UP Board 12th Topper: मिट्टी के घर में रहने वाली महक ने 12वीं में किया टॉप! इसके नंबर देख चौंक जाएंगे आप
UP Board 12th Topper: प्रयागराज की महक जायसवाल ने यूपी बोर्ड 12वीं में 97.20% अंक लाकर टॉप किया. मिट्टी के घर में रहकर संघर्षों के बीच पाई सफलता. जानिए महक की प्रेरणादायक कहानी.
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UP Board 12th Topper: उत्तर प्रदेश बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में 97.20% अंक लाकर स्टेट टॉप करने वालीं महक जायसवाल आज प्रदेश की नई पहचान बन चुकी हैं. यूपी के प्रयागराज के एक छोटे से स्कूल की छात्रा महक ने हमेशा मोबाइल से दूरी बनाई, लेकिन सफतला मिलने के बाद मोबाइल कैमरा इनका पीछा नहीं छोड़ रहा. महक आज मुस्कुराती हुई नजर आ रही हैं, लेकिन उनकी जिंदगी उतनी ही कठिनाइयों से भरी रही है. मगर उनके माता-पिता ने कभी कठिनाई का एहसास नहीं होने दिया. खबर में आगे जानिए महक की पूरी कहानी.
यहां देखिए महक की मार्कशीट

टॉप करने वाली महक के माता-पिता हमेशा उनसे कहते रहे कि आर्थिक स्थिति की चिंता मत करोॉ, सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस करो. यही वजह है कि आज महक ने पूरे प्रदेश में अपने माता-पिता का नाम रोशन कर उनकी कठिनाई वाली मेहनत पर चार चांद लगा दिए हैं.
बता दें कि महक जायसवाल प्रयागराज के गंगापार इलाके के करेंहटी गांव की रहने वाली हैं. महक ने बिना संसाधन के यह सफलता हासिल की है. महक के घर से स्कूल की दूरी 5 किलोमीटर की थी. हर दिन वह साइकिल चलाकर स्कूल जाया करती थीं. यूपी बोर्ड के एग्जाम में टॉप करने वालीं महक का सपना डॉक्टर बनने का है. उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी पूरे गांव के लिए प्रेरणा बन गई है.
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मिट्टी और खपरैल से बना हुआ है महक का घर
महक का घर मिट्टी और खपरैल का बना हुआ मिला. कोविड के चलते लगे लॉकडाउन के समय घर टूट गया था और लंबे समय तक सड़क किनारे उन्हें रहना पड़ा. महक जिस घर में रहकर पढ़ाई करती थीं, आज भी उस दीवारों पर प्लास्टर नहीं है. एक कोने में किचन का सामान रखा है, एक तरफ पुराना फ्रिज और एक फोल्डिंग बेड रखा हुआ है.
महक के पिता शिव प्रसाद ने अपने बच्चों के लिए बहुत मेहनत की है. उन्होंने प्रयागराज से करीब 90 किलोमीटर दूर कौशांबी जिले के एक छोटे से गांव पोखराज में एक ढाबे के पास एक परचून की दुकान खोली है. शिव प्रसाद बताते हैं, “मैं सुबह 8 बजे से रात 2 बजे तक दुकान पर रहता हूं. जब दुकान नहीं खोल पाता तो दूसरा काम करता हूं. इतनी महंगाई में बच्चों को पढ़ाना आसान नहीं, मगर आज लगता है मेहनत हमारी काम आ गई."
वहीं, घर पर महक की मां कुसुम और भाई आयुष हैं. बेटी की सफलता के बाद महक की मां कुसुम गर्व से कहती हैं, "बिटिया ने मान रख लिया, बहुत खुश हूं."