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फतेहपुर मंदिर-मजार विवाद: प्रयागराज कमिश्नर और आईजी रेंज ने 80 पेजों की रिपोर्ट शासन को भेजी, कई सनसनीखेज बातों का जिक्र

संतोष शर्मा

UP News: फतेहपुर में स्थित मजार में भारी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग घुस गए थे. मौके पर भारी बवाल हुआ था. अब मामले में रिपोर्ट शासन को भेजी गई है.

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UP News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में पिछले दिनों मकबरे को लेकर बड़ा विवाद सामने आया था. हिंदू पक्ष ने मकबरे को प्राचीन कृष्ण मंदिर बताया था और भारी संख्या में भीड़ मकबरे के अंदर चली गई थी. इस दौरान मकबरे और वहां मौजूद मजार को भी नुकसान पहुंचाया गया था. इस दौरान हिंदू संगठन के लोगों ने मकबरे के अंदर पूजा-पाठ भी किया था. मौके पर भारी बवाल हुआ था.  

बता दें कि अब इस पूरे विवाद में शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. प्रयागराज कमिश्नर और आईजी रेंज प्रयागराज ने ये रिपोर्ट शासन को भेजी है. सूत्रों की माने तो शासन ने प्रयागराज कमिश्नर से मकबरा और मंदिर विवाद में राजस्व दस्तावेजों की रिपोर्ट मांगी थी. अब ये रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, जिसमें वहां हुए बवाल का भी जिक्र है. सूत्रों की माने तो रिपोर्ट में मकबरे की जमीन गाटा संख्या 753 के साथ-साथ आसपास के पूरे इलाके के 8 गाटा संख्या का भी विवरण दर्ज है.

रिपोर्ट में क्या सामने आया? 

सूत्रों की माने तो जिस गाटा संख्या 753 में मकबरा दर्ज बताया गया है, उसके मालिकाना हक से लेकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित होने, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज होने का पूरा विवरण कमिश्नर प्रयागराज ने अपनी रिपोर्ट में दिया है. इसी के साथ गाटा संख्या 753 के साथ-साथ मकबरे से सटे 1159 गाटा का भी ब्यौरा रिपोर्ट में दिया गया है. 1159 गाटा संख्या के 23 खातेदारों में 6नंबर पर ठाकुर जी विराजमान मंदिर भी दर्ज है.

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प्रशासन की चूक को भी किया गया उजागर 

सूत्रों की माने तो रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार और प्रशासन की चूक को भी उजागर किया गया है. मालिकाना हक को लेकर दायर किए गए सिविल जज या हाई कोर्ट के किसी भी केस में सरकार को पार्टी नहीं बनाया गया है. इसी के साथ सरकार ने भी किसी भी फैसले के खिलाफ कभी कोई अपील ही नहीं की है.

सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में लिखा गया है कि किसी भी पुलिस अधिकार ने मकबरे की तरफ आगे बढ़ रही भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की. रास्ते में भी कही पर भी भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की गई.

सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में सामने आया है कि मौके पर एसपी अमेठी भी मौजूद नहीं थे. जब भीड़ मकबरे में घुसी गई तब एसपी फतेहपुर अनूप सिंह मौके पर पहुंचे. रिपोर्ट में दर्ज है कि पूजा-अर्चना के इनपूट के बाद भी अपील करने वाले पक्ष से बात नहीं की गई. 

6 दिन तक कैंप किया तब तैयार हुई रिपोर्ट

आपको बता दें कि 10 अगस्त को फतेहपुर में हुए बवाल के बाद प्रयागराज कमिश्नर विजय विश्वास पंत और आईजी प्रयागराज अजय मिश्रा ने फतेहपुर में 6 दिन लगातार कैंप किया. इसके बाद ये रिपोर्ट तैयार की गई है. पुराने दस्तावेज, कोर्ट आदेश समेत दोनों अधिकारियों ने करीब 80 पेज की रिपोर्ट शासन को भेजी है.

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