यूपी में वायरल, हफ्तों तक ठीक नहीं होने वाली खांसी का कहर, कैसे बचें? एक्सपर्ट से जानें

समर्थ श्रीवास्तव

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यूपी में वायरल, हफ्तों तक ठीक नहीं होने वाली खांसी का कहर
यूपी में वायरल, हफ्तों तक ठीक नहीं होने वाली खांसी का कहर
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Viral Cough cases in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में इस वक्त एक बड़ी आबादी वायरल बुखार और हफ्तों तक ठीक नहीं होने वाली खांसी से जूझ रही है. मौसम में हो रहे बदलाव और इन्फ्लूएंजा के चलते यूपी में वायरल, खांसी, जुखाम, सांस फूलने आदि के मामलों में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. डीजी हेल्थ यूपी लिली सिंह बताती हैं कि आम दिनों से लगभग 1/3 ज्यादा खांसी जुखाम के मरीज ओपीडी में आ रहे हैं और इनके सही होने में दो हफ्ते से ज्यादा लग रहा है.

आइए जानते हैं आखिर ये कैसा संक्रमण है और इससे कैसे बचा जा सकता है

यूपी तक ने तेजी से बढ़ती इस स्वास्थ्य समस्या को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज श्रीवास्तव से बात की. उन्होंने हमें इस बारे में विस्तार से बताया. डॉक्टर पंकज के मुताबिक ये वायरल इन्फेक्शन है. इसकी शुरुआत नाक बंद होने और कफ आने से होती है. यह संक्रमण तेजी से बढ़ा है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है.

सामान्य स्थिति में जुकाम-खांसी 5 दिनों में ठीक हो जाती थीं. इस मामले में यह लंबा खिंच रहा है. अगर बैक्टीरियल इनफेक्शन गले में देखने पर लग रहा है, तो एंटीबायोटिक देनी पड़ेगी. अगर सिर्फ वायरल इंफेक्शन है, तो एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं है.

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फिलहाल हो रहे संक्रमण का ड्यूरेशन बढ़कर 7 से 10 दिन का हो गया है. वहीं खांसी, कफ और सांस फूलने की समस्या 15 दिनों से लेकर महीने भर तक देखी जा रही है. लगभग 20 प्रतिशत केसों में 20 दिन तक लग रहा है, जिसमे बलगम आ रहा है, खांसी आ रही है.

इसे कोरोना से जोड़ना गलत

UP Samachar: डॉक्टर पंकज कहते हैं कि इस संक्रमण को कोरोना से जोड़ना गलत होगा. हमारी बॉडी अब कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है. इस मामले में बचाव करना है. बहुत ज्यादा डरने की जरूरत नहीं. यह ट्रांसमिसेबल बीमारी है, यानी एक शख्स से दूसरे को होगी, लेकिन कोरोना संक्रमण की तरह जानलेवा नहीं है. मान लीजिए कि 6 लोगों के परिवार में किसी एक को अगर यह हो रही है, तो बाकी लोगों को भी हो सकती है.

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डॉक्टर बताते हैं कि यह सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसा है, सीरियस नहीं है. खांसी के साथ बलगम दो दिन हफ्ते तक निकलता है. खांसी को रोकने वाली दवा को हम रिकमेंड तब तक नहीं कर रहे हैं, जब तक यह बहुत ज्यादा न हो. ब्लड अगर आ रहा है तो मतलब यह है कि गले में खून की नालियां भी सूख जाती हैं. लोग अपने टेस्ट करा लें, प्लेटलेट्स काउंट का टेस्ट करा लें, परेशान होने की जरूरत नहीं.

बचाव के लिए मास्क पहनें

UP Viral News: डॉक्टर के मुताबिक इन दिनों में साइनस और डस्ट एलर्जिक लोगों को बचने के लिए मास्क पहनना होगा. दूसरों से आपको संक्रमण मिल सकता है. ऐसे में बिना किसी ऑफिशियल गाइडलाइन के भी कोई खुद मास्क पहन रहा है, तो यही सबसे बड़ा बचाव है. सांस फूलने की समस्या आने पर ब्रीदिंग एक्सरसाइज मदद करेगी, लेकिन साथ में और भी कई चीज हैं, जो डॉक्टर रिकमेंड कर सकते हैं. पॉलिवेलेंट वैक्सीन है मार्केट में, आदमी लगवा सकता है, वायरस की फ्रीक्वेंसी इससे कम हो जाएगी.

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अगर आपको लक्षण हैं, तो दूसरों से मिलने से पहले मास्क लगाकर जाएं. हाथ मिलाने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. हल्का बुखार, खांसी-जुखाम आने पर कार्यस्थल पर नहीं जाना है. खुद को आइसोलेट करना होगा. यह मामला कोरोना (Corona) जैसा नहीं, लेकिन दूरी बनानी होगी. अगर किसी व्यक्ति को खांसी है, तो उससे दूरी बनाकर रखें. अगर खुद खांस रहे हैं तो मुंह और नाक ढक कर खांसें.

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