कानपुर: GSVM मेडिकल कॉलेज में फैला स्वाइन फ्लू, एक छात्रा गंभीर, हरकत में आई योगी सरकार

सिमर चावला

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GSVM Kanpur News: कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में कईं छात्राएं स्वाइन फ्लू एच1 एन1 वायरस की चपेट में आ गई हैं. इस पूरे मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है, जिसके बाद तीन सदस्यीय एक जांच टीम गठित की गई है, जो कानपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचकर सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है. इस जांच कमेटी में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, वाइस चांसलर केजीएमयू और मंडला आयुक्त कानपुर शामिल हैं.

गौरतलब है कि एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा पाखी के बाद उसकी रूममेट समेत गर्ल्स हॉस्टल की तीन और मेडिकल छात्राएं भी वायरस की चपेट में आई हैं. केजीएमयू की रिपोर्ट में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एच1 एन1 संक्रमण की पुष्टि की गई है. दरअसल 5 मेडिकल छात्राओं के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट मिली है. इसमें एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा आकांक्षा (23), अरफा खान (20) पाखी की रूममेट प्रसून (22) में इंफ्लूएंजा ए वायरस (एच1एन1) की पुष्टि हुई है. इससे पहले वेंटीलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही पाखी में भी स्वाइन फ्लू के इसी वायरस की पुष्टि हुई थी.

इस घटना से पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में दहशत का माहौल है और एमबीबीएस तृतीय वर्ष के कई छात्र अपने-अपने घर चले गए हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) डॉ. विपिन पुरी के साथ एलएलआर अस्पताल (हैलट) इमरजेंसी स्थित आइसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती मेडिकल छात्रा समेत चार स्वाइन फ्लू पीड़ित छात्राओं से मिले और उनका हाल जाना.

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आपको बता दें कि, कानपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थर्ड ईयर की छात्रा पाखी श्रीवास्तव को बुखार आने के बाद उसे इमरजेंसी में एडमिट कराया गया था. उसकी कंडीशन इस कदर बिगड़ी कि उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है. वहीं, न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक एमआईआर करने के बाद उसके दिमाग के कुछ हिस्से में धब्बे मिले हैं. छात्रा के हार्ट में भी प्रॉब्लम मिली है. एमआरआई के बाद पता चला है कि ब्रेन में क्लॉटिंग के अलावा सूजन है.

उधर पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने छात्राओं का हाल लिया और डॉक्टरों को निर्देश दिए. इसके साथ-साथ उन्होंने छात्रा के इलाज के लिए अपनी तरफ से भी हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है, ”कैंपस में सुअरों का जमावड़ा रहता है. कैंपस में बीमारी फैलने को लेकर इनका बड़ा कारण हो सकता है. फिलहाल 7 मेडिकल छात्रों में बुखार के सिम्टम्स हैं. इनकी जांच कराई गई है. इसके अलावा 70 अन्य छात्रों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.” उन्होंने आगे बताया कि, “गंभीर छात्रा पाखी के इलाज का खर्च मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर उठा रहे हैं. इलाज के लिए 13 इजेक्शन मंगवाए गए हैं, जिनकी कीमत लगभर डेढ़ लाख रुपये है.”

(कानपुर से रंजय सिंह के इनपुट्स के साथ)

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