बरेली में देर रात कहां शिफ्ट किए गए तौकीर रजा? जुमे की नमाज के बाद हुए लाठीचार्ज को लेकर मामला बढ़ा, अब पुलिस ले रही ये ऐक्शन
बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद 'I Love Mohammad' प्रोटेस्ट में हिंसा भड़की. मौलाना तौकीर रजा को हाउस अरेस्ट से सीक्रेट जगह पर शिफ्ट किया गया. हिरासत में लेकर पूछताछ जारी. जानें साजिश का एंगल, 39 गिरफ्तारी और पुलिस का एक्शन प्लान.
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उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बिना अनुमति के I Love Muhammad के बैनर को लेकर प्रदर्शन करने और फिर लाठीचार्ज का मामला अब काफी भड़क चुका है. प्रशासन का आरोप है कि बरेली के मौलाना तौकीर रजा के उकसावे के बाद ये प्रोटेस्ट और हिंसा हुई है. इस पूरे मामले को लेकर योगी सरकार ने साजिश वाले एंगल से भी जांच शुरू कर दी है. इस बीच खबर आ रही है कि तौकीर रजा पुलिस की निगरानी में रखे गए हैं. देर रात पुलिस ने तौकीर राजा को उनके करीबी के घर से किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट भी कर दिया है. इस मामले में मौलाना तौकीर राजा की गिरफ्तारी भी संभव. फिलहाल मौलाना तौकीर रजा से पूछताछ की जा रही है. आपको बता दें कि सीएम योगी ने शुक्रवार देर रात उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का आदेश दिया है. इसके बाद अब बरेली पुलिस ऐक्शन मोड में है.
बरेली पुलिस का दावा है कि हाउस अरेस्ट रहते हुए मौलाना तौकीर रजा के करीबियों ने ही लोगों को भड़काया और इस्लामिया मैदान पहुंचने का मैसेज पहुंचाया था. जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर राजा ने प्रशासन के मना करने के बावजूद इस्लामिया मैदान में लोगों को पहुंचाने की अपील की थी. इसके बाद यहां उपद्रव के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज की थी. हालांकि लाठीचार्ज के दौरान पीटे गए लोगों ने यूपी Tak को बताया है कि वो शांतिपूर्वक नमाज पढ़कर वापस लौट रहे थे तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस बातचीत को यहां नीचे देखा जा सकता है.
ऐक्शन मोड में पुलिस, 39 लोग हो चुके हैं अरेस्ट
शुक्रवार को I Love Muhammad को लेकर हुए प्रदर्शन को लेकर अब बरेली पुलिस ऐक्शन मोड में है. बरेली पुलिस ने अबतक 10 FIR दर्ज की हैं. प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ और पुलिस के साथ झड़प की हर घटना पर FIR कराई गई है. अब तक 39 लोग गिरफ्तार हुए हैं. अभी कई और संदिग्धों की तलाश की जा रही है. पुलिस प्रदर्शन के वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें अरेस्ट कर रही है.
बरेली में शुक्रवार की जुमे की नमाज के बाद क्या हुआ?
आपको बता दें कि शुक्रवार को बरेली में जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में प्रस्तावित प्रदर्शन टालने की घोषणा के बावजूद बड़ी संख्या में लोग बाहर आ गए. पुलिस ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र की मस्जिद और मौलाना तौकीर रज़ा खान की आवास के बाहर भीड़ जमा हो गई थी. इन लोगों ने प्रदर्शन के स्थगित होने पर गुस्सा जताया और बाद में पुलिस से झड़प हो गई.
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पुलिस के अनुसार जब भीड़ इस्लामिया इंटर कॉलेज ग्राउंड की ओर बढ़ी तो पुलिस ने खलील तिराहा चौराहे पर रोकने की कोशिश की. इसी दौरान पथराव और तोड़फोड़ हुई, कई दुकानें-सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. आरोप के मुताबिक कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, जवाब में हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया गया. लमगीरीगंज, बांसमंडी, सिविल लाइंस, बड़ा बाजार, कुतुबखाना और बिहारीपुर समेत कई इलाकों में दुकानें बंद हो गईं और अफरा-तफरी फैल गई.
प्रशासन ने नहीं दी थी प्रदर्शन की अनुमति
प्रशासन का दावा है कि पहले ही धार्मिक संगठन को सूचित कर दिया था कि जिले में धारा 163 बीएनएसएस (आपात स्थिति में आदेश जारी करने की शक्ति) लागू है, इसलिए प्रदर्शन के लिए लिखित अनुमति जरूरी है. इसके बावजूद नमाज के बाद कई लोग सड़कों पर निकल आए और शांति भंग करने की कोशिश की.
यूपी सरकार के सूचना विभाग ने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है. सरकार ने कहा कि बरेली की घटना का मकसद पश्चिमी यूपी में कारोबार और तरक्की के माहौल को खराब करना था, ताकि नोएडा इंटरनेशनल ट्रेड शो जैसी ईवेंट को नुकसान पहुंचे और प्रदेश में निवेशकों का भरोसा कमज़ोर किया जा सके. प्रशासन ने साजिश की जांच शुरू कर दी है और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है ‘आई लव मोहम्मद’ से जुड़ा विवाद?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव, बरेली, कन्नौज, आगरा, गोंडा जैसे शहरों के अलावा उत्तराखंड के काशीपुर और तेलंगाना के हैदराबाद समेत देश के कई शहरों में I Love Muhammad के समर्थन में मुस्लिम समाज सड़कों पर उतर आया है. जगह-जगह जुलूस भी निकाले जा रहे हैं और हिंसक झड़पें देखने को मिल रही हैं. इस पूरे विवाद की पटकथा उत्तर प्रदेश के कानपुर में लिखी गई. यहां बारावफात के जुलूस के दौरान I Love Muhammad के साइन बोर्ड पर ऐसा विवाद हुआ, जिसका असर अब यूपी समेत देश के अलग-अलग शहरों में दिखने लगा है.