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था. इनकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी कानपुर की टीम के अलावा गोरखपुर पुलिस की 14 टीमों को भी लगाया गया था. आखिरकार गोरखपुर की बांसगांव पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली और दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद थाने लाया गया, इसके बाद उनके साथ एसआईटी कानपुर के जांच अधिकारी आनंद प्रकाश तिवारी और गोरखपुर के एसएसपी विपिन ताडा के साथ अन्य अधिकारियों ने भी छह घंटे तक गहन पूछताछ की. इस दौरान उनका बयान दर्ज करने के साथ ही वीडियोग्राफी भी की गई. कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी को भी सुरक्षा के लिए लगाया गया था.

क्या है ये मामला?

आपको बता दें कि गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की 27/28 सितंबर की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके चेहरे, सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरे चोट के निशान मिले थे. सिर में चोट लगने की वजह से उनके मौत की पुष्टि हुई थी. हरियाणा के गुड़गांव के रहने वाले उनके दोस्त हरबीर सिंह, दिल्ली के प्रदीप, गोरखपुर के चंदन सैनी, राणा प्रताप चंद ने थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मियों पर पीटकर हत्या का आरोप लगाया था.

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इस मामले में पुलिस ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की तहरीर के आधार पर थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, चौकी इंचार्ज फल मंडी अक्षय मिश्रा और उप-निरीक्षक विजय यादव समेत तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोपी बनाया था. बाद में एसआईटी ने एसआई राहुल दुबे, कॉन्स्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को भी नामजद कर लिया था.

एसआईटी ने मामले में 36 लोगों के बयान दर्ज किए

घटना के बाद मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी की मांग पर दो दिन बाद ही विवेचना एसआईटी कानपुर को दे दी गई थी. इसके बाद गोरखपुर पहुंची एसआईटी कानपुर की टीम ने एक-एक कर साक्ष्यों को जुटाने के साथ बयान भी दर्ज किए. इस मामले में कुल 36 लोगों के बयान दर्ज किए गए.

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अब देखना ये है कि पुलिस अन्य आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर पाती है. फिलहाल एसआईटी दोनों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) के लिए आवेदन कर सकती है, जिससे गहनता से पूछताछ के साथ साक्ष्य और सबूत जुटाए जा सकें.

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