साक्षात्कार: अमेठी सीट पर इतना सस्पेंस क्यों? Exclusive इंटरव्यू में देखिए मल्लिकार्जुन खड़गे क्या बोले
Mallikarjun Kharge interview: देश में लोकसभा चुनाव के दो फेज हो चुके हैं. इस बीच न्यूज Tak के खास कार्यक्रम 'साक्षात्कार' में हमारे मेहमान बने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. खबर में आगे जानिए उन्होंने हमें क्या-क्या बताया?
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Mallikarjun Kharge interview: देश में लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरण हो चुके हैं. इस बीच न्यूज Tak के खास कार्यक्रम 'साक्षात्कार' में हमारे मेहमान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बने. कांग्रेस के अध्यक्ष खड़गे 52 साल से किसी न किसी सदन या विधानसभा के सदस्य रहे हैं. 1972 से मल्लिकार्जुन खड़गे का राजनीतिक करियर शुरू हुआ. आज 52 साल बाद भी वह संसद में सक्रिय हैं. अभी सदन में विपक्ष के नेता हैं. इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी खड़गे पर है. इंडिया टुडे के Tak क्लस्टर के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मौजूदा सियासत के तमाम पहलुओं, कांग्रेस के एजेंडे, मैनिफेस्टो, मंदिर पॉलिटिक्स पर उनके स्टैंड जैसे विशद विषयों पर विस्तार से बात की है. अब आप खबर आगे जानिए 'साक्षात्कार' में हमें खड़गे ने क्या-क्या बताया?
सवाल: कांग्रेस पार्टी इतिहास में सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में कैसे मोदी या बीजेपी को हरा पाएंगे?
जवाब: ऐसा नहीं है. हमने इंडिया गठबंधन शुरू किया है. इसके लिए हमें कई जगहों पर सीटें छोड़नी पड़ीं. कई जगह जीतने वाली सीटें भी छोड़नी पड़ीं. कई जगहें ऐसी थीं, जहां हमें जीतने की उम्मीद नहीं होती फिर भी हम अपने कार्यकर्ताओं के जोश के लिए लड़ना पड़ता था. पर इस बार हमने गठबंधन को सामने रखकर उन्हें स्पेस देने का काम किया है. ऐसा इसलिए किया गया कि हमें बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना है. पीएम मोदी के लोग हमेशा कहते हैं कि हमको 400 सीटें मिलनी चाहिए, क्योंकि हमको संविधान बदलना है. ये कहते हैं कि दो तिहाई बहुमत अगर हमको मिला तो हम अपने विचार को लागू कर सकते हैं. इसलिए इनको सत्ता से हटाना जरूरी है. ऐसे में सीट ज्यादा लड़ें, कम लड़ें उससे फर्क नहीं. इस बार जरूर कम सीटों पर लड़ रहे हैं लेकिन इस बार हमारा लक्ष्य यही है कि इन्हें सत्ता से दूर रखें.
सवाल: आपका लक्ष्य तो बीजेपी को सत्ता में रखना है, लेकिन चुनाव से पहले के जितने भी ओपिनियन पोल आए हैं, वो तो बीजेपी-एनडीए को ही बहुमत मिलने के बात कह रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?
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जवाब: बीजेपी को कितनी सीट मिलेंगी, हमें कितनी मिलेंगी, इस आंकड़े में नहीं जाएंगे. बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए जो नंबर चाहिए वो हम जरूर हासिल करेंगे. इसीलिए हम एकजुट होकर लड़ रहे हैं.
सवाल: जब आप कह रहे हैं कि बीजेपी को रोक देंगे तो क्या लगता है कि आपको दक्षिण भारत से ज्यादा सीटें मिलेंगी या उत्तर भारत से मिलेंगी, किन राज्यों से आपको ज्यादा उम्मीदें लग रही हैं?
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जवाब: ये तो आप सभी लोग को पता है कि यूपी में गठबंधन में हमें सीटें मिलेंगी, बिहार में मिलेंगी, झारखंड में सीटें मिलेंगी. पश्चिम बंगाल में कम सीटें मिलेंगी. ओडिशा में इस बार हम अच्छा कर रहे हैं. महाराष्ट्र में अघाड़ी (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना का गठबंधन) है, जो अच्छा परफॉर्मेंस करेगी. कर्नाटक में बेहतर प्रदर्शन होगा. तेलंगाना में भी. जहां पर पहले हमारी एक या जीरो सीट थी, वहां भी 7-8, 10 तक सीटें जीत रहे हैं. हम कह सकते हैं कि उनको सत्ता से रोकने के लिए जितना चाहिए गठबंधन उतनी सीटें जीतेगी.
सवाल: आप कर्नाटक से आते हैं. हमने देखा है कि विधानसभा में जिसकी सरकार बनती है, लोकसभा में उसके खिलाफ वोट पड़ते हैं. पिछली बार आपकी सरकार बनी थी, क्या लगता है?
जवाब: देखिए कर्नाटक में ऐसा भी हुआ है कि हमने सारी सीटें भी जीती हैं. तीन-चार चुनाव ऐसे हुए जिसमें हमारी संख्या कम हुई. पिछली बार भी हम कर्नाटक में हारे पर इस बार हम अच्छा करेंगे और यहां मजबूती से 15-16 सीटें जीतेंगे.
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सवाल: कांग्रेस कह रही है कि संविधान खतरे में है. बीजेपी को 400 के पार इसलिए जाना है कि संविधान को बदलना है. उधर पीएम मोदी, इसका खंडन करते हुए कहते हैं कि बाबा साहब आंबेडकर भी अगर वापस आ जाएं तो संविधान नहीं बदला जा सकता. आप लोग किस आधार पर कह रहे हैं कि बीजेपी संविधान बदलने की बात कह रही है?
जवाब: कर्नाटक में कारवार का एमपी (अनंत हेगड़े के संदर्भ में) किस पार्टी के हैं (इसपर काउंटर सवाल हुआ कि इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला). टिकट नहीं मिला ये बात अलग है क्या आपने उसकी आलोचना की और पार्टी से बाहर निकाला?
सवाल: अमित शाह ने कहा कि हमने उन्हें टिकट नहीं दिया. आपके पार्टी के एक सांसद ने कहा कि उत्तर और दक्षिण अलग-अलग देश बन जाएंगे. उन पर आपने कार्रवाई नहीं की. उनका (बीजेपी का) कहना है कि हमने कार्रवाई की, टिकट नहीं दिया.
जवाब: उत्तर-दक्षिण का सवाल नहीं आता. मोहन भागवत ने भी कहा और बाद में बदल गए. उनकी प्रेरणा है न बीजेपी. यूपी के कई एमपी, एमएलए भी यही कहते हैं. वो ये चाहते हैं कि अपनी विचारधारा को लाने के लिए संविधान बदलना चाहिए. अगर कोई कहता है तो आप फौरन उसपर एक्शन लेकर पार्टी से बाहर निकालो. तब हमें आपकी मंशा ठीक लगेगी, लेकिन एक तरफ वो लोग बोलते हैं, आप डिफेंड करते हैं, उनके बारे में नहीं बोलते कि ये हमारा विचार नहीं है, हम खंडन करते हैं, उनको पार्टी से निकालते हैं. टिकट तो आपने बहुत सारे लोगों को नहीं दिया.
सवाल: आप जब यह रहे हैं कि वो संविधान बदल देंगे तो बदल कर वो क्या करेंगे? आपको क्या लगता है कि संविधान में क्या बदलाव हो सकता है?
जवाब: बहुत सारी चीजें हैं. हम संविधान के नीति निदेशक तत्वों में से शिक्षा का अधिकार लेकर आए, पहले वो अधिकार नहीं था. फूड सिक्यॉरिटी लाए, राइट टू हेल्थ मिशन लाए. हमने सूचना का अधिकार लाया. ये बहुत सारी चीजें नीति निदेशक तत्वों में हैं उन्हें अधिकार में लाया जा सकता है. जो संविधान में अधिकार हैं, हो सकता है कि उन्हें दो तिहाई बहुमत करके निकाल सकते हैं. बहुत सारे शैक्षणिक संस्थानों, एडेड इंस्टिट्यूशन में कांग्रेस ने जो रिजर्वेशन दिया था, उसमें ये मेरिट के नाम पर उसे खत्म कर सकते हैं. कितने सचिव हैं और आप (बीजेपी सरकार में) बाहर के लोगों को टेंपोररी अपॉइंटमेंट करके पर्मानेंट कर रहे हैं, वैसे ही अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ों के लिए क्यों नहीं कर रहे? स्वायत्तं संस्थाओं का क्या पहला ऐसा कोई दुरुपयोग किया था, जो वो कर रहे हैं? कोई गृहमंत्री कोऑपरेटिव पोर्टफोलियो लेकर DCC (डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव सेंट्रल) बैंक, कोऑपरेटिव, शुगर फैक्ट्री, दूसरे कोऑपरेटिव फेडरेशन की एक्टिविटी में परेशानी नहीं डाला, वो अलग ही विभाग था. इन्होंने वो अपने हाथ में लेकर लोगों को डराने की कोशिश की. महाराष्ट्र में जो भी डर कर भाग गए या तो वो शुगर फैक्ट्री, या डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव से जुड़े हैं जिन्हें वो डरा रहे हैं और दुरुपयोग कर रहे हैं. ऐसा ही वो संविधान का दुरुपयोग करेंगे.
सवाल: ये आपकी तरफ से बार-बार आरोप लगता है और ये आपके घोषणापत्र में भी है कि सेंट्रल एजेंसी का मिसयूज किया गया है. आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं कि विपक्ष पर ज्यादा कार्रवाई हुई है. लेकिन मोदीजी ने तो ये कहा कि कि अगली सरकार में करप्शन के खिलाफ कार्रवाई 100 दिनों में और जोर से चलाऊंगा?
जवाब: भ्रष्टाचार के खिलाफ आप कार्रवाई करो लेकिन बगल में लेकर मत बैठो. आपने जितने भी लोगों पर भ्रष्टाचार की कार्रवाई का डर दिखाकर अपने साथ लिया फिर उन्हें राज्यसभा में भेजते हो, मंत्री बनाते हो, कई जगह मुख्यमंत्री के काबिल बना देते हो. फिर डिप्टी सीएम बना देते हो. आंखों को जो दिख रहा है उसके लिए जरूरी नहीं सबूत देना. आपने ही उन्हें भ्रष्ट कहा और आप आज उन्हें साथ लेकर हुकूमत कर रहे हो. पहले तो बोले कि आप लेबल प्लेइंग ग्राउंड, कोई जीते हारे, लेकिन आपने हर पार्टी के विधायक सांसद तोड़े और उनको लेकर राज कर रहे हो. क्या ये न्याय है, सत्य है, आप सत्य के मार्ग पर चल रहे हो? आपको राज्यसभा में बहुमत नहीं तो सबको फोड़कर ले रहे हो. हमारे एक्स मुख्यमंत्रियों को भी डरा डराकर अपने साथ ले रहे हो. वो हमेशा झूठ बोलने के आदी हैं. आप लोग मानते हैं कि नहीं मानते मुझे नहीं मालूम, लेकिन उन्होंने 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया, हमने तो किया नहीं था? काला धन लाने को कहे, कहा कि कांग्रेस नेताओं ने काला धन बाहर रखा है वो लाकर लोगों को 15-15 लाख दूंगा, क्या लाए? कहा कि किसानों की आमदनी मैं डबल कर दूंगा, किया? किसानों की चीजें चाहे खाद हो, डीजल हो, ट्रैक्टर, खेती के उपकरणों पर जीएसटी, खेती में सीधे जीएसटी को डालकर महंगाई लाए. ऐसे पीएम पर हम कैसे भरोसा करें, ये आप हमको बताइए.
सवाल: प्रधानमंत्री ने पहले चरण के मतदान के बाद पिछले हफ्ते आप पर दो प्रमुख आरोप लगाए. पहला आरोप ये है कि कांग्रेस एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण, संपत्ति, मंगलसूत्र लेकर मुस्लिमों को बांटना चाहती है. दूसरा आरोप है संपत्ति के री-डिस्ट्रिब्यूशन का. मुस्लिम लीग का घोषणापत्र कह रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं कि मुस्लिमों को सब देंगे?
