Ayodhya Deepotsav 2025: 26 लाख से अधिक दीये, 2 गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड... अयोध्या दीपोत्सवप में 19 नवंबर को सितारे जमीं पर जैसा नजारा
अयोध्या दीपोत्सव 2025 में 26 लाख से अधिक दीये जलाकर दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाएंगे. राम की पैड़ी पर 56 घाटों पर सजावट होगी और 1100 ड्रोन रामायण की झलकियां दिखाएंगे. यह आयोजन श्रद्धा, संस्कृति और तकनीक का अद्भुत संगम होगा.
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Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है. दीपोत्सव 2025 के मौके पर राम की पैड़ी पर इस बार 28 लाख दीये सजाए जा रहे हैं. इनमें से 26 लाख 11 हजार 101 दीये एक साथ प्रज्वलित करके दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाएंगे. दीपोत्सव का यह नौवां संस्करण 19 नवंबर को मनाया जाएगा. इसमें सरयू तट पर अद्भुत रोशनी, संस्कृति और श्रद्धा का संगम देखने को मिलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में हो रहा यह आयोजन ऐसा माहौल बनाएगा जैसे अयोध्या में सितारे जमीन पर उतर आए हों.
56 घाटों पर सजाए जा रहे दीये
राम की पैड़ी के 56 घाटों पर दीये सजाने का काम शुरू हो चुका है. इसमें डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कॉलेजों के 30,000 से अधिक वॉलेंटियर्स दिन-रात लगे हैं. घाटों की सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय के गार्ड, पुलिसकर्मी और वॉलेंटियर्स तैनात हैं. 18 नवंबर तक सजावट पूरी करने के बाद, 19 नवंबर को दीयों में बाती और तेल डाला जाएगा. उस शाम जब 26 लाख से अधिक दीये एक साथ जगमगाएंगे, तो सरयू की लहरें और अयोध्या का आकाश एक साथ अलौकिक आभा से भर जाएंगी.
1100 ड्रोन आकाश में रामायण को करेंगे जीवंत
इस वर्ष दीपोत्सव को और विशेष बनाने के लिए कई आकर्षक कार्यक्रमों की भी तैयारी है. एक रिकॉर्ड सरयू आरती के दौरान बनेगा. यहां 2100 दीयों से आरती होगी और इसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं और संस्कृत विद्यालयों के विद्यार्थी भाग लेंगे. ड्रोन शो इस बार और भव्य होगा. 1100 ड्रोन आकाश में रामायण की 10 झलकियां बनाएंगे. ये पिछले साल के 500 ड्रोन से दोगुना बड़ा प्रदर्शन होगा.
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यहां AI फंक्शनैलिटी वाले क्राउड मैनेजमेंट कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो भीड़ का रियल टाइम डेटा मॉनिटर करेंगे. ODOP, संस्कृति विभाग और स्वयं सहायता समूहों की ओर से स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिससे अयोध्या का पारंपरिक हुनर और हस्तशिल्प दुनिया के सामने आए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दीपोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि अयोध्या की आत्मा और भारत की सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है. यह पर्व श्रद्धा, परंपरा और विकास के संगम के रूप में अयोध्या की नई पहचान को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेगा.
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