पतंजलि के साथ मिलकर यूपी के गौपालक कर सकेंगे कमाई, 50% कमिशन वाली स्कीम पर बात आगे बढ़ी
यूपी के गौ-पालक अब पतंजलि के साथ मिलकर कमाई कर सकेंगे. जानें 50% कमीशन वाली इस नई योजना की पूरी जानकारी.
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उत्तर प्रदेश में गौपालक किसानों के लिए कमाई का एक बेहतरीन रास्ता बनता नजर आ रहा है. इसके लिए प्रदेश में गोवंश के संरक्षण के साथ गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक नई पहल सामने आई है. इसके तहत यूपी गौ सेवा आयोग (UPGSC) और पतंजलि योगपीठ ने एक साझेदारी की घोषणा की है. इसमें गौ-पालक और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गौ-आधारित उत्पादों से कमाई कर सकेंगे. इस साझेदारी को अंतिम रूप देने के लिए यूपी गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्याम बिहारी गुप्ता ने हरिद्वार में योग गुरु रामदेव और पतंजलि के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात की.
गौ-शालाएं रूरल इंडस्ट्री की तरह काम करेंगी
इस समझौते का मुख्य लक्ष्य गौ-शालाओं को केवल गोवंश के लिए आश्रय स्थल के रूप में देखना नहीं है, बल्कि इसे रूरल इंडस्ट्री के हब में बदलने की तैयारी है. यहां पंचगव्य (गाय के पांच उत्पाद: दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) पर आधारित उत्पादों और बायोगैस पैदा की जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे न केवल गौ-संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होगा.
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गौ-पालकों को मिलेगा 50% कमीशन
इस नई योजना के तहत गांवों के लोग और गौ-पालक गाय के गोमूत्र को इकट्ठा कर सकेंगे. इन उत्पादों को बेचने पर उन्हें 50% का कमीशन मिलेगा. इस कदम से गौ-पालकों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ होगा और वे गौ-पालन से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे. पतंजलि योगपीठ इस पूरी प्रक्रिया में ट्रेनिंग, क्वॉलिटी कंट्रोल, सर्टिफिकेशन और लाइसेंसिंग में मदद करेगा.
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यूपी गौ सेवा आयोग के ओएसडी अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार राज्य के सभी 75 जिलों में से प्रत्येक में 2 से 10 गौ-शालाओं को बड़े मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा. इन केंद्रों पर गायों के लिए खुले शेड, बाड़ और सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी.
प्राकृतिक खेती और नई टेक्नोलॉजी को भी मिलेगा बढ़ावा
यह नई पार्टनरशिप प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देगी. इसके तहत गांवों में किसानों को नीम और वर्मीकम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे उनकी लागत कम होगी और मिट्टी की उर्वरता में भी सुधार होगा.
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तकनीकी रूप से इन गौ-शालाओं को उन्नत बनाने की भी योजना है. इसमें जियो-फेंसिंग, गायों की टैगिंग, फोटो मैपिंग और चारे की इन्वेंट्री ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. बाबा रामदेव जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस साझेदारी के रोडमैप को अंतिम रूप देंगे.