यूपी में आज क्या है वायरल: नरेंद्र गिरि केस में आरोपी आनंद गिरि की लाइफ स्टाइल चर्चा में

गौरव कुमार पांडेय

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की प्रयागराज में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. पुलिस के मुताबिक, नरेंद्र गिरि का शव…

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की प्रयागराज में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. पुलिस के मुताबिक, नरेंद्र गिरि का शव मठ के गेस्ट हाउस के कमरे से मिला. शुरुआती जांच में पुलिस ने बताया है कि इस मामले में एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा गया गया है कि नरेंद्र गिरि अपने शिष्य से दुखी थे. सोशल मीडिया पर इस शिष्य के काफी चर्चे हैं. जी हां नरेंद्र गिरि मामले में आरोपी आनंद गिरि के चर्चे. ट्विटर पर आनंद गिरि की कई तस्वीरें साझा कर अलग-अलग दावा किया जा रहा है. कुछ ये कहते नजर आए,”संत परंपरा का निर्वहन न करने के कारण आनंद गिरि को महंत ने निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया था.ऑस्ट्रेलिया मे महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप है, शराब के साथ फोटो वायरल हुई, चोरी का इल्जाम भी है.”

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तो कुछ ड्रिंक को लेकर कॉमेंट करते दिखे. हालांकि ”सुसाइड नोट” के बाद पुलिस ने इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया. आनंद गिरि का दावा इससे उलट है. एक बातचीत में आनंद गिरि ने कहा, ‘नरेंद्र गिरि किसी मानसिक वेदना में नहीं थे, उनको प्रताड़ित किया गया और मेरा नाम लिखने को मजबूर किया गया. मैं अगर दोषी हूं तो सजा भुगतने को तैयार हूं, लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए.’

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महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद योगी सरकार पर बरसा विपक्ष

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महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर सोशल मीडिया में केवल आनंद गिरि ही ऐसे नहीं थे जिनपर सवाल-जवाब या चर्चा की जा रही थी. इनके अलावा योगी सरकार पर भी निशाना साधा जा रहा था. क्या कांग्रेस, क्या एसपी, सब के सब योगी सरकार से सवाल कर रहे थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर सवाल किया कि ये कैसी सरकार है जो देश के संतों-महंतों की रक्षा करने में भी समर्थ नहीं?. उन्होने अपने ट्वीट में लिखा, ‘संतों महन्तों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के आदरणीय महंत नरेंद्र गिरी जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हृदयविदारक है. श्रद्धांजलि. क्या ये आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या? उत्तर प्रदेश भाजपा की ये कैसी सरकार है जो देश के संतों महंतों की रक्षा करने में भी समर्थ नहीं?’

कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा भी लिखते नजर आए,”महंत नरेंद्र गिरी केस : सुसाइड नोट सार्वजनिक करो, महंत ही महंत की रक्षा नहीं कर पा रहे…अथा संपत्ति बताई जा रही है अखाड़े के पास!”

कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी के नेताओं की तरफ से भी काफी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. एसपी मुखिया अखिलेश यादव भी प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी जाकर महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन करने के बाद ट्वीट कर लिखते हैं,’अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, धर्म कर्म, अध्यात्म के प्रति जीवन समर्पित करने वाले महान संत नरेंद्र गिरी जी का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन, ह्रदय विदारक. हाई कोर्ट के सिटिंग जजों की निगरानी में पूरे घटनाक्रम की जांच करा सत्य सामने लाए सरकार.”

योगी सरकार पर हमला बोलते हुए एसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई पी सिंह लिखते हैं. ‘सन्त समाज की रक्षा करने में विफल हैं मुख्यमंत्री. अबतक दो दर्जन से ज्यादा साधु-संतों की हत्या प्रदेश में हो चुकी है.’

आपको बता दें की सोशल मीडिया पर कल देर शाम से ही ‘महंत नरेंद्र गिरि’ ट्रेंडिंग में है. धर्म, राजनीति और अन्य वर्ग से जुड़े लोग इस खबर को सुनकर बेहद स्तब्ध थे. सबके लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को सहजता से स्वीकार करना आसान नहीं है.

‘अखिलेश को अपने ही धर्म से रिश्ता करने में शर्म आती है?’

सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह का एक वीडियो वायरल किया जा रहा है. ये दावा किया गया की ये वीडियो प्रतापगढ़ में प्रबुद्ध सम्मेलन का है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मोती सिंह कह रहे हैं कि ‘अखिलेश को यादवों से रिश्ता करने में शर्म आती है, तुम पिछड़े कहां हो तुम तो क्षत्रिय हो, पढ़ो अपना इतिहास जाकर.’

आपको बता दें कि यूपी तक इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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