बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग रोकने के लिए BJP का प्लान, मुस्लिम महिलाओं को दी जा रही ट्रेनिंग

शिल्पी सेन

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UP Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों को हथियाने के लिए सियासी पार्टियां और नेता जहां हर दांव आजमा रहे हैं, वहीं मुस्लिम इलाकों में होने वाली फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए बीजेपी ने इस बार ख़ास रणनीति तय की है. इस बार बीजेपी इसे रोकने के लिए उन इलाकों में मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं को 'पोलिंग एजेंट' बनाएगी, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसे 20 हज़ार बूथ चिह्नित किए गए हैं और मुस्लिम महिलाओं को पोलिंग एजेंट बनाने के लिए ट्रेनिंग भी दी गयी है. पार्टी के अलापसंख्यक मोर्चे को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है. 

BJP ने बनाई खास रणनीति

बीजेपी ने इस बार मुस्लिम बहुल इलाकों में एक खास पहल करेगी. पार्टी की ‘मुस्लिम महिला ब्रिगेड’ ऐसे इलाक़ों में बूथों पर पोलिंग एजेंटों की भूमिका में नज़र आएंगी. पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है. मोर्चे से जुड़ी मुस्लिम कार्यकर्ताओं को वर्क्शाप और छोटी मीटिंग्स करके ये समझाया गया है कि ऐसे वो पोलिंग एजेंट के तौर पर बुर्के या नकाब में होने वाली फर्जी वोटिंग को रोक सकती हैं. यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने ऐसे 20 हज़ार बूथ चिह्नित किए हैं. इनमें क़रीब 33 प्रतिशत पोलिंग एजेंट मुस्लिम महिलाएं होंगी, जो नकाब या बुर्के में आयी वोटर की पहचान कर फर्जी वोटिंग को रोकेंगी.

मुस्लिम महिलाओं को दी जा रही ट्रेनिंग

वहीं इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि 'अल्पसंख्यक बहुल इलाक़ों में ऐसे बूथों पर जहां अब तक बीजेपी के बूथ अध्यक्ष और पोलिंग एजेंट नहीं होते थे, वहां पोलिंग एजेंट बनाएगी. लगभग 20 हजार बूथों पर हमारी तैयारी है. जिसमें 33 प्रतिशत महिलाओं को पोलिंग एजेंट बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. बुर्के की आड़ में जो फर्जी मतदान होता था. ये पोलिंग एजेंट उन मतदाताओं की आईडी देख कर उनको पहचान कर रोकेंगे.' दरअसल, हर चुनाव में बीजेपी ये शिकायत करती रही है कि बुर्क़े की आड़ में एक वोट कई बार पड़ता था या किसी और की जगह कोई और वोट डालता था. लोग चेहरा नहीं देख पाते थे. इस बार ये मुस्लिम महिलाएं पोलिंग एजेंट बन कर ऐसे वोटर की पहचान करेंगी. ये पहल पहली बार की जा रही है.

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बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग रोकने का प्लान

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे की नेता और लखीमपुर खीरी की प्रभारी फरहा रिजवी कहती हैं कि, 'बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग के आरोप इसलिए भी लगते हैं क्योंकि कई बार नकाब या बुर्का पहनने वाली महिलाएं वोट डालने ही नहीं आतीं. इसके पीछे यही डर होता है कि कोई पुरुष कर्मी उनका चेहरा देखेगा. ऐसे में उनकी जगह फर्जी वोट कोई और डाल देता है.अब मुस्लिम बहनों के पोलिंग एजेंट बनने से मुस्लिम महिलाओं के मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा. प्रधानमंत्री के के तीन तलाक को ख़त्म करने के फ़ैसले और योजनाओं का बिना भेदभाव के सबको लाभ मिलने से मुस्लिम बहनें प्रभावित हैं.इसलिए नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार पीएम बनाना चाहती हैं.'

ये जानकारी आई सामने 

वहीं, इस मामले में यूपी अल्पसंख्यक मोर्चा की कार्यसमिति सदस्य तैयबा कहती हैं 'महिलाओं की चाल-ढाल से, तौर तरीके से एक महिला को ये आइडिया हो जाता है कि  कि बुर्के में महिला संदिग्ध है कि नहीं. ऐसे में वो उनका नकाब हटवाकर चेहरा देख सकती हैं जो एक पुरुष के लिए करना संभव नहीं होता. फिर वोटर आई कार्ड या  पहचान पत्र से मिला सकती हैं. महिला की इज्जत भी जरूरी है और हम बहनें इस बात को समझती हैं इसलिए किसी को दिक्कत नहीं होगी.'  

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