अखिलेश के CM आवास छोड़ने के बाद उसे गौ मूत्र से धोया गया था: सपा नेता स्वामी मौर्य
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री आवास को छोड़ा तो धर्म की नौटंकी करने वालों…
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री आवास को छोड़ा तो धर्म की नौटंकी करने वालों…
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री आवास को छोड़ा तो धर्म की नौटंकी करने वालों ने उसे गौ मूत्र से धोया था. क्या गौ मूत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से ज्यादा महत्वपूर्ण था?
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वहीं, स्वामी मौर्य ने बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट्स का जवाब देते हुए सीएम हाउस को गऊ मूत्र और गंगा जल से साफ करने के किस्से को याद किया. बता दें बसपा सुप्रीमो मायावती ने 3 फरवरी को ट्वीट कर कहा था कि देश में कमजोर और उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है. अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे.
मायावती ने कहा था कि देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं.
मायावती ने यह भी कहा था कि सपा प्रमुख द्वारा इनकी वकालत करने से पहले उन्हें लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस के दिनांक 2 जून 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में जरूर झांककर देखना चाहिए, जब सीएम बनने जा रही एक दलित की बेटी पर सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था.
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बसपा प्रमुख ने कहा था कि वैसे भी यह जगजाहिर है कि देश में एससी, एसटी, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान की कद्र बीएसपी में ही हमेशा से निहित व सुरक्षित है, जबकि बाकी पार्टियाँ इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर किस्म-किस्म की नाटकबाजी ही ज्यादा करती रहती हैं.
वैसे मीडिया रिपोर्टस की मानें तो योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद 20 मार्च 2017 को सीएम आवास यानी 5 कालिदास मार्ग में गोरखपुर से बुलाए गए 7 पुरोहितों ने कई घंटे पूजा-अर्चना की थी, जिसमें योगी भी शामिल हुए थे. उस रोज बंगले के हर गेट पर गंगाजल का छिड़काव किया गया था, जिसके लिए कहा गया कि योगी के रहने से पहले बंगले का शुद्धिकरण किया गया है, जो उस समय भी विवाद में रहा. अब उसी किस्से के साथ स्वामी प्रसाद मौर्या ने मायावती का जवाब दिया है.
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