जवाब: क्या आप इसको मानते हैं? हिंदुस्तान में कोई एक-दो करोड़ तो मुस्लिम नहीं हैं. मुस्लिम 20 करोड़ से अधिक हैं. क्या आप ऐसी बातें बोलकर देश को बांटना चाहते हैं? हमने जो घोषणापत्र तैयार किया है, क्या मुस्लिमों के लिए तैयार किया है? ये युवाओं को न्याय दिलाने, नारी को न्याय दिलाने, श्रमिक को न्याय दिलाने, एससी-एसटी को न्याय दिलाने के लिए, लोगों की भागीदारी के लिए हम जनगणना करना चाहते हैं. ये मुस्लिमों के लिए है क्या? जो सबको मिलेगा वो उनको भी मिलेगा. उनको सेकेंड क्लास सिटीजन बनाकर रखेंगे क्या? संविधान में राइट टू प्रॉपर्टी है, उसे कौन निकाल सकता है? ये वही आदमी बोल सकता है, जिसको समझ कम है. जब संविधान सभा की बहस सुनिए तो देखिए कि मूलअधिकार है संपत्ति का अधिकार उसे कौन छीन सकता है. मैं पढ़ रहा था कि 1970s में कांग्रेस के अध्यक्ष जगजीवन राम थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ये फैला रहे हैं कि लोगों की संपत्ति को लेकर दूसरों को दे देंगे. खासकर उन्होंने नाम लिया स्वतंत्र पार्टी वगैरह का. ये लोग (बीजेपी वाले) इनसे ही निकले हैं. ये लोग आज से नहीं बल्कि पहले से ही हमारे प्रगतिशील कानूनों के बारे में ऐसा करते हैं. भूमि सुधार आज का है क्या? 1935 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी घोषणा की थी. महाराष्ट्र के विदर्भ में इसकी घोषणा की थी, हमने लागू किया. एक तरफ आप चाहते थे कि राजा महाराजाओं को निकाल कर आजादी मिलना चाहिए, लोकतंत्र होना चाहिए, दूसरी तरफ अगर संपत्ति लीगली बनती है, तो किसी से कौन छीन सकता है. संविधान इसकी अनुमति नहीं देता. ऐसी भड़काने की बात कि मंगलसूत्र ले लेंगे, सड़क पर एक मामूली आदमी भी ऐसी बात नहीं करता. ये तो देश के प्रधानमंत्री हैं. एक साल नहीं 10 साल का अनुभव है, 13 साल मुख्यमंत्री रहे, अगर ये ऐसा कहेंगे तो सामान्य आदमी क्या सोचेगा. बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, सब खुश थे ना? बहुत सारे लोगों को कर्ज मिला, किसानों को मिला, गरीबों को मिला. ये इंडिविजुअल प्रॉपर्टी नहीं है, जनता की मदद से बनी संपत्ति है. व्यक्ति की संपत्ति को हाथ लगाने का अधिकार किसी को नहीं है.
सवाल: आपने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी कि मैं मिलकर आपको समझाऊंगा कि मैनिफेस्टो में क्या लिखा है. कोई जवाब आया उसका?
जवाब: (हंसते हुए) मेरे पास अभी नहीं आया. हम इसलिए कहते हैं कि संसद में हमने बहुत से मुद्दे उठाए. वहां भी उनका जवाब नहीं आता. सभा एडजर्न हो जाती है. वो बार-बार मुसलमानों का नाम लेकर लोगों को दिशा भटकाने का काम करते हैं. तो मैं चाहता था कि मैनिफेस्टो में ऐसी क्या चीज है जिससे आपको आपत्ति है, तो हम देखते कि क्या है उसे ठीक करते, लेकिन आप तो मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये बातें करते हैं.
सवाल: राहुल गांधी के एक भाषण का बार-बार जिक्र होता है कि पहले हम जातिवार जनगणना करेंगे मतलब एक्सरे करेंगे और उसके बाद आर्थिक सर्वे होगा, क्रांति होगी. तो ये क्रांति का मतलब क्या है? प्रॉपर्टी बांट दी जाएगी? क्या होगा?
