महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया, जानें शिष्य के बड़े दावे

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की प्रयागराज में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. पुलिस ने इस मामले में अब महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में ले लिया है. यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने आनंद गिरि के हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इस पूरे मामले को एक्सप्लेन करते हुए बताया, ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या करने की सूचना शिष्य ने दी. आईजी ने टीम के साथ मौके पर परीक्षण किया. दरवाजा पूर्व में बंद था. जब वह कमरे से नहीं निकले हैं, तो शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया है. दरवाजा फिर तोड़ा गया, जो कि अंदर से बंद था. महंत जी का शरीर कमरे में मिला है. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि और दो अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाए हैं कि उनकी मौत के जिम्मेदार वही लोग हैं. यूपी पुलिस ने उत्तरांचल पुलिस की मदद से आनंद गिरि को हरिद्वार में डिटेन किया है.’

इससे पहले महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया था कि वह हरिद्वार में हैं. आनंद गिरि ने आजतक संग बातचीत में बताया, ‘यह बहुत बड़ा षडयंत्र है. पुलिस के अधिकारी भी मिले हैं. इसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो मठ की संपत्ति बेचने की साजिश में शामिल थे. मुझे षडयंत्र रच कर गुरुजी से अलग किया गया. इसके बाद मुझे ही फंसाया जा रहा है. इसमें बहुत बड़े भूमाफिया शामिल हैं.’

आनंद गिरि ने बातचीत में दावा किया, ‘नरेंद्र गिरि किसी मानसिक वेदना में नहीं थे, उनको प्रताड़ित किया गया और मेरा नाम लिखने को मजबूर किया गया. मैं अगर दोषी हूं तो सजा भुगतने को तैयार हूं, लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए. पता लगाना चाहिए कि मठ की संपत्तियों से किसे लाभ हो रहा था, मठ का पैसा कहां गया, ये जांच का विषय है. मुझे खत्म करने की साजिश है.’

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