गोरखपुर: डेंगू के साथ स्क्रब टायफस का भी हमला, इस जानलेवा बीमारी से ऐसे होगा बचाव

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में लोग जहां टाइगर मच्छर के काटने वाले डेंगू बुखार के खौफ में जी रहे हैं. वहीं स्क्रब टायफस ने भी लोगों की चिंता बढ़ा दी है. स्वास्थ्य महकमा लोगों को जागरूक कर रहा है. लेकिन हर रोज 4 से 5 की संख्या में मिलने वाले मरीज स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा रहे हैं. टाइगर मच्छर ने जहां शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी आतंक मचा रखा है तो वहीं स्क्रब टायफस ने अब तक 9 लोगों को अपनी चपेट में लिया है. हालांकि डेंगू और स्क्रब टायफस से गोरखपुर में किसी के भी मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है.

स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि दोनों बुखार में काफी समानता है. लेकिन डेंगू मच्छर काटने से होता है और स्क्रब टाइफस एक कीट के काटने से होता है. दोनों की जांच और इलाज भी अलग-अलग है. हालांकि बुखार के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं.

बता दें कि पूर्वी यूपी डेंगू के साथ ही स्क्रब टायफस की चपेट में भी है. तेज बुखार के साथ सिर में दर्द, प्लेटलेट्स का कम होना इन दोनों बुखार के आम लक्षण है. लेकिन स्क्रब टायफस के मरीजों में शरीर पर लाल चकत्ते भी पाए जाते हैं. आंख के पिछले हिस्से में दर्द होने के लक्षण से दोनों बुखार के अलग अलग पहचान होती है. स्क्रब टायफस में बच्चों के चपेट में आने की संख्या अधिक है. इसमें डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया एक्यूट इंसेफेलाइटिस के भी मरीज मिल रहे हैं. एईएस के दो मरीजों में भी डेंगू की पुष्टि हुई है.गोरखपुर के सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि डेंगू कम होना शुरू हो गया है. बारिश को गुजरे एक माह हो गया है. पानी भी कम लग रहे हैं. ठंड की दस्‍तक हो चुकी है. डेंगू के लार्वा मिलने की संख्‍या में भी कमी आई है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

पॉजिटिव मरीज बार-बार टेस्‍ट करा रहे हैं इसलिए संख्‍या आ रही है. डेंगू के मरीज कम होने के बावजूद फागिंग और छिड़काव के साथ जिला मलेरिया अधिकारी स्‍कूलों में जागरूकता फैला रहे हैं. गांव में आशा और ऐनम लगातार सीख दे रही हैं. गंभीर मरीजों को अस्‍पताल पहुंचाया जा रहा है. संचारी रोग पखवाड़ा एक साथ कई विभाग मिलकर मनाते हैं. जागरूकता फैलाने का कार्य किया जाता है.

डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि गोरखपुर में अब तक 256 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. 162 नगर निगम और 94 मरीज ग्रामीण क्षेत्र के हैं. 4 एईएस के मरीजों में भी डेंगू की पुष्टि हुई है. स्‍क्रब टाइफस के जनवरी से अब तक 9 लोग पॉजिटिव मिले हैं. इन सभी का इलाज कर दिए गए हैं.

डेंगू और स्‍क्रब टाइफस के मरीजों का एलाइजा टेस्‍ट अलग-अलग होता है. डेंगू मरीजों की आंख की पुतली के नीचे तेज दर्द होता है. ये डेंगू के मरीजों की खास पहचान है. स्‍क्रब टाइफस में आंख की पुतली के नीचे दर्द नहीं होता है. डेंगू और स्‍क्रब टाइफस के मरीजों में प्‍लेटलेट्स कम होते हैं. स्‍क्रब टाइफस गोबरौला कीड़ा के काटने से फैलता है. डेंगू टाइगर मच्‍छर के काटने से होने वाली डिजीज है.

ADVERTISEMENT

गोरखपुर: महिला की हुई थी गला रेत कर हत्या! बेल पर आए आरोपी ने लिया इस बात का बदला, जानिए

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT