गाजियाबाद में पुलिस ने पीटकर ऑटो वाले को मार डाला? परिजनों ने आरोप लगा मचाया हंगामा
Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद के इंदिरापुरम में ऑटो चालक की मौत पर उसके परिजनों और साथी ऑटो चालकों द्वारा हंगामा किया गया है. हंगामा कर…
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Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद के इंदिरापुरम में ऑटो चालक की मौत पर उसके परिजनों और साथी ऑटो चालकों द्वारा हंगामा किया गया है. हंगामा कर…
Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद के इंदिरापुरम में ऑटो चालक की मौत पर उसके परिजनों और साथी ऑटो चालकों द्वारा हंगामा किया गया है. हंगामा कर रहे लोगों का आरोप है कि बीती रात एक साइकिल चालक और ऑटो के बीच हुए एक्सीडेंट के बाद पुलिस ऑटो चालक को पकड़कर ले गई और उसे खूब पीटा गया. पुलिस के पीटने से उसे गंभीर चोटें लगी हैं और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
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नाराज परिजनों ने कई घंटों तक इंदिरापुरम इलाके में सड़क जाम कर दी और धरने पर बैठ गए. लोगों की मांग थी कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा देकर किसी तरह परिजनों और अन्य लोगों को समझा कर वहां से हटाया.
यूपी अपराध समाचार: आपको बता दें कि इंदिरापुरम में एक ऑटो चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि एक एक्सीडेंट के बाद पुलिस ऑटो चालक को पकड़कर ले गई और पुलिस चौकी के अंदर जमकर पिटाई की गई. आधी रात को पुलिस ने जब इस व्यक्ति को परिजनों के सुपुर्द किया तो वो दर्द से कराह रहा था. अस्पताल में पहुंचने के आधा घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया. पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप है.
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25 वर्षीय मृतक ऑटो चालक धर्मपाल यादव मूल रूप से कासगंज जिले के अमापुर थाना क्षेत्र के गांव नंगला बांस का रहने वाला था. वो परिवार सहित गाजियाबाद के कनावनी गांव में रहता था और वैशाली मेट्रो स्टेशन से रेलवे विहार के बीच ऑटो चलाता. बीती रात करीब 10 बजे ऑटो से घर लौट रहा था. नीति खंड इलाके में रेलवे विहार कट पर ऑटो की एक साइकिल से टक्कर हो गई. साइकिल सवार युवक घायल हो गया। धर्मपाल ने खुद UP 112 को फोन करके पुलिस बुलवाई थी. आरोप है कि पुलिस सूचना देने वाले व्यक्ति ऑटो चालक धर्मपाल को ही उठाकर कनावनी चौकी पर ले आई, जहां उसकी पिटाई की गई.
गाजियाबाद न्यूज़: रात में डेढ़ बजे कुछ पुलिसकर्मियों ने धर्मपाल के चचेरे भाई मुरारी यादव को फोन करके उसे ले जाने के लिए कहा. मुरारी का कहना है कि जब वो चौकी पर पहुंचा तो मृतक धर्मपाल यादव दर्द से कराह रहा था और पुलिस द्वारा पिटाई की बात बता रहा था. इसलिए वो उसको घर की बजाय शांति गोपाल हॉस्पिटल ले गए. यहां रात करीब दो बजे धर्मपाल की मौत हो गई. हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारी पिटाई से चालक की मौत होने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऑटो चालक को सही सलामत उसके भाई के सुपुर्द किया गया था.
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