पुलिस स्मृति दिवस: इंस्पेक्टर सुनील कुमार, दुर्गेश सिंह, सौरभ की शहादत को सलाम! जानिए इनकी बहादुरी की कहानी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. सीएम योगी ने रिजर्व पुलिस लाइंस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और पुलिस बल की कर्तव्यपरायणता की तारीफ की.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. सीएम योगी ने रिजर्व पुलिस लाइंस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और पुलिस बल की कर्तव्यपरायणता की तारीफ की. उन्होंने शहीदों के परिवार को लगातार सरकारी सहयोग मिलते रहने का वादा भी किया. आपको बता दें कि 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 के बीच उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों व अर्धसैनिक बलों के 186 जवान शहीद हुए हैं. इनमें यूपी के भी 3 पुलिसकर्मी शमिल हैं.
राज्य के तीन पुलिसकर्मियों ने पिछले एक वर्ष में कर्तव्य पालन के दौरान अपनी जान गंवाई है. इनमें एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार, जौनपुर पुलिस के चीफ कांस्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह और गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट के कांस्टेबल सौरभ कुमार शामिल हैं. सीएम योगी ने इस मौके पर कहा कि, 'पिछले एक वर्ष में सर्वोच्च बलिदान देने वालों में उत्तर प्रदेश के तीन बहादुर पुलिसकर्मी शामिल हैं. मैं उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मैं उनके परिवारों को यह भी आश्वासन देना चाहता हूं कि हमारी सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रही है और भविष्य में भी ऐसा ही करेगी.'
आइए अब आपको उन बहादुर जवानों की कहानी बताते हैं जिन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया.
इंस्पेक्टर सुनील कुमार
20 जनवरी 2025 को STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार अपनी टीम के साथ 1 लाख के इनामी अपराधी अरशद की तलाश में थे. इसी बीच मुखबिर से खबर मिली कि अरशद और उसके साथी सफेद रंग की ब्रेजा गाड़ी में मौजूद हैं. इंस्पेक्टर सुनील कुमार के नेतृत्व में रात 11 बजे बिडौली चैसाना चौराहा जनपद शामली पर बदमाशों की घेराबंदी की गई. एसटीफ और बदमाशों में भिड़ंत हुई. बदमाशों की कई गोलियां सुनील कुमार को लगीं. इसके बावजूद उन्होंने टीम का नेतृत्व किया और बदमाशों को मार गिराया. बाद में मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान इंस्पेक्टर सुनील कुमार का निधन हो गया.
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हेड कांस्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह
12 मई 2025 को दुर्गेश कुमार सिंह की रोस्टर ड्यटी प्रभारी निरीक्षक चन्दवक, जौनपुर के हमराह के रूप में लगाई गई थी. 17 मई को वो तहसील दिवस के लिए गए. उसके बाद गोतस्करों के खिलाफ चल रहे मामले में वो खुज्जी मोड़ पर बैरिकेडिंग लगाकर गाड़ियों की जांच कर रहे थे. रात करीब 11.50 बजे एक पिकअप गाड़ी आती दिखी. उसे रुकने का इशारा किया तभी ड्राइवर ने दुर्गेश कुमार सिंह पर गाड़ी चढ़ा दी. उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर लाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. बाद में पुलिस ने घेराबंदी कर बदमाशों का एनकाउंटर किया और आरोपी सलमान की मौत हो गई.
कांस्टेबल सौरभ कुमार
25 मई 2025 को इंस्पेक्टर सचिन राठी कांस्टेबल सौरभ कुमार समेत अपी टीम के साथ अभियुक्त कादिर निवासी जनपद गाजियाबाद की तलाश में निकले. मुखबिर की सूचना मिली थी कि आरोपी ग्राम नहाल थाना मसूरी में है. मुखबिर ने बताया था कि अपराधी कादिर पुलिस को देखकर भाग जाता है और गांव में आपराधिक प्रवृत्ति के कई लोग रहते हैं. मुखबिर ने कुछ दूर बैठे व्यक्तियों को देखकर इशारे से बताया कि बीच में बैठा व्यक्ति कादिर है, इस पर पुलिस टीम ने दबिश देकर कादिर को पकड़ा. इसी बीच कादिर चिल्लाने लगा कि पुलिस वाले मुझे पकड़ कर ले जा रहे हैं, इनको पकड़ो और मारो. इतना सुनते ही वहां बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गये और पुलिस पर हमला कर दिया. कादिर को गाड़ी में बैठाने के दौरान कादिर के भाई व अन्य लोगों ने पुलिस पार्टी पर फायर शुरू कर दिया. इसमें कांस्टेबल सौरभ के सिर पर गोली लगी और उनकी मौत हो गई.