कफ सिरप सिंडिकेट का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल CM योगी से करने लगा ये कैसी अपील?
कोडीन कफ सिरप मामले के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के घर पर हाल ही में ED ने नोटिस चस्पा किया है. इस बीच उसका एक एक्सक्लूसिव वीडियो सामने आया है. 13 मिनट के इस वीडियो में शुभम ने खुद को बेकसूर बताते हुए CM योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है. बता दें कि शुभम जायसवाल अभी फरार चल रहा है.
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कोडीन कफ सिरप मामले के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल की तलाश एजेंसियां कर रही हैं. बीते दिन गुरुवार को ED ने शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित दो घर पर नोटिस चस्पा किया था. लेकिन अभी भी शुभम जायसवाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इस बीच शुभम जायसवाल का एक एक्सक्लूसिव वीडियो सामने आया है. इस 13 मिनट के वीडियो में शुभम जायसवाल ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए खुद को बेकसुर बताया है. इस दौरान उसने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी न्याय की अपील की है. बता दें कि कफ सिरफ सिंडिंकेट में शुभम जायसवाल मुख्य आरोपी माना जा रहा है. अभी तक पुलिस ने शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद और उसके करीबी दोस्त अमिता सिंह टाटा को गिरफ्तार किया है. वहीं शुभम को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि वह दुबई भाग चुका है.
13 मिनट के वीडियो में शुभम ने ये सब कहा
इस वीडियो में शुभम जायसवाल ने कहा कि 'काफी दिनों से मेरे बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट, न्यूज चैनल और बड़े-बड़े नेताओं के प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला जा रहा है कि मैंने जहरीले सिरप बेची है. नकली दवाओं का मैंने क्रय-विक्रय किया है और मेरे द्वारा बेची दवा से बच्चों की मौत हुई है. लेकिन मेरे द्वारा सप्लाई कफ सिरप से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है. उसने कहा कि Phensydil cough syrup ना तो प्रतिबंधित है. ना ही जहरीली है ना ही narcotics की श्रेणी में आती है. यह सामान्य दवा है जो कफ में इस्तेमाल की जाती है. मध्य प्रदेश में जिस सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है वह अलग दवा है. मेरे द्वारा abott कंपनी की सिरप सप्लाई की जा रही थी.
माननीय अखिलेश यादव जी और अन्य नेता कृपा करके ऐसी राजनीति न करें और ना ही लोगों को भ्रम में डालें. इस दवा के स्टॉक करने या बेचने को लेकर सरकार की तरफ से कोई नियम नहीं हैं. मैंने ड्रग डिपार्टमेंट में RTI से जाना था कि इस दवा को लाइसेंस धारियों को ही माल बेचना है और पेमेंट बैंक खाते में ही लेना है. मेरे द्वारा जो भी क्रय-विक्रय किया गया है वह सब ड्रग एक्ट को फॉलो करते हुए किया गया है. कंपनी को मिलने वाली codeine phosphate का कोटा भारत सरकार तय कर देती है जिससे यह दवा बनती है. CBN कंपनियों को कोटा अलॉट करती है. India में मैं अकेला डिस्ट्रीब्यूटर नहीं था. मेरे पास झारखंड में फर्म शैली ट्रेडर्स थी. मेरी तरह दिल्ली,उत्तराखंड, मध्यप्रदेश में भी अन्य फर्म हैं. गाजियाबाद, सोनभद्र, झारखंड में पकड़ा गया माल शैली ट्रेडर्स का नहीं था. जो माल पकड़ा गया था वो दिल्ली की फर्म का था. लेकिन जो भी कार्रवाई की जा रही वो सब मेरे ऊपर की जा रही है.
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Abott कम्पनी ने दवा बनाना बंद कर दिया था. बीते जुलाई 2025 में मैंने अपना सारा स्टॉक बेच दिया था. मैंने सारा स्टॉक लाइसेंसधारियों को माल बेचा था. किसी तरह के अवैध काम करने वाले को माल नहीं बेचा जिसको माल बेचा सब के पास ड्रग लाइसेंस थे. सभी दुकानदारों जिनको माल बेचा उनकी gps फोटो थी और ईवे बिल से माल भेजा जाता था. ईवे बिल पर डिटेल निकाला जाए तो पता चलेगा माल दिया गया है या नहीं. मेरे पास सारे डॉक्यूमेंट हैं जो मैंने झारखंड के ड्रग डिपार्टमेंट को दिए हैं. मैंने जहां जहां माल भेजा वहां मेरे ऊपर मुकदमे लिखवाए गए. मेरा या मेरे परिवार की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है. कंपनी माल बना रही तो मैने आगे माल बेचा. मैं अगर दोषी हूं तो दवा बनाने वाली कम्पनी दोषी क्यों नहीं है. मैंने जिसको माल बेचा मैं उनसे पेमेंट लेने का हकदार हूं. वो माल का क्या कर रहे हैं उसका डिटेल हम नहीं ले सकते.
गाजियाबाद में पकड़े गए सौरभ त्यागी से मेरा कोई संबंध नहीं है. ड्रग डिपार्टमेंट के कुछ अफसरों ने मेरा जबरन नाम लिखवाया है क्योंकि वो पैसे की डिमांड करते थे. ड्रग डिपार्टमेंट के बड़े अफसरों ने लखनऊ से गाजियाबाद और वाराणसी में मेरा नाम फोन कर जबरन लिखवाया है. दिल्ली,उत्तराखंड,मध्यप्रदेश की फर्मों की जांच नहीं चल रही. सिर्फ मेरी जांच क्यों की जा रही है. किसी राजनेता से मेरा कोई व्यापारिक संबंध नहीं रहा है. किसी भी वायरल फोटो और वीडियो की मुझे कोई जानकारी नही है.
सीएम योगी से की अपील
शुभम जायसवाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की अपील करते हुए कहा कि ' मैं मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि ड्रग डिपार्टमेंट वाले बाकी पार्टी को बचा रहे हैं और हर तरफ से मुझे फंसा रहे हैं. मुझे बहुत परेशानी हो रही है. मैं इसलिए हटा हूं क्योंकि मैंने कभी पुलिस जेल नहीं देखा है मुझे डर लगता है. मेरे द्वारा कोई shell Firms नहीं बनाई गई है. मैंने जब माल बेचा तब दुकान एक्सिट करती थी. मुख्यमंत्री जी ऐसी जांच ना कराए जिसमें हम दोषी हो. हम दोषी नहीं है... मुख्यमंत्री जी हमारी मदद करिए... न्याय करिए.'
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