जवाब: ये गलत व्याख्या करने वालों की गलती है. जाति जनगणना इसलिए है कि हमारा समाज जाति आधारित है. पहले पूछते हैं कि आप कौन हैं, तो मैं हिंदू, फिर पूछते हैं कि हिंदू में कौन, तो आप कहते हैं कि ब्राह्मण. फिर उसमें उपजातियां हैं. जैसे मैं अनुसूचित जाति से आता हूं. फिर भी लोग पूछते हैं कि कौन सी जाति, तो मैं कहता हूं कि महार हूं, फिर मुझसे पूछते हैं कि कर्नाटक में महार है क्या, तो आगे भी चीजें होती हैं. जातिगत जनगणना से मालूम होता है कि जाति, उपजाति, जिनको सत्ता मिली बैकवर्ड श्रेणी में अगर वो भारी हैं, तो उन्हें देखना चाहिए. आदिवासियों की हिस्सेदारी क्या है. राष्ट्रीय स्तर पर ये सच्चाई जानने के लिए हम कर रहे हैं कि हर समुदाय में स्थिति क्या है, इनकम क्या है, प्रति व्यक्ति आय कितनी है. ये सारी चीजें समझने के लिए इसे करना है ताकि जिनके कल्याण की जरूरत है उनके लिए योजना बन सके. जैसा पंचवर्षीय़ योजना नेहरू जी की थी. वो जब पंचवर्षीय योजना लाए तो सबके लिए काफी काम किया. किसानों के लिए किया. हरित क्रांति, श्वेत क्रांति लाए. बड़े-बड़े पब्लिक सेक्टर हमारे पास नहीं थे. होटल भी नहीं थे कि विदेशी मेहमान, टूरिस्ट आकर ठहरते. इसीलिए अशोक, कनिष्क जैसे होटल बने हर जगह. उस वक्त की जरूरत थी, अब बहुत से होटल बन रहे हैं उसकी जरूरत नहीं. वक्त और जरूरत के हिसाब से हमें कार्यक्रम बनाने पड़ते हैं.
सवाल: इनहेरिटेंस टैक्स (उत्तराधिकार कर) के लिए आपके तरफ से सफाई दी गई कि राजीव गांधी ने ही इसे हटाया था. इसे लाने की कोई योजना नहीं. पर पीएम की तरफ से कहा गया कि राजीव गांधी के परिवार को इंदिरा गांधी की संपत्ति चाहिए थी इसलिए इसे खत्म किया गया 1985 में.
जवाब: अब आप भी यही चाहते हैं? मोदी भी वही चाह रहे हैं न कि सैम पित्रोदा ने ऐसा बोला और इसपर बात को मोड़ दो. मेरे पिता ने तो मुझे कुछ भी नहीं छोड़ा तो मुझे कोई फायदा नहीं, उनके पिता ने नहीं छोड़ा तो कोई फायदा नहीं, ऐसी बातें कहने से कुछ हासिल नहीं होता. मेरी पार्टी चाहती है कि जनगणना करने से कुछ चीजें मालूम पड़ती हैं. बिहार और यूपी में कुछ ही समुदाय चुनकर आते हैं. इससे कम्युनिटी में कम सुधार होता है. उनकी कैटेगरी अलग बनेगी, फिर बाकी के सुधार पर फोकस होगा.
सवाल: बार-बार कांग्रेस पर यही आरोप लग रहा है कि वो लोगों की संपत्ति छीन लेगी, मंगलसूत्र छीन लेगी और मुसलमानों को दे देगी?
जवाब: ये सरासर झूठ है, लोगों को भड़काने और इमोशनली उनका शोषण करने के लिए किया जा रहा है. कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं किया है. हां हमने बड़े बड़े काम किए हैं. जैसे बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना. स्टेट इंश्योरेंस को नेशनलाइज करना, भूमि सुधार करना. 10 सूत्रीय कार्यक्रम लोगों की भलाई के लिए आए थे. हमारी पार्टी जब 1969 में अलग हो गई तो उसका एक धड़ा अलग हो गया और जनसंघ भी उसके साथ था. तब जगजीवन राम ने 30 मई 1970 को कांग्रेस सदस्यों को लेटर में लिखा, (अंग्रेजी में लिखे लेटर को पढ़कर सुनाते हुए,जिसमें जगजीवन राम लिख रहे हैं कि द स्वतंत्र, जनसंघ और कथित कांग्रेस ओ जैसे रुढ़िवादी दलों की तरफ से एक कुटिल प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है कि कांग्रेस संविधान में सुरक्षित किए गए संपत्ति के अधिकार को संविधान से हटा देगी और छोटे किसान, गरीब लोगों को कुछ एकड़ जमीन और घरों से भी वंचित कर दिया जाएगा, लेटर में जगजीवन राम लिखते हैं कि ऐसा कुछ नहीं है और संपत्ति के अधिकार से कोई छेड़छाड़ नहीं होगा). बताइए ये हमारी मंशा कहां हैं यहां पर.
