24 जनवरी को क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस? कंपीटिटिव एग्जाम में पूछा जाता है ये सवाल, जान लीजिए जवाब
जनसंख्या के लिहाज से भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश (यूपी) की अपनी समृद्ध संस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत रही है.
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जनसंख्या के लिहाज से भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश (यूपी) की अपनी समृद्ध संस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत रही है. आइए आपको बताते हैं कि 24 जनवरी को ही यूपी का स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है.
24 जनवरी को क्यों मनाया जाता है उत्तर प्रदेश दिवस?
24 जनवरी 1950 को भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्रोविन्स का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रखने का आदेश जारी किया. इसके बाद से यह प्रदेश उत्तर प्रदेश के नाम से जाना जाने लगा. हालांकि, इस दिन को औपचारिक रूप से "उत्तर प्रदेश दिवस" के रूप में मनाने की शुरुआत 2018 में हुई. प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया.
इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक धरोहर, और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाता है. साथ ही, इस मौके पर सरकार द्वारा नई योजनाओं की घोषणा और निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाता है.
उत्तर प्रदेश का समृद्ध इतिहास
उत्तर प्रदेश का इतिहास 4000 साल पुराना है और यह भारत के इतिहास के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है. प्रारंभिक काल में यहां आर्य निवास करते थे, जो मुख्य रूप से खेती करते थे. इस क्षेत्र में महाभारत, रामायण और पुराण जैसे महाकाव्य लिखे गए.
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महाभारत के केंद्र रहे मथुरा और अयोध्या जैसे शहर उत्तर प्रदेश में ही स्थित हैं. भगवान बुद्ध ने भी उत्तर प्रदेश की धरती पर अपने पहले प्रवचन से बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया. सारनाथ और चौखंडी स्तूप जैसे स्थल इस बात के गवाह हैं.
सम्राट अशोक के शासनकाल में यहां कई जनहितकारी काम हुए. मौर्य और हर्षवर्धन के शासनकाल में उत्तर प्रदेश ने अपनी प्रसिद्धि के नए आयाम छुए. वहीं, मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में यह क्षेत्र समृद्धि के शिखर पर पहुंचा. 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भी उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही. कानपुर, झांसी और मेरठ जैसे शहर इस आंदोलन के मुख्य केंद्र थे.
उत्तर प्रदेश दिवस पर क्या होता है?
उत्तर प्रदेश दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दिन सरकारी विभाग अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए स्टाल और प्रदर्शनियां लगाते हैं. इसके साथ ही, प्रदेश की कला, संस्कृति और शिल्प को बढ़ावा देने के लिए विशेष आयोजनों का आयोजन किया जाता है.
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन नए प्रोजेक्ट्स और योजनाओं की शुरुआत होती है. इस मौके पर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियों को जनता के बीच पहुंचाने का प्रयास किया जाता है.
उत्तर प्रदेश का वर्तमान स्वरूप
24 जनवरी, 1950 को नाम बदलने के बाद से उत्तर प्रदेश ने कई परिवर्तनों को देखा. 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को अलग कर प्रदेश का वर्तमान भौगोलिक स्वरूप तय हुआ. आज यह प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है और कृषि, उद्योग, और सांस्कृतिक विविधता में अपनी खास पहचान रखता है.
उत्तर प्रदेश दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह दिन प्रदेश के इतिहास, संस्कृति और विकास की कहानी को याद करने और इसे गर्व के साथ संजोने का अवसर है. यह दिन यूपी के गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है और भविष्य में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है.