14 जनवरी को महाकुंभ में पहुंचे 3.5 करोड़ लोग! कैसे हुई इतने लोगों की गिनती? जानिए किस तकनीक का हो रहा इस्तेमाल

कुमार अभिषेक

Mahakumbh News 2025: प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ की धूम है. 14 जनवरी, मकर संक्रांति वाले दिन संगम में 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई. इस आंकड़े के सामने आने के बाद लोगों के मन में सवाल पनपा कि आखिर सरकार यह गिनती कैसे कर रही है?

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Mahakumbh News 2025: प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ की धूम है. 14 जनवरी, मकर संक्रांति वाले दिन संगम में 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई. इस आंकड़े के सामने आने के बाद लोगों के मन में सवाल पनपा कि आखिर सरकार यह गिनती कैसे कर रही है? दरअसल, भीड़ को मापने के कई पैमाने हैं, लेकिन योगी सरकार भीड़ की गिनती के लिए AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. मेले में एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो भीड़ में मौजूद लोगों की संख्या का अनुमान लगा रहे हैं.

बता दें कि पूरे कुंभ मेला क्षेत्र में तकरीबन 1800 कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से 1100 परमानेंट कमरे हैं, जबकि 700 से ज्यादा टेंपरेरी कैमरे हैं. इनमें से ज्यादातर कैमरे एआई बेस्ड हैं. 48 घाटों पर हर घंटे डुबकी लेने वाले लोगों का क्राउड अससेमेंट एक खास टीम कर रही है. महाकुंभ शुरू होने के पहले कई बार क्राउड कैलकुलेशन रिहर्सल किया गया था. 

 

 

महाकुंभ के 48 घाटों पर क्राउड कैपेसिटी अससेमेंट रियल टाइम बेसिस पर किया जा रहा है. एक्सपर्ट की टीम सभी 48 घाटों पर हर घंटे क्राउड का असेसमेंट कर रही है. इसके अलावा ड्रोन कैमरे के जरिए भी एक निश्चित दायरे में भीड़ के घनत्व को मापा जा रहा है और फिर उसे इस क्राउड असेसमेंट टीम को भेजा जाता है. इसके अलावा एक डेडीकेटेड ऐप है, जो मेले में मौजूद लोगों की हाथों में मोबाइल की औसत संख्या तक ट्रैक कर रहा है.

सरकार का दावा है कि इस बार यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए इस नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसलिए यह टेक्नोलॉजी बेस्ड क्राउड गैदरिंग असेसमेंट है. मेला प्रशासन के मुताबिक, एक ऐसी डेडीकेटेड टीम है जो भीड़ के घनत्व और उसकी निगरानी के लिए कमांड सेंटर से जुड़ी है और भीड़ की ताजा स्थिति रियल टाइम पर कंट्रोल और कमांड सेंटर को भेजती है. भीड़ के पैमाने को मापने का यह भी एक बड़ा जरिया है.

 

 

इसके अलावा पुराने तरीके से लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (LIU) भी अपने तरफ से भीड़ का अंदाजा सरकार तक पहुंच रही है, जो परंपरागत तरीका भीड़ को मापने का रहा है, वह भी इस्तेमाल हो रहा है.

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