श्रीकांत मामले में नाम लेने पर भड़के स्वमी प्रसाद मौर्य, बोले- मानहानि का दावा करूंगा

आशीष श्रीवास्तव

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श्रीकांत त्यागी मामले में लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम सामने आने पर uptak से बातचीत के दौरान वे भड़क गए. उन्होंने कहा कि विधानसभा पास को लेकर पुलिस कमिश्नर ने बिना जांच किए मेरा नाम लिया है. पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मानहानि का दावा करूंगा. श्रीकांत त्यागी ने नहीं पुलिस कमिश्नर ने मेरा नाम उछला है.

मौर्य ने कहा- पुलिस कमिश्नर को पहले जांच करनी चाहिए थी. ऐसे कैसे मेरा नाम ले लिया. यह तो साजिश है. गौरतलब है कि श्रीकांत त्यागी के पकड़े जाने के बाद फॉरच्यूनर कार पर विधानसभा पास मामले में पुलिस ने बताया कि तब बीजेपी में रहे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने उसे पास दिया था.

हालांकि पुलिस ने ये भी कहा था कि त्यागी से पूछताछ के दौरान उसने ये बात बताई है. इस मामले में जब स्वामी प्रसाद मौर्य से बात की गई तो उन्होंने कहा- मेरी देश में छवि है जो बदनाम हुई है. मुझे खुद आज विधानसभा का पास जारी हुआ है. मैं कैसे किसी को पास दे सकता हूं. वो भी 2022 का पास. उसके पास 2023 का था तो बीजेपी बताए. मैं श्रीकांत त्यागी को जनता हूं या नहीं, पहले बीजेपी बताए कि उनके साथ फोटो कैसे आया?

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घबरा रही है बीजेपी- मौर्य

स्वमी प्रसाद मौर्य ने कहा-‘मेरा जनाधार बढ़ा हुआ है. बीजेपी इस बात से घबराती है और यही वजह है कि बार-बार मेरा नाम उछला जा रहा है. बीजेपी में जब मैं था तब सदस्यता श्रीकांत त्यागी ने ली तो कैसे ली? इसकी जांच हो जाए और मोबाइल नंबर दिया होगा उससे जांच हो. बीजेपी की सियासत है, यही वजह है कि मेरा नाम उछला गया. कभी एसटीएफ मामले में तो कभी श्रीकांत मामले में. उसकी फॉरच्यूनर गाड़ी पर पास कैसे आया है वो तो बीजेपी के लोग बताएं.

ध्यान देने वाली बात है कि मिर्जापुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा था कि श्रीकांत अब बीजेपी में नहीं हैं. वे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी में आए थे और उन्हीं के साथ चले गए. इसके बाद श्रीकांत को लेकर राजनैतिक गलियारों में स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिया जाने लगा.

क्या है विधानसभा के पास की सच्चाई

यूपी तक ने जब विधान सभा सचिवालय का पास श्रीकांत की गाड़ी पर होने को लेकर जब पड़ताल की तो सामने आया कि सचिवालय के प्रमुख सचिव हेमंत राव के निर्देशन में पास जारी किया जाता है. हालांकि सचिवालय पास कंप्यूटराइज होता है और डिटेल पूरी लिखी होती है. ये आईएएस और सचिवालय से जुड़े हुए लोगों के लिए होता है. सचिव लेवल पर अधिकारियों और सचिवालय कर्मियों के लिए और मीडिया कर्मियों के लिए पास यहां से निर्गत किए जाते हैं जो कंप्यूटराइज भी होते हैं. श्रीकांत त्यागी का पास यहां से नहीं बनाया गया था जो कि फर्जी है. विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे के मुताबिक 2023 का पास अभी तक विधानसभा से जारी नहीं किया गया है. यह 2023 में लिखा हुआ है जो कि पूरी तरीके से फर्जी पास है.

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क्या है विधानसभा पास का मामला

नोएडा के ग्रांड ओमेक्स सिटी सोसायटी में एक महिला से अभद्रता का वीडियो सामने आने के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा और गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा की एंट्री हुई तो आरोपी के त्यागी के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई तेज हो गई. इधर आरोपी पर तमाम मामले दर्ज होने के साथ गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया. आरोपी के फरार होने के बाद उसकी आपराधिक हिस्ट्री खंगालने के साथ उसके वाहनों पर जब नजर गई तो एक फॉरच्यूनर पर विधानसभा सचिवालय का पास था. इधर त्यागी के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने बताया कि उसने खुद कबूला है कि ये पास स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था. पास पर वैधता 2023 लिखा है.

जानिए कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य के पास राजनीति का 3 दशकों से अधिक का अनुभव है. फिलहाल वे समाजवादी पार्टी में हैं और सपा के टिकट पर वे हाल ही में विधान परिषद में पहुंचे हैं. वे 2 जनवरी 1996 को बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे. वह पडरौना से तीन और रायबरेली की डलमऊ सीट से दो बार विधायक रहे हैं. एक बार वह एमएलसी भी रहे हैं. 2017 के यूपी चुनाव से पहले वह बसपा प्रमुख मायावती पर टिकट बेचने और धन की राजनीति करने जैसे गंभीर आरोप लगाकर बीजेपी में शामिल हुए थे.

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वर्ष 2017 में वह कुशीनगर की पडरौना सीट से बीजेपी के टिकट पर चुने गए थे. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को छोड़कर सपा में शामिल हुए. सपा के टिकट पर वे कुशीनगर की फाजिलनगर की सीट पर लड़े और बीजेपी प्रत्याशी से हार गए. स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से BJP सांसद हैं.

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