सवाल: ठीक है कि आपने 1970 का ये पत्र दिखा दिया कि पहले भी ऐसा प्रोपेगैंडा चलता था. लेकिन इस बार तो सैम पित्रोदा के कहने से ये मौका मिला कि जैसा अमेरिका में है (इनहेरिटेंस टैक्स) वैसा कोई प्रस्ताव आता है, तो विचार करना चाहिए. तो ये बीजेपी का शुरू किया गया प्रॉपेगैंडा कैसे हुआ?
जवाब: हमारे मैनिफेस्टो में क्या ये है? हमारा मैनिफेस्टो हमारी पार्टी की लाइन है. सैम पित्रोदा ने जो कहा है ये उनके विचार हैं, इससे पार्टी का लेना-देना नहीं है. लोकतंत्र में सबको अपने विचार रखने का हक है.
सवाल: हमने अपने दर्शकों से भी पूछा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे से आपके सवाल क्या हैं. हमारे पास हजारों सवाल आए हैं, उनमें से कुछ चुनिंदा सवाल आपसे ले रहे हैं. हमारे दर्शक शिवम सिंह ने पूछा है कि कांग्रेस पार्टी हिंदुत्व की विचारधारा से चुनाव कब लड़ेगी? इसी से बात जुड़ी हुई है कि आपने अयोध्या में राम मंदिर समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया तो ये सवाल उठता है कि कांग्रेस का भगवान पर विश्वास नहीं?
जवाब: ये आस्था का विषय है. मेरी पार्टी हर समाज, धर्म के लोगों के विचारों को मनाती है. हमारी पार्टी के प्रधानमंत्री तो सिख भी थे. हमारी पार्टी के नेता बाद में राष्ट्रपति बने वो भी सिख थे. पार्टी के मुस्लिम नेता राष्ट्रपति बने, अनुसूचित जाति से लोग बने, महिला बनी. हमारी पार्टी में तो हर कौम को जगह है. हमारे में जो हिंदू है वो अपना धर्म निभाता है, सिख, बौद्ध सभी अपना धर्म निभाते हैं. बुद्ध को विष्णु का 9वां अवतार मानते हैं तो उनका प्रचार क्यों नहीं करते. उत्तराखंड में आपने तो ये कहा कि अगर कोई बौद्ध, जैन बनना चाहता है, तो उसे डीएम की अनुमति लेनी होगी. ये धर्म क्या देश से बाहर के हैं? आप ऐसे अजीब अजीब कानून लेकर आ रहे हो देश में. यह देश सिख, जैन, बौद्ध, हिंदू सब मिलकर बनाए हैं. यह देश की विचारधारा है. अगर ये यहां कमजोर भी हुई है तो बाहर जापान, चीन, तिब्बत में है, ये बाहर क्यों गई, तुम्हारे वजह से गई. बाहर से कोई आता है तो उसके सामने बुद्ध की मूर्ति कर देते हैं, लेकिन यहां सम्मान नहीं करते. बार-बार कह रहे हैं कि निमंत्रण कांग्रेस को दिया. अरे मुझे सिर्फ विपक्ष के नेता के तौर पर दिया, कांग्रेस बोलकर नहीं दिया. पीएम मोदी खुद पूजा कर रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा साधु, संत, सद्पुरुष करते हैं, आपने वोट की खातिर एक तिहाई बने मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दी. ये आपकी आस्था है? आपने आस्था नहीं, चुनाव की दृष्टि से ऐसा किया. जाने का क्या है, कभी भी जा सकते हैं, इसमें अपमान जैसा क्या है. अपमान तो मेरा होता था, जैसा जगजीवन राम का अपमान आपने किया. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में संपूर्णानंद के स्टेच्यू का जगजीवन राम ने उद्घाटन किया तो उसे दूध-जल से पवित्र किया गया. मोदीजी ने ये काम चुनाव के लिए किया, उनके पास कोई आस्था का प्रश्न नहीं है. हमारे यूपी के अध्यक्ष और उनके पूरे लोग गए और उनका कहां बिठाया. दूर बिठाया. अरबपति, करोड़पतियों को अंदर बिठाया, साधु संत दूसरी लाइन में थे, आप नजदीक बैठे थे.
