IAF की पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के बाद क्या आज भारत में बंद रहेंगे स्कूल? जानें इस बड़े सवाल का जवाब
Indian Air Force Strike: वायुसेना की कार्रवाई के बाद देशभर में हालात सामान्य, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर. स्कूल बंद करने को लेकर कोई निर्देश नहीं.
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Indian Air Force Strike: भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के करीब दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें आतंकवादी समूह लश्कर-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर भी शामिल हैं. भारत की इस बड़ी कार्रवाई के बाद अब देशवासियों के मन में ये सवाल है कि क्या बुधवार को बच्चों के स्कूल खुलेंगे? आइए खबर में आपको इस सवाल का जवाब देते हैं.
आज स्कूल खुलेंगे?
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना द्वारा की गई ये बड़ी कार्रवाई कार्रवाई के बाद देश के सभी राज्यों में हालात सामान्य बने हुए हैं. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं. फिलहाल स्कूलों के संबंध में कोई सरकारी एडवाइजरी जारी नहीं की गई है, इसलिए बच्चों को सामान्य रूप से स्कूल भेजा जा सकता है. लेकिन अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे स्कूल प्रशासन द्वारा भेजे गए किसी भी मैसेज या ईमेल को जरूर चेक कर लें, ताकि अगर स्कूल ने अवकाश या अन्य कोई निर्णय लिया हो, तो उसकी जानकारी पहले से मिल सके.
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों पड़ा?
इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह उन महिलाओं के सिंदूर का बदला है, जिनके माथे से उनके सुहाग का नाम मिटा दिया गया. यह नाम उन आंसुओं की पहचान है, जो 15 दिन से बिना रुके बह रहे थे. यह एक श्रद्धांजलि है उन 26 बेकसूरों को, जिनकी जान सिर्फ इसलिए ली गई क्योंकि वे भारतीय थे. भारत ने साफ कर दिया है कि हर आंसू का जवाब होगा और कोई भी बलिदान बेकार नहीं जाएगा.
किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?
इन आतंकवादी अड्डों पर की गई सटीक कार्रवाई:
- बहावलपुर (JeM मुख्यालय) – भारत-पाक सीमा से 100 किमी दूर
- मुरीदके (LeT कैंप) – 26/11 हमले से जुड़े आतंकी यहीं से प्रशिक्षित हुए
- गुलपुर (पीओके) – पूंछ और राजौरी हमलों से जुड़े आतंकी
- सवाई (LeT कैंप, पीओके) – सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड
- बिलाल कैंप (JeM लॉन्चपैड)
- कोटली (LeT बमर्स कैंप) – 50 आतंकियों की क्षमता
- बर्नाला कैंप (राजौरी के सामने)
- सरजल कैंप (JeM, सांबा-कठुआ के सामने)
- मेहमूना कैंप (HM ट्रेनिंग सेंटर, सियालकोट)