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यूपी में ODOP 2.0 में 50 लाख रुपये तक का मिलेगा अनुदान! जानिए इसे लेकर क्या है तैयारी

यूपी तक

यूपी की ODOP 2.0 योजना में अनुदान राशि 20 लाख से बढ़कर 50 लाख रुपये होगी. जानें तकनीकी उन्नयन, CFC नियमों में बदलाव और ₹1.86 लाख करोड़ के निर्यात का पूरा ब्यौरा.

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Yogi Adityanath ODOP News
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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की दिशा में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. प्रदेश के पारंपरिक शिल्प और स्थानीय उत्पादों को ग्लोबल ब्रांड बनाने वाली 'एक जनपद-एक उत्पाद' (ODOP) योजना अब अपने नए अवतार ODOP 2.0 में आने वाली है. इस नई रणनीति के तहत उद्यमियों को मिलने वाली अनुदान राशि को 20 लाख से बढ़ाकर सीधे 50 लाख रुपये करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.

वित्त पोषण और तकनीकी उन्नयन पर रहेगा जोर

सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप एमएसएमई विभाग ODOP 2.0 की रूपरेखा तैयार कर रहा है. हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में सीएम योगी ने निर्देश दिए कि ODOP अब केवल एक योजना नहीं बल्कि स्थायी रोजगार और निर्यात का सबसे बड़ा माध्यम बनना चाहिए.

ODOP 2.0 की प्रमुख विशेषताएं

अनुदान में बंपर बढ़ोतरी: वर्तमान में अनुदान की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये है, जिसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है.

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एड-ऑन लोन: सफल इकाइयों को तकनीक सुधार, क्वालिटी कंट्रोल और बेहतर पैकेजिंग के लिए अतिरिक्त ऋण की सुविधा दी जाएगी.

नियमों में ढील: सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) योजना के तहत सदस्यों की न्यूनतम संख्या 20 से घटाकर 10 की जा सकती है, जिससे छोटे समूह भी इसका लाभ ले सकेंगे.

तकनीकी और पैकेजिंग के लिए 3.75 करोड़ रुपये तक की मदद

नई रणनीति के तहत सरकार तकनीक और आधुनिक पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दे रही है. प्रस्तावित नियमों के अनुसार 5 करोड़ रुपये तक की तकनीकी उन्नयन परियोजनाओं पर सरकार 75 प्रतिशत (अधिकतम 3.75 करोड़ रुपये) तक की सहायता दे सकती है. इसके अलावा CFC स्थापना में राज्य सरकार का अंशदान 90 प्रतिशत तक रखने का भी प्रावधान किया जा रहा है.

निर्यात की 'रीढ़' बना ODOP, ये आंकड़े दे रहे गवाही

कमिश्नर एवं डायरेक्टर इंडस्ट्री के. विजयेन्द्र पांडियन के अनुसार 2018 में शुरू हुई इस योजना ने यूपी के निर्यात की तस्वीर बदल दी है. नीचे दिए गए आंकड़ों में इसे समझा जा सकता है-

  • निर्यात में उछाल: साल 2017 में यूपी का कुल निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये था. यह साल 2024 में बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.
  • आधा योगदान ODOP का: इस कुल निर्यात वृद्धि में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा अकेले ODOP उत्पादों का है (लगभग 93 हजार करोड़ रुपये).
  • जीआई टैग और ई-कॉमर्स: अब तक यूपी के 44 उत्पादों को GI टैग मिल चुका है और अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर ये उत्पाद धूम मचा रहे हैं.

अब तक की उपलब्धियां (2018-2024):

  1. 1.25 लाख से अधिक टूलकिट्स का वितरण.
  2. 6000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया.
  3. 8000 से अधिक लाभार्थियों को मार्केटिंग में सहायता.
  4. 30 सामान्य सुविधा केंद्र स्वीकृत.
  5. 2 बार राष्ट्रीय ODOP पुरस्कार से सम्मानित.

क्यों खास है ODOP 2.0?

जानकारों का मानना है कि अनुदान राशि बढ़ने और नियमों के सरल होने से ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे उद्यमी भी आधुनिक मशीनें लगा सकेंगे. इससे न केवल उत्पादों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे. योगी सरकार की यह नई नीति जल्द ही कैबिनेट की मुहर के बाद धरातल पर उतरेगी. यह यूपी के पारंपरिक उद्योगों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है.

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