कानपुर में नहीं थम रही हत्या की वारदात, बीते 14 दिनों में सात लोगों का मर्डर

रंजय सिंह

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Kanpur News: जनवरी में जहां पूरा देश सर्दी की ठिठुरन से कांप रहा है वहीं, कानपुर महानगर की जनता जनवरी में लगातार हो रहे मर्डर से कांप रही है. आलम यह है कि जनवरी के पहले 14 दिनों में ही अब तक शहर में सात मर्डर हो चुके हैं. पुलिस मामलों की जांच कर रही है. इन पर कार्रवाई कर रही है और हत्यारे भी पकड़े जा रहे हैं लेकिन मर्डर है कि रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

शनिवार सुबह भी कानपुर के पनकी इलाके में युवक को पीट-पीटकर मार दिया गया. वहीं, बीते 24 घंटे में कानपुर का यह तीसरा मर्डर केस है. इन सभी मामलों मे हत्यारे या तो घर के लोग हैं या फिर करीबी रिश्तेदार और दोस्त.

दरअसल, कानपुर के पनकी इलाके में आज 26 वर्षीय दीपक की किसी ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसकी बॉडी घर के पास ही खाली प्लाट में फेंक दिया. दीपक के घर वालों को कहना है रात में वह घर से 11 बजे करीब निकला था. उसके बाद सुबह उसका शव पड़ा मिला. उसके चेहरे और हाथ-पैर पर चोटों के निशान है. साफ जाहिर है उसको पीट-पीटकर मारा गया है. पुलिस ने इस मामले में परिजनों की तहरीर पर FIR लिखकर के जांच शुरू कर दी है. कानपुर में 24 घंटे में तीसरी हत्या है इसके पहले शुक्रवार की रात को ककवन इलाके बुजुर्ग छम्मी लाल और उनकी पत्नीइमारती देवी की घर में घुसे नकाबपोश डकैतों ने हत्या कर दी. घर में मौजूद बहू सपना का आरोप था कि घर में साथ डकैत घुसे थे, उन्होंने लूटपाट की और सास ससुर की हत्या कर दी.

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जनवरी के अभी 14 दिन ही बीते हैं. कानपुर में इन 14 दिनों में अब तक 7 हत्याएं हो चुकी हैं. सबसे पहले 1 जनवरी को नया साल मनाने घर से निकले संगम की हत्या बिठूर इलाके में की गई थी. उसकी बॉडी भी एक खाली प्लाट में निवस्त्र अवस्था में मिली थी.

इसके बाद 2 जनवरी को घाटमपुर के इलाके में दूध बेचने निकले बुजुर्ग वीरेंद्र की हत्या कर दी गई थी. उनकी बॉडी भी खेत में पड़ी मिली थी. घाटमपुर इलाके में ही 3 जनवरी पूर्व प्रधान रही रेनू की उनके घर वालों ने ही गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. जिसमें उनके पति रोहित को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 4 जनवरी को ककवन इलाके में घर से कार्ड बांटने गए पुष्पेंद्र सिंह की गांव के ही नौशाद ने हत्या कर दी. उसकी बॉडी उसने अपने साथियों के साथ मिलकर नहर में फेंक दी थी. जो आज तक नहीं मिली, जबकि नौशाद को जेल भेजा जा चुका है.

पुलिस अधिकारी इन हत्याओं को लेकर संजीदगी दिखा रहे हैं. हत्या का खुलासा भी हो रहा है लेकिन पुलिस की परेशानी यह है कि जरा जरा सी बातों पर यह हत्याएं हो रही हैं. मृतकों के परिचित परिजन या मिलने वाले ही अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में पुलिस के लिए हत्या से पहले किसी की हत्या हो जाने की आशंका लगाना भी लगभग मुश्किल है. फिर भी इतना तो है जब किसी शहर में लगातार हत्या होती हैं तो लोगों में एकदहशत तो फैलती ही है.

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