योगी सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर SC करेगा सुनवाई
Uttar Pradesh News : यूपी मे कावड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नाम लिखे जाने के आदेश के बाद से लगातार उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा जा रहा है.
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Uttar Pradesh News : यूपी मे कावड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नाम लिखे जाने के आदेश के बाद से लगातार उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने का आदेश दिया है, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
बता दें कि यूपी सरकार के खिलाफ इस आदेश को लेकर एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश को रद्द करने की मांग की है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को सुबह 6 बजे ऑन लाइन याचिका दाखिल की. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट मे इस आदेश के खिलाफ याचिका NGO एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने दाखिल किया है. जिसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को ही रजिस्ट्री ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट जारी किया है. कांवड यात्रा से जुड़ी इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार 22 जुलाई को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई करेगी.
आदेश पर जारी है सियासत
बता दें कि सावन के महीने में निकलने वाली कांवड़ यात्रा 22 जुलाई यानी सोमवार से शुरू हो रही है. बता दें कि इस दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा होता है. इनमें से एक प्रमुख कांवड़ यात्रा मार्ग उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरू होकर पश्चिम यूपी के जिलों से गुजरता है. बता दें कि इस फैसले के बाद लगातार विपक्ष उत्तर प्रदेश सरकार को निशाना बना रहा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इस फैसले को भेदभावपूर्ण बताया. तो वहीं अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती तक ने सरकार के इस फैसलों को गलत बताया है और मांग की है कि जल्द से जल्द इसे वापस लिया जाए.
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