इंडिया टुडे GDB सर्वे: यूपी के 30% लोगों को अपना पड़ोस लगता है अनसेफ! पब्लिक सेफ्टी में प्रदेश की रैंकिंग सबसे लो

यूपी तक

India Today GDB Survey के अनुसार, सार्वजनिक सुरक्षा केवल अपराध के आंकड़ों से नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा भावना पर निर्भर करती है. 21 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के 9188 लोगों से सुरक्षा, लैंगिक सोच और भेदभाव पर सवाल पूछे गए. जानिए, यूपी की स्थिति क्या रही?

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India Today GDB Survey
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India Today GDB Survey: इंडिया टुडे ने How India Lives के साथ मिलकर सकल घरेलू व्यवहार (GDB) पर सर्वे किया है. इस सर्वे में 21 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 9188 लोगों से नागरिक व्यवहार, सार्वजनिक सुरक्षा, लैंगिक सोच और भेदभाव जैसे अहम मुद्दों पर 30 सवाल पूछे गए. मालूम हो कि यूपी की योगी सरकार सूबे की सार्वजनकि और नागरिग सुरक्षा को लेकर तमाम बड़े दावे करती है. सरकार का मानना है कि यूपी की सुरक्षा व्यवस्था अभेद है, लेकिन विपक्ष इससे इत्तेफाक नहीं रखता है. ऐसे में इसी मसले पर इंडिया टुडे के सर्वे से यूपी की सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे के नतीजे बताते हैं सार्वजानिक सुरक्षा के मामले में यूपी का हाल बेहाल है. 

सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर किए गए सर्वे में यह सामने आया कि लोगों की सुरक्षा भावना राज्यों के अनुसार अलग-अलग है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पड़ोस में ऐसे इलाके हैं जहां वे असुरक्षित महसूस करते हैं, तो केरल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जहां केवल 10% लोगों ने असुरक्षित महसूस करने की बात कही. जबकि 73% ने अपने क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित माना. वहीं, उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे खराब स्थिति में रहा, जहां 30% लोगों ने स्वीकार किया कि उनके आसपास ऐसे क्षेत्र हैं जहां वे खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, जबकि 38% लोगों ने असुरक्षा को लेकर स्पष्ट राय नहीं दी. 

नीचे शेयर की गई तस्वीर में देखिए रैंकिंग:

 

सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर केरल अव्वल, उत्तर प्रदेश कहां पर?

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 0.662 के प्रभावशाली सूचकांक के साथ केरल सार्वजनिक सुरक्षा के मामले में देश में सबसे बेहतर स्थिति में है. इसके बाद हिमाचल प्रदेश और ओडिशा का स्थान आता है. वहीं, उत्तर प्रदेश 0.132 अंक के साथ सबसे निचले स्थान पर रहा. 

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इन सवाल के आधार पर किया गया सर्वे 

Q. क्या आपके क्षेत्र में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या उत्पीड़न एक आम समस्या है?

  • सबसे अच्छा व्यवहार करने वाला राज्य: तमिलनाडु (17% हां, 83% नहीं)
  • सबसे खराब व्यवहार करने वाला राज्य: कर्नाटक (79% हां, 21% नहीं)

राष्ट्रीय औसत:

  • 62% उत्तरदाताओं को अपने क्षेत्र में छेड़छाड़ कोई बड़ी समस्या नहीं लगती.
  • 44% महिलाओं ने छेड़छाड़ की शिकायत की. 

Q. क्या आप अपने शहर में बस, मेट्रो या लोकल ट्रेन जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय सुरक्षित महसूस करते हैं?

  • सबसे अच्छा व्यवहार करने वाला राज्य: महाराष्ट्र (89% हां, 11% नहीं)
  • सबसे खराब व्यवहार करने वाला राज्य: पंजाब (73% हां, 27% नहीं)

राष्ट्रीय औसत:

  • 86% उत्तरदाताओं को सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा महसूस होती है. 

Q. क्या आपके मोहल्ले में ऐसे इलाके हैं जहां आप असुरक्षित महसूस करते हैं?

  • सबसे अच्छा व्यवहार करने वाला राज्य: केरल (10% हां, 73% नहीं)
  • सबसे खराब व्यवहार करने वाला राज्य: उत्तर प्रदेश (30% हां, 38% नहीं)

राष्ट्रीय औसत:

  • 56% उत्तरदाताओं को अपने मोहल्ले में असुरक्षा महसूस नहीं होती.

Q. अगर आप अपने क्षेत्र में किसी हिंसक अपराध के गवाह बनते हैं, तो क्या आप इसे पुलिस को रिपोर्ट करने में सुरक्षित महसूस करेंगे?

  • सबसे अच्छा व्यवहार करने वाला राज्य: ओडिशा
  • सबसे खराब व्यवहार करने वाला राज्य: उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय औसत:

  • 84% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे हिंसक अपराध की रिपोर्ट करेंगे.

विशेष जानकारी:

2017 में अर्था ग्लोबल के SATARC अपराध सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली में सिर्फ 44% चोरी के शिकार लोगों ने अपराध की सूचना पुलिस को दी. 

FIR दर्ज कराने का प्रतिशत:

 

  • दिल्ली: 7.2%
  • मुंबई: 5.9%
  • चेन्नई: 8.4%
  • बेंगलुरु: 7.4%

Q. क्या आपके क्षेत्र में लोग आमतौर पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं?

  • सबसे अच्छा व्यवहार करने वाला राज्य: असम (32% हां, 68% नहीं)
  • सबसे खराब व्यवहार करने वाला राज्य: कर्नाटक (89% हां, 11% नहीं)

राष्ट्रीय औसत:

  • 54% उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके क्षेत्र में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नियमित रूप से नहीं होता.

Q. क्या आप अपने घर या इलाके में आवारा कुत्तों की उपस्थिति से सहज हैं?

  • सबसे अच्छा व्यवहार करने वाला राज्य: उत्तराखंड (64% हां, 36% नहीं)
  • सबसे खराब व्यवहार करने वाला राज्य: केरल (3% हां, 96% नहीं)

राष्ट्रीय औसत:

  • 60% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे अपने आसपास आवारा कुत्तों की उपस्थिति नहीं चाहते.

विशेष जानकारी:

  • केरल में 2024 में 3.16 लाख कुत्ते काटने की घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2017 के 1.35 लाख मामलों से अधिक हैं. 

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