अगर आप अप्रैल में ही गर्मी से हो गए हैं परेशान तो सोनभद्र जिले में जाकर इस वॉटरफॉल का लें आनंद, मन हो जाएगा खुश
Sonbhadra Mukhafall: गर्मियों में घूमने की तलाश है? सोनभद्र के मुखा फॉल, पंचमुखी महादेव मंदिर, सोन इको पॉइंट और ज्वालामुखी शक्तिपीठ जैसी जगहों की प्राकृतिक और आध्यात्मिक सुंदरता को करें अनुभव.
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Sonbhadra Mukha fall: बढ़ते तापमान और लू के चलते उत्तर प्रदेश में गर्मी अपने चरम पर है. ऐसे में लोग ऐसी जगहों की तलाश कर रहे हैं जहां गर्मी से राहत मिल सके और साथ ही प्रकृति की खूबसूरती का भी आनंद उठाया जा सके. इसी सिलसिले में पर्यटकों का रुख अब उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की ओर बढ़ रहा है. पहाड़ों, नदियों और झरनों से घिरे इस जिले को देश का 'इको टूरिज्म हब' माना जाता है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इसे 'भारत का स्विट्जरलैंड' कहा था. गर्मियों के इस मौसम में सोनभद्र की प्राकृतिक सुंदरता सैलानियों को खूब लुभती है. खबर में आगे जानिए सोनभद्र में आप कहां-कहां घूमने जा सकते हैं.
मुखा फॉल
अगर आपको एक शांत और हरे-भरे वातावरण में मौजूद वॉटरफॉल का अनुभव लेना है तो आपको मुखा फॉल जरूर जाना चाहिए. यहां बेलन नदी का पानी 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता है, जो कि बेहद खूबसूरत दिखता है. अक्सर लोग इस वॉटरफॉल में नहाने जाते हैं. मॉनसून के दौरान इसकी धारा बहुत तेज हो जाती है, जिससे आस-पास का माहौल और अधिक रोमांचक और जीवंत हो जाता है. हरियाली, ठंडी फुहारें और पानी की गर्जना मिलकर एक अद्भुत अनुभव का अहसास कराते हैं. मुखा फॉल सोनभद्र जिला मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां आपको प्रारंभिक मानवों द्वारा बनाए गए गुफा चित्र भी देखने को मिलेंगे, जो कि इस जगह के महत्व को बढ़ा देते हैं. मुखा वॉटरफॉल जाकर आप अपने परिवार के साथ सुकून भरे पल बिता सकते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर आनंद ले सकते हैं.
पंच मुखी महादेव मंदिर
पंच मुखी महादेव मंदिर जमीन से 500 मीटर ऊपर पहाड़ों पर स्थित है. यह मंदिर चुर्क पहाड़ी पर स्थित है और जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर है. एक तरफ जहां इसके 5-6 साल पुराने होने की मान्यता है, वहीं सोलह गुफाओं में आदिम जनजातियों द्वारा बनाए गए भित्तिचित्र भी पाए गए हैं. पहाड़ी पर मौजूद होने के कारण यहां से काफी खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं. सुबह और शाम के समय यहां चलने वाली हवाएं मन को शांति और सुकून का अहसास कराती हैं.
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सोन इको पॉइंट
दुर्लभ और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे को देखने के लिए यह प्रसिद्ध व्यू पॉइंट है. यहां से सोन वैली पैनोरमिक व्यू में दिखाई देती है, जो कि प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अद्भुत दृश्य है. इसके अलावा सनराइज और सनसेट जैसे व्यू देखने के लिए लोग अक्सर यहां जाते हैं. यहां की खूबसूरती को सिर्फ आंखों में ही नहीं, कैमरे में भी कैद जरूर कीजिए. सोन वैली की पृष्ठभूमि में खींची तस्वीरें, आपकी ट्रिप की सबसे खूबसूरत याद बन सकती हैं.
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ज्वालमुखी शक्तिपीठ
यह मंदिर शक्तिनगर में स्थित है, जो कि जिला मुख्यालय से 113 किमी दूर है. सोनभद्र भारत का एकमात्र ऐसा जिला है जिसकी सीमाएं चार राज्यों से लगती हैं (मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार). इसलिए इस मंदिर से भी चारों राज्यों की मान्यताएं जुड़ी हैं. इसका महत्व और धार्मिक मूल्य को विंध्याधम और माहाड़म के बराबर माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि मां सती भवानी की जीभ यहां गिर गई थी. कारण है कि इस पीठ को सिद्धपीठ की श्रेणी में आने वाले ज्वालमुखी नाम दिया गया है. यह सम्मान, भक्ति और साधना की सर्वोच्च पदों में से एक है. इतना प्रगाढ़ आध्यात्मिक महत्व रखने के कारण आपको यहां भी जरूर जाना चाहिए.
विजयनगर किला
आप चंद्रकांता के बारे में तो जरूर जानते होंगे. बाबू देवीकीनंदन खत्री की चंद्रकांता संतति से लेकर टीवी पर प्रसारित हुए सीरियल में इस सस्पेंस भरी कहानी को दिखाया गया है. यह किला इसी कहानी की नायिका चंद्रकांता और नवगढ़ के राजकुमार की प्रेमकहानी का साक्षी है. किला अपने शिलालेखों, गुफा चित्रों और मूर्तियों के लिए भी जाना जाता है. अगर आप अपनी सोनभद्र की यात्रा को थोड़ा अडवेंचर और मिस्ट्री से भरना चाहते हैं तो यहां आपको जरूर जाना चाहिए.
(यह खबर यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे सिद्धार्थ मौर्य ने लिखी है.)