चंदौली: इस्लामपुर के मदरसे में टीम ने किया सर्वे, प्रबंधक और शिक्षकों ने किया सहयोग

उदय गुप्ता

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

इन दिनों उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे (UP Madrasa Survey) कराया जा रहा है. इसी क्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली (Chandauli News) में भी मदरसों के सर्वे का काम शुरू हो गया है. सर्वे टीम मंगलवार को चंदौली के दीनदयाल नगर के इस्लामपुर में स्थित इस्लामिया इरफानुल उलूम मदरसा पहुंची.

सर्वे टीम में दीनदयाल नगर के एसडीएम मनीष कुमार के साथ-साथ जिला अल्पसंख्यक अधिकारी भी मौजूद थे. सर्वे टीम ने इस मदरसा से संबंधित तमाम कागजातों की जांच पड़ताल की. साथ ही साथ उन्होंने अध्यापकों, मदरसे के प्रबंधक और मदरसा में पढ़ाई कर रहे बच्चों से भी पूछताछ की, जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट इन अधिकारियों द्वारा शासन को सौंपी जाएगी.

दरअसल, चंदौली जिले के दीनदयाल नगर के इस्लामपुर इलाके में स्थित यह मदरसा 1991 से संचालित होता है और यह मदरसा ‘गैर मान्यता’ प्राप्त है. वर्तमान समय में इस मदरसे में कुल 35 छात्र हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं.

मदरसा प्रबंधक के अनुसार मदरसे का संचालन और पठन-पाठन का खर्चा चंदा इकट्ठा करके किया जाता है. इस मदरसे में कभी 200 से ज्यादा बच्चे तालीम हासिल करते थे लेकिन कोरोना काल में यह तादाद घटकर काफी कम हो गई.

उधर सर्वे टीम द्वारा सर्वे की कार्यवाही किए जाने के दौरान हमारी टीम ने सर्वे टीम का नेतृत्व कर रहे दीनदयाल नगर के एसडीएम अवनीश कुमार, मदरसा के प्रबंधक, पढ़ाई कर रहे बच्चों और अध्यापकों से बातचीत की.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

बातचीत के दौरान इस मदरसे के प्रबंधक और अध्यापकों ने सर्वे की कार्रवाई को उचित ठहराया.

सर्वे टीम का संचालन कर रहे दीनदयाल नगर के एसडीएम अवनीश कुमार ने बताया कि शासन द्वारा यह निर्देश मिला है कि जो मदरसे मान्यता प्राप्त नहीं हैं, उनकी जांच की जाए और देखा जाए कि इंफ्रास्ट्रक्चर है कि नहीं, पैसा कहां से मिल रहा है कितने बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. यह मदरसों की दशा और दिशा सुधारने के लिए सरकार का कदम है.

वहीं इस मदरसे के प्रबंधक गुलाम रसूल कासमी ने बताया कि यह मदरसा 1991 से चल रहा है और इसका सारा इंतजाम खर्च वगैरा आम लोगों के चंदे से होता है. इसमें अभी तक सरकार की कोई मदद नहीं मिलती है. उन्होंने बताया कि यह मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं है.

ADVERTISEMENT

मदरसा सर्वे को लेकर तमाम तरह की बयानबाजी और कुछ है सवालों के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस मदरसे के प्रबंधक ने बताया कि इसमें किसी भी तरह के एतराज की कोई बात नहीं है. अगर हमारी हुकूमत मदरसों के बारे में जानकारी लेनी चाहती है तो हम तैयार हैं. हमें बताना चाहिए जो कुछ भी है. हम लोगों ने सर्वे टीम का पूरी तरह से मदद किया है. जो भी सवालात उन्होंने किए उसका जवाब दिया गया है.

मदरसों के सर्वे पर हो रही राजनीति को लेकर बताया कि जो भी तालिमी संस्थाएं हैं उन पर कोई भी राजनीति नहीं होनी चाहिए. उनका जो काम है पढ़ाई-लिखाई का वह काम कर रहे थे. इसमें राजनीति कोई जरूरत नहीं है. इसमें जो राजनीत हो रही है वह गलत है. उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई मदरसा गलत पाया जाता है तो बिल्कुल उसके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.

नियाज अहमद नाम के एक अध्यापक ने बताया कि अरे मदरसे में एक क्लास ऐसी चलती है जिसमें हिंदी, उर्दू, गणित, अंग्रेजी सब पढ़ाया जाता है, दूसरी क्लास में मजहबी तालीम दी जाती है. ,

ADVERTISEMENT

सर्वे की प्रक्रिया को लेकर नियाज अहमद ने बताया कि अगर हमारे प्रदेश की हुकूमत सर्वे करा रही है और उनका कोई प्लान है कि मदरसों को अच्छा बनाना चाहते हैं, जो कमियां हैं, उसको सुधारने का मौका अगर दे रहे हैं, तो हम मदद करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं.

मदरसा सर्वे के पीछे सरकार की नियत मुसलमानों को खौफजदा करने की है: संभल से सपा सांसद बर्क

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT