क्या अतीक और अशरफ की बर्बादी के पीछे है गुड्डू मुस्लिम का हाथ? जानिए इनसाइड स्टोरी

बनबीर सिंह

ADVERTISEMENT

Atiq Ahmed and Asraf Ahmed
Atiq Ahmed and Asraf Ahmed
social share
google news

Atiq Ahmed News: प्रयागराज का उमेश पाल हत्याकांड मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. इस हत्याकांड मामले में फरार चल रहे 5 लाख रुपये के इनामी बदमाश गुड्डू मुस्लिम की पुलिस को तलाश है. आरोप है कि उमेश पाल हत्याकांड के वक्त गुड्डू मौके पर बम बरसा रहा था. आपको बता दें कि गुड्डू, माफिया अतीक अहमद के खास गुर्गों में से एक है. वहीं, अपनी हत्या के पहले अतीक का भाई अशरफ गुड्डू को लेकर कुछ बयान ही देने वाला था कि उसकी हत्या कर दी गई. इस बीच गुड्डू को लेकर कई अहम खुलासे हुए हैं. दावा है कि गुड्डू मुस्लिम की मुखबरी पर ही अतीक के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम का एनकाउंटर हुआ था. यही नहीं जितने भी खुलासे अतीक के परिवार को लेकर हुए हैं, उनमें सबसे बड़ा हाथ गुड्डू मुस्लिम का बताया जा रहा है.

आपको बता दें कि गुड्डू मुस्लिम भी अतीक की तरह बड़ा माफिया डॉन बनने की चाहत रखता था, जिसके लिए उसने देशभर के अलग-अलग माफियाओं से न सिर्फ संबंध बनाए बल्कि इस कोशिश में उसने सारी हदें पार कर दीं. आरोप है कि उमेश पाल की हत्या को भी वह लीड कर रहा था और असद को भड़काने में भी उसका बहुत बड़ा हाथ था, जिसके बाद अतीक की बर्बादी की पूरी पटकथा तैयार हुई. गुड्डू मुस्लिम की फितरत को जानने वाले तो यही दावा करते हैं.

तो क्या गुड्डू मुस्लिम ने रची गहरी साजिश?

गुड्डू मुस्लिम को जानने वाले दावा करते हैं कि उमेश पाल को मारने की अतीक के पास कोई वजह नहीं बची थी. असद को भड़काने और इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड अगर कोई रहा तो वह गुड्डू मुस्लिम था, जिसने उमेश पाल की हत्या को लीड किया और ताबड़तोड़ बम फेंक कर दहशत फैला दी और मौत का खुला खेल खेला. सूत्र तो यहां तक दावा करते हैं कि अतीक और उसके भाई अशरफ की जेल में रहते उनका सारा कारोबार गुड्डू मुस्लिम के हाथ में रहता था और इस दौरान उसने कोयला सप्लाई समेत कई धंधों में गुपचुप तौर पर पैसे भी लगाए थे. इस दौरान वह कई ऐसे माफियों के संपर्क में भी रहा, जिनके संबंध अतीक और अशरफ से अच्छे नहीं रहे.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

गुड्डू मुस्लिम का सुल्तानपुर से है गहरा नाता

गुड्डू मुस्लिम उर्फ गुड्डू बमबाज का सुल्तानपुर जनपद से गहरा नाता है. वहां के कुरेश समुदाय के लोगों के बीच उसकी गहरी पैठ और पकड़ रही है. यही कारण है कि 2014 में सुल्तानपुर से अतीक अहमद के टिकट घोषित होने के बाद ही गुड्डू मुस्लिम सुल्तानपुर पहुंच गया था. यही नहीं अतीक के जाने के बाद भी गुड्डू मुस्लिम सुल्तानपुर में कई दिनों तक रुका रहा. इसी दौरान उसने पवन पांडे से मुलाकात की थी और जब मुलाकात के लिए उनके पास गया था तो उसके साथ दो युवक और थे और यह दोनों सुल्तानपुर के रहने वाले बताए जाते हैं.

आपको बता दें कि गुड्डू मुस्लिम के सुल्तानपुर कई बार जाने की बात भी सामने आती है और उसका ठिकाना कुरेश समुदाय के लोगों के यहां ही रहा है. सुल्तानपुर जनपद में कुरेश समुदाय के लोग अधिक संख्या में जहां बसे हैं, इनकी लोकेशन कुछ इस तरह की है कि वहां से सीधे गोसाईगंज थाना क्षेत्र होते हुए हाईवे तक पहुंचा जा सकता है. अंबेडकरनगर जनपद की सीमा में भी प्रवेश किया जा सकता है. यही नहीं नदी के रास्ते भी फरार हुआ जा सकता है. इसलिए गुड्डू मुस्लिम जैसे लोगों के लिए यह क्षेत्र एक महफूज ठिकाना रहा है.

ADVERTISEMENT

15 अप्रैल को हुई अतीक-अशरफ की हत्या

15 अप्रैल को माफिया अतीक और उसके छोटे भाई अशरफ की प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. यह वारदात तब घटी, जब पुलिस दोनों भाइयों को प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी. ध्यान देनी वाली बात यह है कि अतीक की हत्या उस दिन हुई, जिस दिन उसके तीसरे नंबर के बेटे असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. दरअसल, उमेश पाल मर्डर केस में 5 लाख रुपये का इनामिया असद फरार चल रहा था, जिसका 13 अप्रैल को झांसी में UPSTF ने एनकाउंटर कर दिया था. इन सब से इतर आज बात अतीक से जुड़े एक एक किस्से की करते हैं.

ADVERTISEMENT

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT