अयोध्या: चपरासी ने चार प्रोफेसरों को पिलाया ऐसा पानी कि मुंह-गला और पेट में पड़े छाले

बनबीर सिंह

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अयोध्या के साकेत महाविद्यालय में परीक्षा के दौरान पानी मांगने पर चपरासी ने जो पानी दिया वह वह इतना ज्वलनशील निकला कि चार प्रोफेसरों के मुंह और गले में छाले पड़ गए और पेट में जलन होने लगी. वहीं एक प्रोफेसर की तबियत इतनी बिगड़ गयी कि उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया है. मामले में महाविद्यालय ने एक जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच कर रही है. इस बारे में विद्यालय के उस चपरासी चंद्र प्रकाश से भी पूछताछ की जा रही है जिसने पानी लाकर दिया था.

पानी पीने वालों एक प्रोफेसर डॉ. जन्मेजय तिवारी ने बताया कि पीते ही ऐसा लगा जैसे पानी में नमक है. जैसे ही वॉश बेसिन में पानी उगला तो उसमें धुंआ निकल रहा था. फिर मुंह और गले में छाले पड़ गए और तबियत खराब हो गई. पीड़ित प्रोफेसरों ने संभावना जताई है कि वो पानी नहीं एसिड था.

साकेत महाविद्यालय में इन दिनों परीक्षा चल रही है. इसी बीच 15 जून को तीन प्रोफेसरों ने चपरासी चंद्र प्रकाश से पीने के लिए पानी मांगा. पानी पीते ही प्रोफेसरों को उसमें कुछ गड़बड़ लगी और उन्होंने पानी वॉशबेसिन में वापस उगल दिया, लेकिन मुंह में और कुछ पानी जो गले के नीचे चला गया था उसके कारण सभी की हालत खराब होने लगी. आनन-फानन में उन्हें पहले श्रीराम अस्पताल ले जाया गया और वहां से अयोध्या के दर्शन नगर स्थित मेडिकल कॉलेज भेजा गया.

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मेडिकल कॉलेज में जब उनकी एंडोस्कोपी की गई तो उनके मुंह में छाले और आहार नली में बर्निंग की बात सामने आई. इसे मानवीय भूल कहे की कोई साजिश अभी यह बात सामने नहीं आई है, लेकिन चार प्रोफेसरों में डॉक्टर सुधीर राय, डॉ. अशोक राय डॉक्टर, जन्मेजय तिवारी और डॉक्टर मुजफ्फर मेहंदी अचानक गंभीर मुश्किल में फंस गए हैं. इसमें विधि विभाग के प्रोफेसर डॉ. अशोक राय की स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें लखनऊ मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है.

प्रोफेसरों के मुताबिक पानी से धुआं उठता देख चिंतित सभी चिंतित हो गए. उन्होंने इसकी तत्काल शिकायत महाविद्यालय प्रशासन से की. जिसके बाद साकेत महाविद्यालय ने एक जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू की है. वही सूचना मिलने के बाद अयोध्या पुलिस भी महाविद्यालय पहुंची और जिस पानी को पीने के बाद प्रोफेसरों की ऐसी स्थिति हुई उसके सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है.

ये जांच का विषय है. हालांकि महाविद्यालय में किसी का आपस में कोई विरोध नहीं है. पहली बार ऐसा हुआ है कि पुलिस कैंपस में आई है.

डॉ. अभय सिंह, प्राचार्य सकेत महाविद्यालय

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