बाहुबलियों के बाद अब उनके परिवार पर शिकंजा, किसी ने किया सरेंडर तो किसी को तलाश रही पुलिस

बृजेश उपाध्याय

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उत्तर प्रदेश में इस समय फिर बाहुबली और माफिया-सरगना की चर्चा जोरों पर है. इस बार किसी वारदात को लेकर नहीं बल्कि इनके परिवार पर कस रहे प्रशासन और कोर्ट के शिकंजे को लेकर चर्चा आम है. पूर्वांचल की बात करें तो एक तरफ माफिया मुख्तार अंसारी बांदा के जेल में बंद हैं वहीं उनके विधायक बेटे अब्बास को पुलिस ढूंढ रही है. पत्नी और साले पर प्रशासन का अलग शिकंजा है. इधर बड़े भाई अफजाल अंसारी गैंगस्टर एक्ट से बरी नहीं हो पा रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी से सांसद अफजाल अंसारी ने अपने ऊपर लगे गैंगस्टर एक्ट हटाने की अर्जी लगाई थी, जिसे एमपी/ एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

इधर भदोही के पूर्व विधायक और बहुबली विजय मिश्रा भदोही जिला जेल में बंद हैं. उनके बेटे को एसटीएफ ने पुणे से गिरफ्तार किया है जिसकी निशानदेही पर विजय मिश्रा के पेट्रोलपंप से AK47 रायफल, एक अत्याधुनिक 9MM पिस्टल, 4 एके47 के मैग्जीन और 375 कारतूस के अलावा 9 एमएम पिस्टल का एक मैग्जीन और 9 गोलियां बरामद हुई हैं.

गौरतलब है कि विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा की तलाश एसटीएफ लंबे समय से कर रही थी. ये पिछले दो सालों से फरार था. इसपर एक लाख का इनाम रखा गया था. पुलिस ने विष्णु मिश्रा को पुणे से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जिसे अदालत ने पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

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बाहुबली और पूर्व विधायक विजय मिश्रा ने बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह और राजा भैया का नाम भी घसीटा है. उधर कुंडा क्षेत्र से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह बुधवार को शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम के अवसर पर निर्मित गेट को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए. शुक्रवार को उन्हें पुलिस ने उनके ही किले में नजर बंद कर दिया है. बाहर फोर्स लगी हुई है.

मुख्तार के बेटे और सुभासपा से मऊ सदर के विधायक अब्बास अंसारी को लखनऊ की एक अदालत से NBW जारी कर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था. हालांकि अब्बास पेश नहीं हुए. अब्बास अंसारी के ऊपर वर्ष 2012 में राजधानी लखनऊ से जारी शस्त्र लाइसेंस बगैर सूचना दिए दिल्ली के पते पर ट्रांसफर कराने के आरोप का मामला चल रहा है. इस मामले में एमपी-एमएलए की विशेष सत्र अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

अब्बास को पकड़ने के लिए पुलिस मार चुकी है छापे

पिछले दिनों अब्बास अंसारी को ढूंढने के लिए लखनऊ पुलिस ने राजधानी में कई जगह छापेमारी की कार्रवाई भी की थी. दरअसल अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए ही अब्बास पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव में भी वोट डालने नहीं आए थे.

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अतीक के बेटे ने किया सरेंडर

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के फरार चल रहे छोटे बेटे अली अहमद उर्फ अली अतीक ने गिरफ्तारी का दबाव बढ़ने पर जिला अदालत प्रयागराज में सरेंडर कर दिया है. अली अहमद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया है.अली अहमद के खिलाफ उसके रिश्तेदार जीशान ने ही 31 दिसंबर 2021 को करेली थाने में 5 करोड़ की रंगदारी, मांगने मारपीट करने और गाली-गलौज करने का मुकदमा दर्ज कराया था. अली अहमद पर आरोप है कि वह अपने साथियों संग गया था. उसने गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद अपने पिता से जीशान की फोन पर बात कराई थी और जीशान के साथ मारपीट की थी.

अली अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. जिसके बाद उसके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी, लेकिन यह अर्जी 15 जुलाई को अतीक अहमद के वकीलों ने वापस ले ली थी. हालांकि इस मामले में अली अहमद उर्फ अली अतीक की गिरफ्तारी के लिए यूपीएसटीएफ लगी हुई थी.

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यूपीएसटीएफ ने 21 जुलाई को पश्चिम बंगाल में छापेमारी की थी, लेकिन इसके पहले ही अली अहमद और उसका भाई मोहम्मद उमर वहां से फरार हो गए थे.गौरतलब है कि बहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद करीब 4 साल से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद हैं. इनके करीब 2 हजार करोड़ के आपराधिक साम्राज्य को योगी सरकार धराशायी कर चुकी है.

माफिया बृजेश सिंह को मिली जमानत

पूर्वांचल के माफिया डॉन बृजेश सिंह को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद वाराणसी के शिवपुर स्थित केंद्रीय कारागार से रिहा हो गए. बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर की उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी पर हमले के मामले में बृजेश सिंह को सशर्त जमानत दी थी. इस मामले में आरोप है कि बृजेश सिंह ने साथियों के साथ मिलकर मऊ के तात्कालिक विधायक मुख्तार अंसारी काफिले के पर जानलेवा हमला करवाया था.

इस हमले में मुख्तार अंसारी के एक गनर सहित तीन लोगों की मौत भी हो गई थी. गुरुवार को वाराणसी के शिवपुर में स्थित सेंट्रल जेल से शाम लगभग 7:00 बजे बृजेश सिंह रिहा हो गए. आपको बता दें कि 2001 के उसरी चट्टी कांड के बाद से ही यह माना जाने लगा था कि बृजेश सिंह की भी हत्या हो चुकी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि वह गायब हो चुके थे. हालांकि साल 2009 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भुवनेश्वर से उनकी गिरफ्तारी की. तभी से बृजेश सिंह जेल में है.

बृजेश सिंह के एक माफिया बनने की पूरी कहानी यहां क्लिक करके पढ़िए…

Video: गाजीपुर से बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी की 14.90 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

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