दिवाली की अगली सुबह ही बिगड़ गई नोएडा की हवा, दर्ज हुआ 'बेहद खराब' श्रेणी वाला इतना AQI
दिवाली के बाद हवा बिगड़ी! CPCB के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, नोएडा और गाजियाबाद का AQI 300 पार कर 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचा.
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण एक बार फिर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार (21 अक्टूबर 2025) की सुबह उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद दोनों ही शहरों की हवा 'बेहद खराब' (Very Poor) श्रेणी में दर्ज की गई है. हवा में सबसे ज्यादा खतरनाक प्रदूषक तत्व PM2.5 बना हुआ है, जिसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
ये है नोएडा और गाजियाबाद में प्रदूषण का हाल
CPCB के नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक, सुबह 8 बजे दोनों शहरों का हाल कुछ यूं रहा-
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- नोएडा (सेक्टर-62, IMD स्टेशन): वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 311 दर्ज किया गया. यह 'बेहद खराब' (Very Poor) श्रेणी में आता है.
- गाजियाबाद (लोनी, UPPCB स्टेशन): यहां का AQI नोएडा से भी अधिक यानी 333 रिकॉर्ड किया गया, जो स्पष्ट रूप से 'बेहद खराब' (Very Poor) श्रेणी में है.

दोनों ही शहरों में वायु प्रदूषण का मुख्य कारक (Prominent Pollutant) PM2.5 रहा है, जो सांस के जरिए फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर गंभीर बीमारियां पैदा करता है.
क्या कहते हैं AQI के मानक और स्वास्थ्य पर असर?
'बेहद खराब' श्रेणी (301-400) के तहत आने वाले इस प्रदूषण स्तर का मतलब है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने पर लोगों को श्वसन संबंधी बीमारियां (Respiratory Illness) हो सकती हैं. यह स्थिति पहले से फेफड़ों, अस्थमा या हृदय रोग से जूझ रहे लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है.
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- 0-50 अच्छा न्यूनतम प्रभाव.
- 51-100 संतोषजनक संवेदनशील लोगों को हल्का सांस लेने में दिक्कत.
- 101-200 मध्यम फेफड़ों, अस्थमा और हृदय रोग वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत.
- 201-300 खराब लंबे समय तक संपर्क में रहने पर अधिकांश लोगों को सांस लेने में दिक्कत.
- 301-400 बेहद खराब लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी बीमारियां.
- 401-500 गंभीर स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और बीमार लोगों पर गंभीर असर डालता है.
