महाकुंभ भगदड़ में पत्नी मंजू की हुई मौत, बुजुर्ग त्रिभुवन पांडे ने बताया अंतिम पलों का दर्दनाक मंजर

प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. इन्हीं मृतकों में शामिल हैं लखनऊ में HAL से रिटायर्ड त्रिभुवन पांडे नामक शख्स की पत्नी मंजू पांडे. त्रिभुवन ने बताया है कि भगदड़ के दौरान उनके और उनकी पत्नी के साथ क्या-क्या बीता था. 

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Mahakumbh stampede survivor Tribhuvan Pandey
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Mahakumbh Stampede News: मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए. इनमें 25 मृतकों की पहचान हो गई है और बाकी की पहचान की जा रही है. मृतकों में कर्नाटक के चार, असम और गुजरात के रहने वाले एक-एक व्यक्ति भी शामिल हैं. वहीं, इन्हीं मृतकों में शामिल हैं लखनऊ में HAL से रिटायर्ड त्रिभुवन पांडे नामक शख्स की पत्नी मंजू पांडे. त्रिभुवन ने बताया है कि भगदड़ के दौरान उनके और उनकी पत्नी के साथ क्या-क्या बीता था. 

'पत्नी का बहुत मन था मौनी अमावस्या वाले दिन स्नान लेने का'

त्रिभुवन पांडे ने कहा, "मेरी पत्नी मंजू पांडे का बहुत मन था मौनी अमावस्या वाले दिन स्नान लेने का. उसने मुझसे कहा था कि यह मौका 144 साल में एक बार आ रहा है, दोबारा नहीं आएगा, इसे खोना नहीं चाहती. मैं उन्हें मना नहीं कर पाया और साथ ले गया.  पहले सब कुछ ठीक था, लेकिन जैसे ही लेटे हुए हनुमान जी के पास पहुंचे पुलिस ने एकदम से बैरिकेड बंद कर दिए. भीड़ ने इसका विरोध किया लेकिन पुलिस नहीं मानी."

'पुलिस ने लेकिन बैरिकेड नहीं खोले'

उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद संगम में जाने के चक्कर में भगदड़ मच गई. सब एक दूसरे पर सवार होकर निकलते गए, पुलिस ने लेकिन बैरिकेड नहीं खोले. मेरे ऊपर भी कई लोग चलते हुए चले गए. मेरे सिर पर...कंधे पर, पैर पर काफी चोटे आईं. मै वहीं बेहोश हो गया. जब आंख खुली तो मेरे इर्द गिर्द कई लोग खड़े थे, मैने अपनी पत्नी को ढूंढना चाहा लेकिन वह नहीं मिलीं."

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'अगर पुलिस ने बैरिकेड नहीं लगाया होता तो...'

बकौल त्रिभुवन पांडे, "मैं उनके लिए भटकता रहा लेकिन नहीं मिली. शाम तक मेरे परिवार ने मुझे सांत्वना देने के लिए कहा कि मेरी पत्नी पीजीआई में एडमिट हैं आप आ जाइए. जब मैं गाड़ी से आधे रास्ते आया तब मुझे बताया कि वह अब जीवित नहीं हैं, भगदड़ में मौत हो गई है. अगर पुलिस ने बैरिकेड नहीं लगाया होता तो मेरी पत्नी आज जीवित होती. वह जाते जाते मुझे कहती जा रही थी कि हम बहुत भाग्यशाली हैं जो यहां तक आ पाए हैं."

कैसे हुई थी भगदड़?

DIG महाकुंभ मेला वैभव कृष्ण ने बताया, "मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से पहले देर रात एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना. उस दबाव के कारण दूसरी ओर के अवरोधक टूट गए और भीड़ के लोगों ने अवरोधक लांघ कर दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को अनजाने में कुचलना शुरू कर दिया. इसी वजह से यह घटना हुई."

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