गोरखपुर: 7 जुलाई को गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के कार्यक्रम में पीएम मोदी होंगे शामिल

अभिषेक मिश्रा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के औपचारिक समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर के गीता प्रेस गोरखपुर में उत्साह का माहौल है और सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. यह पहली बार है जब कोई प्रधानमंत्री गीता प्रेस पहुंच रहा है. गीता प्रेस की शुरुआत 1923 में हुई थी, जो इस साल 100 साल पूरे कर रहा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को 2:30 बजे गीता प्रेस पहुंचेंगे और 3:15 बजे तक वहां रहेंगे. इस दौरान वह लीला चित्र मंदिर का दर्शन करेंगे, ट्रस्टियों के साथ फोटो सेशन के बाद बैठक करेंगे. इसके बाद लोगों को संबोधित करेंगे. उनके हाथों पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित चित्रमय शिवपुराण का विमोचन कराने की तैयारी है.

पीएम मोदी के आने को लेकर पूरे गीता प्रेस को सजाया जा रहा है और सुरक्षा अधिकारियों के लिए मुख्य पंडाल के बगल में एक और पंडाल बनाया गया है. भवन के दीवारों की रंगाई-पोताई अंतिम चरण में है. लीला चित्र मंदिर के चित्रों की सफाई के बाद यहां अब कर्मियों के जाने पर भी रोक लगा दी गई है.

यूपीतक से बात करते हुए गीता प्रेस गोरखपुर के ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल ने कहा कि एक बड़ा मौका है जब प्रधानमंत्री मौजूद होंगे और उसके साथ ही वह इस मौके पर लीला चित्र मंदिर का अवलोकन करेंगे और सचित्र शिव पुराण का को भी जारी करेंगे. इसके अलावा नेपाली भाषा में भी इसका अनुवाद जारी किया जाएगा. गीता प्रेस गोरखपुर लगातार सनातन धर्म के प्रचार और अपने साहित्य को देश-दुनिया में पहुंचा रहा है, जो आज 16 से ज्यादा भाषाओं में हिंदू धार्मिक ग्रंथों और साहित्य को प्रकाशित करता है.

इस मौके पर प्रबंध मैनेजर डॉ. लालमणि तिवारी ने कहा कि शताब्दी वर्ष भी अविष्मरणीय हो गया. इसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने किया था और समापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे. तैयारी लगभग पूरी हो गई है. पीएम के स्वागत के लिए ट्रस्टी और कर्मचारी पूरे उत्साह से तैयार हैं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा कि गीता प्रेस ने 100 सालों में लगभग 93 करोड़ हिंदू साहित्य को हर घर तक पहुंचाया है और पिछले 1 साल में 2.4 करोड़ प्रकाशन हुए हैं. गीता प्रेस गोरखपुर ने अपने आत्मनिर्भर तौर पर प्रेस को संचालित किया है, जहां जापान की टेक्नोलॉजी पर आधारित मशीनों के उपयोग से किताबों का प्रकाशन होता है.

डॉ. लालमणि तिवारी ने कहा कि हाल में मांग के अनुरूप गीता प्रेस 75 फीसदी किताबों को ही सप्लाई कर पा रहा, क्योंकि इनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले 25 साल में हम इसकी रफ्तार को बढ़ाएंगे और गीता प्रेस अन्य कई भाषाओं में भी हिंदू साहित्य को पहुंचाने का काम करेगा.

गीता प्रेस गोरखपुर के 100 साल के इतिहास पर बात करते हुए ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी विष्णु प्रसाद ने कहा कि गीता प्रेस अपने दम पर पिछले सालों से हिंदू साहित्य का प्रचार कर रहा है और कभी भी किसी तरीके की आर्थिक मदद नहीं ली. यह जनता और हमारे पाठकों का प्रेम था, जो हमने शांति पुरस्कार को स्वीकार किया है लेकिन उस राशि को स्वीकार नहीं किया. प्रधानमंत्री मोदी का यहां पर आना और शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होना अपने आप में गीता प्रेस गोरखपुर के लिए बड़ी बात है, इसीलिए तमाम कार्यक्रमों को पूरी तैयारी के साथ किया जा रहा है.

ADVERTISEMENT

इस मौके पर ट्रस्ट के कई पदाधिकारी और बाहर के लोग लीला चित्र मंदिर को देखने पहुंचे. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के प्रचार में गीता प्रेस गोरखपुर की बड़ी भूमिका है. खासतौर पर लीला चित्र मंदिर में चित्र का जो सजीव वर्णन है वह राम कृष्ण और शिव की लीलाओं को आंखों के सामने उजागर कर देता है.

नेपाल के प्रकाशक ने कहा कि 100 साल में गीता प्रेस पूरी दुनिया में पहुंचा है. प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर शताब्दी समारोह में शिरकत करके सब का हौसला बढ़ा रहे हैं.

गौरतलब है कि 1923 में स्थापित गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का औपचारिक शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की उपस्थिति में चार जून 2022 को किया था.

राष्ट्रपति ने गीता प्रेस का भ्रमण, यहां के लीलाचित्र मंदिर का अवलोकन करने के साथ ही आर्ट पेपर पर छपे श्रीरामचरितमानस के विशेष अंक व गीता तत्व विवेचनी का विमोचन किया था. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष का समापन समारोह होने जा रहे हैं.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT