जौनपुर की 3 बहनों ने एक साथ निकाल ली यूपी पुलिस सिपाही भर्ती, देखिए इनकी कहानी और जानिए कैसे मिली सफलता
Jaunpur 3 sisters UP Police Constable exam success story: कहते हैं कि अगर मेहनत और लगन के साथ सपने देखे जाएं, तो उन्हें पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता. जौनपुर की तीन बहनों - खुशबू, कविता और सोनाली ने इस बात को सच कर दिखाया है. तीनों ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में एक साथ सफलता हासिल कर अपने किसान पिता का सपना पूरा किया.
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Jaunpur 3 sisters UP Police Constable exam success story: कहते हैं कि अगर मेहनत और लगन के साथ सपने देखे जाएं, तो उन्हें पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता. जौनपुर की तीन बहनों - खुशबू, कविता और सोनाली ने इस बात को सच कर दिखाया है. तीनों ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में एक साथ सफलता हासिल कर अपने किसान पिता का सपना पूरा किया. उनके संघर्ष की कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि समाज में बेटियों की ताकत का भी प्रमाण है.
संघर्ष की कहानी: पिता ने बेटियों के लिए बेच दी जमीन
जौनपुर जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र के मेहमदपुर औसी गांव की रहने वाली इन तीनों बहनों का बचपन संघर्षों से भरा रहा. उनके पिता स्वतंत्र उर्फ पप्पू चौहान एक किसान हैं, जिन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपनी जमीन तक बेच दी. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन बेटियों की शिक्षा और उनके भविष्य को लेकर उन्होंने कभी समझौता नहीं किया.
बड़ी बेटी खुशबू चौहान बताती हैं, "हमारे पिता ने हमें कभी यह एहसास नहीं होने दिया कि आर्थिक तंगी है. उन्होंने जमीन तक बेच दी, लेकिन कभी हमारी पढ़ाई और खेल में रुकावट नहीं आने दी."
खेल के मैदान से भर्ती परीक्षा तक का सफर
तीनों बहनें शुरू से ही एथलीट रही हैं, लेकिन उनके खेल अलग-अलग थे.
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- खुशबू खो-खो की खिलाड़ी थीं और पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुकी हैं.
- कविता कबड्डी खेलती थीं और जौनपुर टीम में स्टेट लेवल पर खेल चुकी हैं.
- सोनाली नेशनल स्तर की 400 मीटर धावक थीं और बेहतर ट्रेनिंग के लिए इलाहाबाद जाकर अभ्यास करती थीं.
खेल से मिली फिटनेस और अनुशासन ने उन्हें पुलिस भर्ती की तैयारी में मदद की. हालांकि, आर्थिक तंगी और सामाजिक दबाव उनके रास्ते में बड़ी बाधा बने.
गांव छोड़कर जौनपुर में रहकर की तैयारी
तीनों बहनों ने करीब पांच-छह साल तक खेलों में मेहनत की, लेकिन पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें अलग रणनीति अपनानी पड़ी. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने और गांव में विवाद की स्थिति के चलते उनके पिता ने उन्हें जौनपुर में रहने के लिए भेज दिया, ताकि वे शांति से पढ़ाई और ट्रेनिंग कर सकें.
दूसरी बेटी कविता बताती हैं, "यहां (गांव में) माहौल सही नहीं था, इसलिए पापा ने हमें जौनपुर भेज दिया. हमने वहां रहकर फिजिकल और लिखित परीक्षा की तैयारी की."
गुरु ने दिया सफलता का मंत्र
तीनों बहनों को जौनपुर के कोच रविचंद्र यादव ने गाइड किया. वे खुद भी खिलाड़ी रहे हैं और मुफ्त में बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं. उनके मार्गदर्शन में तीनों बहनों ने शारीरिक दक्षता और परीक्षा की रणनीति पर काम किया.
रविचंद्र यादव कहते हैं, "तीनों बहनें बहुत मेहनती थीं. सोनाली को हमने इलाहाबाद के सिंथेटिक ट्रैक पर प्रैक्टिस करने के लिए प्रेरित किया. ऑनलाइन पढ़ाई से भी उन्होंने अपनी तैयारी मजबूत की."
आलोचकों को दिया करारा जवाब
गांव में कई लोग बेटियों को बाहर भेजने और पढ़ाने के खिलाफ थे. लेकिन आज जब तीनों बहनों ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में सफलता हासिल की, तो वही लोग उनकी मिसाल दे रहे हैं. सबसे छोटी बहन सोनाली कहती हैं, "आज उन लोगों को भी जवाब मिल गया, जो कहते थे कि बेटियां बाहर पढ़ाई नहीं कर सकतीं. अब वे भी गर्व महसूस कर रहे होंगे." गांव में अब उनकी सफलता को लेकर खुशी का माहौल है. लोग कह रहे हैं कि अगर मेहनत और जुनून हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
गौरतलब है कि यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2025 की फाइनल मेरिट लिस्ट 13 मार्च को जारी हुई थी. भर्ती की लिखित परीक्षा फरवरी 2024 में हुई थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण अगस्त 2024 में दोबारा परीक्षा कराई गई. इसके बाद दस्तावेज़ सत्यापन और शारीरिक परीक्षा हुई और अब होली से ठीक पहले फाइनल मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई.
वीडियो में देखिए इनकी सक्सेस स्टोरी