जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को हो गई ये 'गंभीर बीमारी', 3 डॉक्टरों के पैनल ने किया जांच तो पता चली ये बात
मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी कोर्ट से गुहार लगाई थी कि 'साहब मोतियाबिंद हो गया है, आंखों से दिखाई नहीं दे पा रहा.', जिस पर कोर्ट के आदेश के बाद मंडल कारागार प्रशासन ने डॉक्टरों के पैनल से जांच पड़ताल कराई है. जिसके बाद रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी.
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यूपी की सबसे हाई टेक जेल मंडल कारागार बांदा से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है. बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी को मोतियाबिंद हो गया है. जिला अस्पताल के 3 डॉक्टरों के पैनल ने मुख्तार की जांच की. जिस पर डॉक्टरों ने मोतियाबिंद की शुरुआत होने की बात कही है. फिलहाल डॉक्टरों ने एक महीने की दवाएं दीं हैं. अगले एक महीने बाद फिर से जांच की जाएगी.
बता दें कि बीते दिन मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी कोर्ट से गुहार लगाई थी कि 'साहब मोतियाबिंद हो गया है, आंखों से दिखाई नहीं दे पा रहा.', जिस पर कोर्ट के आदेश के बाद मंडल कारागार प्रशासन ने डॉक्टरों के पैनल से जांच पड़ताल कराई है. जिसके बाद रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी.
इन दिनों मुख्तार की दिनचर्या अस्त-व्यस्त है. जेल के पुष्ट सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी इन दिनों सुगर, हार्ट की समस्या और ब्लडप्रेशर से परेशान है. इन दिनों वह सुगर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर की दवा ले रहा है. स्वास्थ्य समस्या से परेशान होने के कारण 11 से 12 बजे दिन में जगता है और शाम में 5 बजे नहाता है. परेशान इतना है कि खाना खाने का कोई समय भी निर्धारित नहीं है.
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सुरक्षा के लिहाज से बात करें तो मुख्तार की सुरक्षा एक दम चुस्त-दुरुस्त है. एक डिप्टी जेल और 12 बंदी रक्षक हर महीने दूसरी जेलों से स्पेशल तौर पर मुख्तार की सुरक्षा के लिए आते हैं. साथ ही बांदा जेल से एक डिप्टी जेलर और 12 बंदी रक्षक जो बॉडी कैम से लैश होते हैं और सुरक्षा में तैनात रहते हैं. यानी कुल मिलाकर मुख्तार की सुरक्षा में जेलर, 2 डिप्टी जेलर, एक VC इंचार्ज, और 12 बंदी रक्षक हैं. बैरक में ड्यूटी करने वाले सुरक्षा के जवान बॉडी कैम से लैश होते हैं. 8 सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी की जा रही है. 2 उसकी बैरक में लगे हैं और 6 बैरक के चारों तरफ.
पूरे जेल की बात करें तो 73 सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. 150 से ज्यादा पीएसी, सिविल पुलिस, जेल पुलिस मिलाकर कुल सुरक्षा के जवान है और 4 गेट हैं. हर आने-जाने वाले पर विशेष नजर रखी जा रही है. नाम-पता नोट कर तलाशी लेकर इंट्री की जा रही है.
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर बंदियों को सुविधाएं मुहैया कराई जाती है. उसी क्रम में मुख्तार के लिए बाराबंकी कोर्ट ने इलाज कराने का आदेश दिया था. शुक्रवार को डॉक्टरो की टीम ने जांच पड़ताल की है. मोतियाबिंद की शुरुआत डॉक्टरों द्वारा बताई गई है, दवाएं आदि दी गई हैं. जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी.
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उन्होंने सुरक्षा के बारे में बताया कि पूरे जेल में 73 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. 150 से ज्यादा जवान हैं. जेल में कुल अभी 888 बंदी हैं, जिसमें महिला 47, अल्पवयस्क 44, पुरुष 797 हैं. मुख्तार के बारे में उन्होंने बताया कि इन दिनों अस्त-व्यस्त रहता है. कोर्ट से डिमांड करता है, जो कोर्ट आदेश करता है उसका पालन किया जाता है.
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