सवाल: हम अयोध्या, यूपी की बात कर रहे हैं, तो सबलोग ये जानना चाहते हैं कि अमेठी, रायबरेली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे?
जवाब: हमारी पार्टी वहां चुनाव लड़ेगी, कौन लड़ेगा ये नॉमिनेशन के वक्त आपको पता चल जाएगा.
सवाल: अमेठी तो आपकी इतना पुरानी सीट रही है, तो इसपर इतना सस्पेंस क्यों रखा जा रहा है?
जवाब: सस्पेंस रखना पड़ता है, रणनीति बनानी पड़ती है. पहले की तरह की राजनीति तो नहीं है न, आप तो लेबल प्लेइंग ग्राउंड भी नहीं देना चाहते हैं. हम लड़ेंगे वहां से.
सवाल: स्मृति ईरानी कह रही हैं कि राहुल गांधी डरकर केरल भाग गए?
जवाब: स्मृति ईरानी को आप हमारी पार्टी से कंपेयर करते हैं? ये अच्छा नहीं है. मैं 11 बार चुनकर आया हूं. कभी हारा ही नहीं जिंदगी में. मैं ये कहूं कि मेरे जैसा कौन है, तो ये मूर्खता की बात है.
सवाल: पर क्या अमेठी-रायबरेली में कोई गांधी परिवार से लड़ेगा?
जवाब: मेरा वही जवाब होगा हमारी पार्टी से कोई न कोई लड़ेगा.
सवाल: पर ये कबतक पता चलेगा?
जवाब: चलेगा पता. नॉमिनेशन के आखिरी दिन से पहले पता चल जाएगा. अभी इसमें वक्त है.
सवाल: हमारे दर्शक करतार मलिक ने पूछा है कि ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को मैनिफेस्टो में शामिल क्यों नहीं किया? मनोज कुमार का सवाल है वेतन आयोग की भी आपको बात करनी चाहिए. वेतनभोगियों के लिए भी कुछ आपने वादा नहीं किया?
जवाब: ये चीजें एडमिनिस्ट्रेशन में आती हैं. देखकर करते हैं, हमने हिमाचल में कहा कि ओपीएस लागू करेंगे और कर दिया. पहले हम लोग इनको (मोदी-बीजेपी को) हटाने की कोशिश कर रहे हैं. जब हमारी सरकार आएगी तो सुधार एक एक करके लागू करेंगे.
सवाल: मनोज का सवाल है कि अग्निवीर को लेकर आप क्या करेंगे?
जवाब: सेना में पहले नियमित भर्तियां होती थीं. नियमित भर्ती होने से लोगों को सुकून था कि इतने साल तो हम काम करेंगे हमको पेंशन मिलेगा, हमारे बच्चे बढ़िया रहेंगे तो वो सुकून से लड़ता था. आप उनको चार साल ट्रेनिंग, स्टाइपेंड जैसा देकर निकाल रहे हैं, तो कैसे वो काम करेगा. आप भर्ती भी नहीं कर रहे. न रेलवे में, न मिलिट्री में, न पोस्ट ऑफिस में, न केंद्रीय विद्यालयों में न यूनिवर्सिटी में कहीं भर्ती नहीं कर रहे. आप आरएसएस के बंदों को लाकर बिठा रहे हैं, पहले कॉन्ट्रैक्ट पर ला रहे हैं फिर उन्हें पर्मानेंट कर रहे हैं. बाकी के लोगों को डेली वेज पर लगा रहे हो. ये अच्छी बात नहीं है. इससे आप दलितों के, गरीबों को, अनुसूचित जाति, जनजाति के रिजर्वेशन को खत्म कर रहे हैं. आहिस्ता-आहिस्ता उनका गला घोट रहे हैं. स्लो पॉइजन दे रहे हैं.
सवाल: आखिरी सवाल, आपने कलबुर्गी में वोटरों से अपील की कि इस बार कांग्रेस को वोट देना या मेरे अपने अंतिम संस्कार में जरूर आना, आपने इस तरह की बात क्यों की?
