अजय मिश्रा को हत्या के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ अपील ट्रांसफर करने से SC का इनकार

भाषा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें 20 साल से अधिक पुराने हत्या के एक मामले में उन्हें बरी किए जाने के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर अर्जी को स्थानांतरित करने की मांग की गई है.

प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को सूचित किया गया कि स्थानांतरण की मांग इस आधार पर की गई है कि वरिष्ठ वकील, जिन्हें लखनऊ में मामले में बहस करनी है, आमतौर पर इलाहाबाद में रहते हैं और उनकी उम्र के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा कि वह जिरह के लिए लखनऊ तक जाएं.

इस पर पीठ ने कहा, “हम इन सब मुद्दों में नहीं पड़ना चाहते, क्योंकि हमारे विचार में उच्च न्यायालय से 10 नवंबर 2022 को याचिका पर सुनवाई करने के अनुरोध के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा दी गई तारीख और दोनों वरिष्ठ वकीलों द्वारा जताई गई सहमति न्याय की मांग को पूरा करती है.”

पीठ ने कहा, “अगर वरिष्ठ अधिवक्ता लखनऊ नहीं आ पाते हैं तो उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दलीलें पेश करने की अनुमति देने के अनुरोध पर विचार किया जा सकता है.”

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

यह मामला साल 2000 में लखीमपुर-खीरी में 24 वर्षीय प्रभात गुप्ता की हत्या से जुड़ा हुआ है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने गुप्ता की हत्या के मामले में मुकदमे का सामना किया था और 2004 में उन्हें बरी कर दिया गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी.

लखीमपुर-खीरी में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की एक अदालत ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में मिश्रा और अन्य को दोषमुक्त कर दिया था. मृतक के परिवार ने फैसले को चुनौती देते हुए एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.

ADVERTISEMENT

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई 10 नवंबर तक टली

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT