टिकट नहीं मिला पर वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने पीलीभीत से नॉमिनेशन पर्चा खरीदा! क्या हैं मायने?
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने चार सेट में नॉमिनेशन पेपर खरीदा है. इसके बाद वह दिल्ली वापस लौट गए हैं.
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उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की 51 कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट के बाद दूसरी लिस्ट के लिए बेचैनी तेज है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी बीजेपी ने वरुण गांधी, बृजभूषण शरण सिंह जैसे दिग्गज सांसदों की सीट पर टिकट का ऐलान नहीं किया है. इधर यह चर्चा भी तेज है कि इस बार बीजेपी अपने इन दोनों नेताओं को टिकट देगी भी या नहीं? ऐसी चर्चाओं के पीछे वजहें तमाम हैं लेकिन इस बीच बड़ी खबर वरुण गांधी को लेकर आई है. पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने चार सेट में नॉमिनेशन पेपर खरीदा है. इसके बाद वह दिल्ली वापस लौट गए हैं.
पीलीभीत से दिल्ली से आए वरुण गांधी के निजी सचिव कमल कांत ने निर्वाचन चुनाव कार्यालय पीलीभीत से वरुण गांधी नाम के चार सेट लिए हैं. कमलकांत के साथ संसदीय कार्यालय के प्रतिनिधि दीपक पांडे और अधिवक्ता के रूप में एमआर मालिक भी मौजूद थे. नॉमिनेशन सेट लेने के बाद एक बात तो तय हो गई की वरुण गांधी पीलीभीत से ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जब तक भारतीय जनता पार्टी पीलीभीत के उम्मीदवार का नाम का ऐलान नहीं करती तब तक वरुण गांधी अपना नामांकन नहीं कराएंगे.
सूत्रों के मुताबिक वरुण गांधी बीजेपी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी पर्चा दाखिल करने की तैयारी में है. अगर बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया तो पूरी संभावना है कि वरुण गांधी निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल कर देंगे. यूपी की बची हुई सीटों पर नाम को लेकर अभी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में CEC की बैठक होनी बाकी है. इस बैठक में तय होगा कि वरुण को टिकट मिलेगा या नहीं. यह भी जानकारी मिली है कि प्रदेश स्तर के सभी भाजपा नेताओं ने कोर कमेटी की बैठक में वरुण गांधी को टिकट दिए जाने का विरोध किया है.
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वरुण गांधी ने पिछले कुछ सालों में अपनी पार्टी के खिलाफ भी कई सख्त स्टैंड लिए हैं. सार्वजनिक मंचों पर प्रदेश और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना भी की है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से उनके सुर बदले नजर आ रहे हैं. वह आलोचना के फ्रंट पर इतने मुखर भी नहीं हैं, लेकिन सियासत के जानकारों का एक तबका मानता है कि वरुण बीजेपी के संदर्भ में अपना राजनीतिक नुकसान कर चुके हैं.
क्या सपा में भी एंट्री की है संभावना?
पिछले दिनों अखिलेश यादव ने पीलीभीत के सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. वरुण गांधी समेत अन्य नेताओं की दावेदारी को लेकर भी चर्चा हुई. इस बात की चर्चा लंबे अरसे से है कि वरुण गांधी को सपा का समर्थन मिल सकता है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद तो साफ कह चुके हैं कि अगर बीजेपी से वरुण गांधी का टिकट कट जाता है, तो पार्टी इसपर विचार कर सकती है.
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जाहिर तौर पर अब सबकी नजरें बीजेपी की लिस्ट पर टिकी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वरुण गांधी के नॉमिनेशन पेपर खरीदने के बाद यह तो साफ हो चुका है कि गांधी परिवार का यह नेता पीलीभीत छोड़ने के मूड में नहीं है.
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