पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर अब्बास को फातिहा पढ़ने की इजाजत पर हथियार को लेकर ये पाबंदी!

संजय शर्मा

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Mukhtar Ansari
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Mukhtar Ansari: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के समय उसका बेटा अब्बास अंसारी अपने पिता को आखिरी बार देख भी नहीं पाया था. दरअसल मुख्तार का चहेता बेटा अब्बास जेल में बंद था. मुख्तार की मौत के बाद अब्बास ने अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए पैरोल लेने की काफी कोशिश की थी. वह सुप्रीम कोर्ट तक चला गया था. मगर उसे अपने पिता के जनाजे में शामिल होने का मौका नहीं मिला. 

इसी बीच अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उसे अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिया पढ़ने की इजाजत दी जाए. अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट से रिहाई की मांग की थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से अब्बास अंसारी को राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत दे दी है. 

जेल से बाहर आएगा अब्बास अंसारी

कई गंभीर आरोपों में जंल में बंद अब्बास अंसारी अब अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़े सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 4 दिन की रिहाई दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अब्बास अंसारी 9 अप्रैल से लेकरल 13 अप्रैल तक जेल से बाहर रहेगा. वह 10 अप्रैल को ही अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ेगा.

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कोई भी हथियार ना रखे- सुपीम कोर्ट

मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सख्द हिदायत देते हुए कहा है कि जेल से निकलने के बाद अब्बास अंसारी या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के पास हथियार नहीं होना चाहिए. परिवार का कोई भी सदस्य इस दौरान हथियार नहीं रखेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब्बास को पुलिस कस्टडी में ही बाहर लाया जाएगा और अब्बास हमेशा जेल प्रशासन के संपर्क में रहेगा.

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि अब्बास अपने परिजनों से सिर्फ 11 और 12 अप्रैल के दिन ही मिल सकेगा. बता दें कि कोर्ट ने साफ कहा है कि अब्बास को 3 दिनों के लिए ही अंतरिम जमानत दी जा रही है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि इस दौरान अब्बास अंसारी मीडिया में भी कोई बयान नहीं देगा.

योगी सरकार ने किया विरोध

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने अब्बास को राहत दिए जाने का विरोध किया था. सरकार की तरफ से कहा गया कि अब्बास के खिलाफ 11 केस दर्ज हैं. ऐसे में वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है और गवाहों को धमका सकता है. सरकार ने ये भी कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है. मगर सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ये राहत दे दी है.

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