अवधेश राय हत्याकांड: चंदासी कोयला मंडी पर राज करने की तमन्ना मुख्तार अंसारी को ले डूबी!

संतोष शर्मा

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Mukhtar Ansari News: बाहुबली और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड के मामले में दोषी करार दे दिया गया है. वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के ऊपर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. बताया जा रहा है कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को जैसे ही कोर्ट ने दोषी माना, वह अपना सिर पकड़ कर बैठ गया. उसकी बेचैनी बढ़ गई. 

आपको ये भी बता दें कि 31 साल बाद अवधेश राय हत्याकांड के मामले में कोर्ट का फैसला आया है. अब इस केस में मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा मिल गई है. अब हम आपको बताते हैं कि आखिर मुख्तार अंसारी ने अवधेश राय की हत्या को अंजाम क्यों दिया? आखिर कांग्रेसी नेता अवधेश राय और मुख्तार के बीच कहां ठन गई. दरअसल इस पूरी कहानी शुरुआत होती है चंदासी कोयला मंडी से. 

मुख्तार और अवधेश राय क्यों आमने-सामने आए?

माना जाता है कि आज से 31 साल पहले हुई कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्या चंदासी कोयला मंडी की वसूली और अवधेश राय की दबंगई की वजह से हुई. अवधेश राय को उनके घर के सामने ही गोलियां से छलनी कर दिया गया था.

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बताया जाता है कि अवधेश राय बृजेश सिंह के करीबी थे और अपनी दबंग इमेंज के चलते मुख्तार के रास्ते का कांटा बन गए थे. दरअसल चंदासी कोयला मंडी में मुख्तार अंसारी का एकछत्र राज चलता था. मुख्तार का वसूली का खेल चंदासी कोयला मंडी से लेकर वाराणसी के तमाम व्यापारियों और बाजारों तक चलता था, लेकिन अब अवधेश राय अवैध वसूली के इस खेल में मुख्तार के रास्ते का कांटा बन गए थे. 

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मुख्तार के कई करीबियों को अवधेश राय ने बेइज्जत भी किया

बता दें कि कोयला मंडी पर कब्जा करने को लेकर ही मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा कि उसने नंदकिशोर रूंगटा अपहरण और हत्याकांड को अंजाम दिया. दूसरी तरफ अवधेश राय मुख्तार के सामने चुनौती बन कर खड़े हो गए. बताया जाता है कि उस दौर में वाराणसी के व्यापारी अवधेश राय को मुख्तार से टक्कर लेने वाला समझते थे. ये बात भी मुख्तार अंसारी को बड़ी अखरती थी.

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बताया जाता है कि अवधेश राय ने मुख्तार अंसारी के कई करीबियों को सरे बाजार में बेइज्जत भी किया था. माना जाता है कि इन सब का बदला लेने के लिए ही मुख्तार अंसारी ने 3 अगस्त 1991 की सुबह अपने साथियों के साथ मिलकर अवधेश राय की उनके घर के सामने हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड से पूरा उत्तर प्रदेश हिल गया था.

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