जवाब: मैंने ये बात उनका दिल दुखाने के लिए नहीं कही. उन्होंने मुझसे बार-बार ये बोला कि इस बार हम 40 हजार, 35 हजार लीड देंगे, लेकिन मैं यहां दो विधानसभाओं से हारा, एक ने 37 हजार तो दूसरी ने 27 हजार का लीड दिया बीजेपी को. ऐसे में आदमी को दुख होता है. मैं वहां सेंट्रल यूनिवर्सिटी लेकर आया, दो हाइवे, डेंटल, पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट लेकर आया. टेक्स्टाइल पार्क के लिए काम किया. एयरपोर्ट नहीं था,तो किसानों से जमीन लेकर हैदराबाद-कर्नाटक डेवलपमेंट के पैसे से बनाया, सरकार ने पैसा नहीं दिया. हमारे कॉर्पोरेशन से वो बन गया. इतना बड़ा कि प्रधानमंत्री भी उतरते हैं वहां पर. सबसे बड़ा काम मैंने किया था आर्टिकल 371 j, मैंने इसके लिए फाइट किया था. सोनिया गांधी जी ने बहुत सपोर्ट किया. तब हमारी मेजॉरिटी नहीं थी. हम 208 लोग थे, हमें 330 का समर्थन चाहिए था, हम कहां से लाते. हमने सबसे मिलकर कोशिश की कि ये बैकवर्ड एरिया है इसके लिए काम करना है, तो वो सर्वसम्मति से संशोधन हुआ. ऐसा काम तो पीएम नहीं करके दिखा पाए, हमने ये करके दिखाया. 52 साल से मुझे न तो विधानसभा में किसी ने कहा कि मेरे ऊपर कोई आरोप है. 13 साल मुझे संसद में हो गए कोई मेरी ओर उंगली उठाकर नहीं बोला. इतना करने के बाद मेरे से क्या गलती हो गई, अगर मैंने इमोशन में कह दिया कि गलती हो गई तो वोट मत दो, लेकिन मैंने कह दिया कि अंतिम कार्यक्रम में शामिल तो हो जाना. ताकि अगली पीढ़ी को लगे कि इनके लिए इतने लोग क्यों आए तब लोगों को मेरे काम के बारे में पता चलेगा. मैं इमोशन में ये बात बोल गया.
सवाल: हमारी सबकी कामना है कि आप दीर्घायु हों, शतायु हों. ममता बनर्जी और केजरीवाल की तरफ से आपको प्रधानमंत्री बनाने का भी एक प्रस्ताव रखा गया था, उसका क्या हुआ?
जवाब: जब हम चुनकर आएंगे और जो हमारा इंडिया गठबंधन है वो तय करेगा कि किसे पीएम बनाना है. किसी एक दो नेता के कहने से नहीं बल्कि सबके विचार से फैसला होगा. सर्वसम्मति से कोई भी बन सकता है. गठबंधन से कोई भी बन सकता है. राहुल जी ने इतना काम किया है. भारत जोड़ो यात्रा की है. ऐसे बहुत से नेता हमारे पास हैं. गठबंधन तय करेगा. पहले हमारा लक्ष्य है कि चुनकर आना और बीजेपी को सरकार बनाने से रोकना.
सवाल: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पांच पीएम होंगे, हर साल एक एक. क्या राहुल जी होंगे पीएम या सोनिया गांधी?
जवाब: 147 सीटें हमें 2004 में आई थीं, हमने निभाया या नहीं निभाया. सोनिया गांधी ने तो इंकार कर दिया पीएम पद से, मनमोहन सिंह को बनाया गया. जब हमको और अधिक सीटें 208 सीटें मिलीं, तो भी हमने यूपीए चलाया कि नहीं चलाया. सबको लेकर माइनॉरिटी सरकार 10 साल चलाना एक बड़ा चैलेंज है. मोदी जी जो बहुमत की सरकार ठीक से नहीं चला पा रहे. लड़ाई झगड़े, गालियां देना, ये सब काम वो कर रहे ये ठीक नहीं है, इससे लोकतंत्र और संविधान को धक्का लगता है. इसलिए हम बार-बार ये कहते हैं कि लोकतंत्र, संविधान को बचाने के लिए हमारी लड़ाई है. साथ ही जिनकी विचारधारा जनता के खिलाफ है, उनको हमें रोकना है.
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