आगरा में क्या अब एसिड अटैक पीड़िताओं को मिल जाएगा इंसाफ? 2 दशक बाद दर्ज हुआ केस, जानिए

अरविंद शर्मा

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Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एसिड अटैक का शिकार हुईं महिलाओं को मदद मिली है. एसिड अटैक पीड़िताओं से मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई की है. आपको बता दें कि एसिड अटैक पीड़िता 20 सालों से अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ कानूनी मदद भी नहीं ले पा रही थीं. पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद आगरा के थाना एत्माद्दौला में 21 साल बाद एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लग चुकी है.

गौरतलब है कि रामबाग एत्माद्दौला क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता के साथ वर्ष 2002 में एसिड अटैक की घटना हुई थी. पीड़िता जब 14 साल की थीं. आरोप है कि पीड़िता की बहन के देवर आरिफ ने उनपर एसिड से अटैक किया था. पीड़िता का चेहरा जला दिया था. इंसाफ की आस में पीड़िता  21 साल तक थाने के चक्कर लगाती रही. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात की. पीड़िता की आपबीती सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने 21 साल के बाद थाना एत्माद्दौला में आरोपियों के खिलाफ एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज कराया है.

वहीं, दूसरा मामला थाना ताजगंज का है. वर्ष 1997 में मोहल्ला गुम्मट की रहने वाली पीड़िता पर एसिड अटैक हुआ था. पीड़िता का चेहरा सिरफिरे ने जला दिया था. पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की लेकिन मुकदमा नहीं लिखा गया. पीड़िता इंसाफ की आस छोड़ चुकी थी, लेकिन अब उसकी मुलाकात पुलिस कमिश्नर से हुई. एसिड अटैक पीड़िता की फरियाद सुनने के बाद कमिश्नर ने थाना ताजगंज पुलिस को आदेश दिया. थाना ताजगंज पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर 26 साल बाद एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस केस में भी पुलिस आरोपियों की पहचान और तलाश में जुट गई है.

बता दें कि तीसरा मामला थाना हरी पर्वत का है. वर्ष 2013 में पीड़िता पर एसिड अटैक हुआ था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. आरोपी के खिलाफ कार्रवाई भी की, लेकिन पीड़िता काफी समय से री मेडिकल कराए जाने की मांग कर रही थी. पीड़िता की गुहार सुनने के बाद आगरा पुलिस कमिश्नर ने पीड़िता का री मेडिकल कराए जाने के लिए जिलाअधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा है.

चौथा मामला फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र का है. शाहगंज की रहने वाली पीड़िताओं के ऊपर वर्ष 1992 में एसिड अटैक हुआ था. हमले के बाद पीड़िता की मौत हो गई थी. पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट परिजनों को नहीं मिल पा रही है. फरियाद सामने आने के बाद अब न्यायालय में अभिलेखों की तलाश करवाई जा रही है. पुलिस कमिश्नर ने सभी को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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पुलिस कमिश्नर से मिले आश्वासन के बाद हुई कार्रवाई से एसिड अटैक पीड़िताओं ने राहत की सांस ली है. सभी ने पुलिस कमिश्नर का आभार जताया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें इंसाफ की आस जगी है. अब उन्हें लगता है कि उनके गुनहगारों को सजा मिल पाएगी, उन्हें इंसाफ मिल पाएगा.

आपको बता दें कि एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा एवं छांव फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलने गई थीं.

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