Xhams*&#, Strip*#$* को देसी पोर्न बेच नीलू और उज्जवल ने कमाए करोड़ों, अडल्ट वीडियो की शूटिंग यहां होती थी 

यूपी तक

Noida Porn Case: नोएडा में उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव द्वारा संचालित Subdigi Ventures Private Limited के तहत देसी पोर्न वीडियो का निर्माण और विदेश में बिक्री का मामला ED की छापेमारी से उजागर हुआ है. जानिए पूरी जानकारी.

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Noida Porn Scandal
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Noida Porn Case: नोएडा में हाल ही में तब सनसनी फैली जब खुलासा हुआ कि उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव नामक एक कपल अपने घर पर अवैध रूप से अडल्ट वीडियो शूट कर उसे विदेश में बेच रहे थे. यह मामला तब सामने आया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Subdigi Ventures Private Limited पर छापेमारी की. इस कंपनी की स्थापना उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव ने की थी, जिनके द्वारा मॉडल्स के साथ की गई वीडियो शूटिंग से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की जा रही थी. आरोपी अपने घर से ही इस धंधे का संचालन कर रहे थे. 

आरोप है कि दोनों ने अपने घर पर पोर्न वीडियो शूट कर साइप्रस स्थित Technius Limited नामक कंपनी के साथ साझा किया. ED के अनुसार, Technius Limited, Xhamster और Stripchat जैसी पोर्न वेबसाइटों का ऑपरेटर है. 

ED ने बताया, "Subdigi Ventures और इसके निदेशकों के खातों में नियमित रूप से विदेशी रेमिटेंस सेवाओं जैसे विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और जनमत सर्वे के रूप में प्राप्त की जा रही थीं. " हालांकि, इन फंड्स को कथित तौर पर Xhamster पर स्ट्रीम किए गए अडल्ट कंटेंट से प्राप्त आय माना जा रहा है. ED सूत्रों का कहना है, यह मामला FEMA के उल्लंघन का है क्योंकि ये फंड्स अडल्ट कंटेंट सेवा के भुगतान के रूप में प्राप्त किए जा रहे हैं, जो कि अवैध है. 

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ED के सूत्रों अनुसार, सोशल मीडिया पर यह कपल मॉडलिंग में करियर बनाने की चाह रखने वाली लड़कियों को झांसे में लेता था. विज्ञापन देकर मॉडल्स की भर्ती की जाती थी और उन्हें मोटी कमाई का लालच देकर पोर्न कारोबार में धकेला जाता था. एडल्ट वीडियो से होने वाली कमाई का 25% हिस्सा मॉडल्स को दिया जाता था. 

3 कैटेगरी में बांटा गया था मॉडल्स को

सूत्रों के मुताबिक, उज्जवल और नीलू ने मॉडल्स को तीन कैटेगरी में बांटा था. A , B और C कैटेगरी की मॉडल्स. A-कैटेगरी में हाई-प्रोफाइल और पॉपुलर मॉडल्स को रखा गया था. ये मॉडल्स लाइव स्ट्रिपिंग और एक्सक्लूसिव कंटेंट के लिए मोटी रकम वसूलती थीं. B-कैटेगरी में मिड-लेवल मॉडल्स, जो सीमित एक्सक्लूसिव कंटेंट बनाती थीं और उनकी कमाई औसत थी. जबकि C-कैटेगरी में नई मॉडल्स या वे जो कम पॉपुलर थीं. इन्हें कम भुगतान किया जाता था और ये ज्यादातर सामान्य अश्लील कंटेंट में काम करती थीं. 
 

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