यूपी के क्लास 6 से 12वीं के बच्चे इस 15 घंटे के मॉड्यूल वाली AI स्कीम का उठाएंगे फायदा तो आसानी से मिलेगी जॉब! फुल डिटेल जानिए
यूपी में क्लास 6 से 12वीं में पढ़ने वाले बच्चे भारत सरकार की 'स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस (SOAR)' स्कीम का फायदा उठा सकते हैं. 15 घंटे के AI मॉड्यूल से मिलेगी भविष्य की जॉब्स में मदद. शिक्षकों के लिए भी ट्रेनिंग. जानें पूरी जानकारी.
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अगर आप छात्र हैं और भविष्य में आसानी से नौकरी पाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है! भारत सरकार की स्किल मिनिस्ट्री ने स्कूल लेवल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई करवाने के लिए एक खास स्कीम शुरू की है. यह स्कीम है 'स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस (SOAR)'. इस स्कीम के तहत कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चे 15 घंटे के खास AI मॉड्यूल का फायदा उठा पाएंगे. इससे उन्हें भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार होने में बड़ी मदद मिलेगी.
क्या है SOAR स्कीम और इसका मकसद?
'स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस (SOAR)' स्कीम का मुख्य मकसद स्कूली छात्रों (कक्षा 6 से 12 तक) के बीच AI के बारे में जानकारी और शुरुआती हुनर को बढ़ाना है. शिक्षकों को भी AI के बारे में जानकारी देना है.
डिजिटल खाई पाटना: इस प्रोग्राम का लक्ष्य है कि AI की पढ़ाई सभी बच्चों तक आसानी से पहुंचे, चाहे वे किसी भी इलाके में रहते हों. इससे डिजिटल खाई को कम करने में मदद मिलेगी.
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भविष्य के लिए तैयार: यह स्कीम देश के उस बड़े लक्ष्य को सपोर्ट करती है, जिसमें हमें भविष्य के लिए तैयार और सबको साथ लेकर चलने वाले कुशल लोग बनाने हैं.
छात्रों के लिए 15 घंटे के 3 मॉड्यूल
SOAR स्कीम में छात्रों के लिए तीन खास 15-15 घंटे के मॉड्यूल बनाए गए हैं. ये मॉड्यूल बच्चों को AI की दुनिया से धीरे-धीरे परिचित कराएंगे:
- AI टू बी अवेयर (AI to be Aware): AI की बेसिक जानकारी और जागरूकता के लिए.
- AI टू एक्वायर (AI to Acquire): AI से जुड़े कुछ हुनर सीखने के लिए.
- AI टू एस्पायर (AI to Aspire): AI में आगे बढ़ने और करियर बनाने के लिए प्रेरित करने वाला मॉड्यूल.
इन मॉड्यूल में AI की मूल बातें, जनरेटिव AI (जैसे चैटजीपीटी), रोजमर्रा की जिंदगी में AI का इस्तेमाल, प्रोग्रामिंग की बेसिक जानकारी, नैतिकता, साइबर सुरक्षा और AI से जुड़े करियर के मौकों जैसी चीजें सिखाई जाएंगी.
शिक्षकों के लिए भी खास ट्रेनिंग: 45 घंटे का मॉड्यूल
छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी एक अलग से 45 घंटे का मॉड्यूल है, जिसका नाम है 'AI फॉर एजुकेटर्स' (AI for Educators). यह मॉड्यूल शिक्षकों को AI के बारे में पूरी जानकारी देगा ताकि वे छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें.
ऑनलाइन होगी ये ट्रेनिंग और चाहिए होगी APAR ID
यह सभी ट्रेनिंग मॉड्यूल ऑनलाइन मोड में होंगे, जिससे बच्चे और शिक्षक अपनी सुविधा के हिसाब से पढ़ाई कर सकेंगे. पंजीकरण और APAR ID: छात्रों को 'स्किल इंडिया डिजिटल हब' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. स्किल इंडिया के आधिकारिक लिंक पर यहां क्लिक कर आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के साथ उन्हें अपनी 'अपार आईडी' (APAR ID) भी देनी होगी. यह आईडी स्कूली शिक्षा का सारा ब्योरा रखती है. अपार आईडी से लिंक होने के बाद ही ट्रेनिंग शुरू होगी.
ऑनलाइन आकलन और सर्टिफिकेट: ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ऑनलाइन ही एक टेस्ट होगा जिससे पता चलेगा कि छात्र ने कितना सीखा है. इसके बाद ऑटोमैटिक तरीके से सर्टिफिकेट तैयार हो जाएगा और छात्र का यह डेटा स्किल इंडिया डिजिटल हब के साथ-साथ अवार्डिंग बॉडी के पास भी चला जाएगा.
क्रेडिट अंक और जॉब में आसानी
इस ट्रेनिंग को पूरा करने पर छात्रों को खास क्रेडिट अंक भी मिलेंगे:
- छात्रों के लिए: एक मॉड्यूल पूरा करने पर छात्रों के अकादमिक खाते में 0.5 अंक क्रेडिट हो जाएंगे.
- शिक्षकों के लिए: 45 घंटे की ट्रेनिंग के बाद शिक्षकों को 1.5 क्रेडिट अंक मिलेंगे.
ये क्रेडिट अंक छात्रों के अकादमिक रिकॉर्ड को मजबूत करेंगे और भविष्य में जब वे नौकरी के लिए जाएंगे, तो AI की यह बेसिक जानकारी और स्किल उन्हें आसानी से जॉब दिलाने में मदद करेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि आज के समय में हर सेक्टर में AI का इस्तेमाल बढ़ रहा है. यह स्कीम यूपी के बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने में एक बड़ा कदम साबित होगी.
आप भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की आधिकारिक प्रेस रिलीज को यहां क्लिक कर देख सकते हैं, जहां इस स्कीम के बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई है.