यूपी में 200000 से अधिक युवाओं को मिलेगी फायर सेफ्टी में नौकरी, 10वीं पास भी कर सकते हैं अप्लाई

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Recruitment for the youth of UP: उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब प्रदेश सरकार दो लाख से अधिक युवाओं को फायर सेफ्टी अफसर और फायर सेफ्टी कर्मी के रूप में रोजगार देने जा रही है. यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार देगी बल्कि प्रदेश में अग्नि सुरक्षा को भी मजबूत करेगी.

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Recruitment For Youth Of UP
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Recruitment for the youth of UP:  उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब प्रदेश सरकार दो लाख से अधिक युवाओं को फायर सेफ्टी अफसर और फायर सेफ्टी कर्मी के रूप में रोजगार देने जा रही है. इसके तहत अग्निशमन विभाग इन युवाओं को ट्रेनिंग के बाद प्राइवेट संस्थानों में नौकरी दी जाएगी.  यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार देगी बल्कि प्रदेश में अग्नि सुरक्षा को भी मजबूत करेगी.

अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि, अब निजी भवनों में सिक्योरिटी गार्ड की तरह फायर सेफ्टी अफसर और कर्मियों की तैनाती भी अनिवार्य होगी. इसके लिए विभाग ने  विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर लिया है   और युवाओं के लिए योग्यता  के मानक भी तय कर दिए हैं. प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को मॉल, मल्टीप्लेक्स,  100 या उससे अधिक बेड वाले  अस्पतालों, 24 मीटर से ऊची गैर-आवासीय इमारतों, 45 मीटर से ऊंची आवासीय इमारतों और 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक भवनों में नौकरी के अवसर मिलेंगे.

यूपी सरकार की यह योजना युवाओं को नौकरी देने के साथ-साथ लोगों में फायर सेफ्टी को लेकर जागरूकता भी बढ़ाएगी. सबसे खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने केंद्र सरकार के मॉडल पर फायर सर्विस बिल 2019 को अपनाया है और उसके आधार पर  उत्तर प्रदेश अग्निशमन और आपात सेवा अधिनियम 2022 लागू किया है. इस नए कानून के तहत अब हर निजी बिल्डिंग में ट्रेंड फायर सेफ्टी अफसर और स्टाफ रखना जरूरी होगा.

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युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए उन्नाव स्थित फायर ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है. पहले जहां यह क्षमता 196 थी, अब इसे बढ़ाकर 600 किया जा रहा  है. इसके अलावा रीजनल ट्रेनिंग सेंटर्स की भी स्थापना की योजना है जिससे आम नागरिकों,  कंपनियों और   संस्थानों के कर्मचारियों को भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके. विभाग का मानना  है कि यह कदम न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि प्रदेश में फायर सेफ्टी के क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आएगा. 

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कौन कर सकता है आवेदन

प्रशिक्षण की अवधि और पात्रता की बात करें तो  फायर सेफ्टी ऑफिसर बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए. साथ ही, उन्हें किसी भी जनपद के फायर स्टेशन में कम से कम एक सप्ताह का अनिवार्य प्रशिक्षण लेना होगा. वहीं अग्नि सुरक्षा कर्मी के पद के लिए महिला  या पुरुष अभ्यर्थियों का कक्षा 10 उत्तीर्ण होना आवश्यक है. इस श्रेणी के लिए या तो चार सप्ताह   का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा, या फिर लगातार दो वर्षों तक फायर वॉलंटियर के रूप में पंजीकृत रहना अनिवार्य होगा. इस तरह से विभाग ने दोनों पदों के लिए स्पष्ट अर्हता तय की है, ताकि चयन प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी रह सके.

(इस खबर को यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे सिद्धार्थ मौर्य ने लिखा है.)

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